हमारे कांग्रेस के नेता ही कोयले की कालाबाजारी में लिप्त -विजय वडेट्‌टीवार के सनसनीखेज आरोप से दहल उठी कांग्रेस

15

 

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस विधायक विजय वडेट्‌टीवार के एक बयान से न केवल महाराष्ट्र में बल्कि कांग्रेस के राजनीतिक महकमे में भूचाल आ गया है। किसी वरिष्ठ नेता की ओर से अपने ही कांग्रेस पार्टी के एक नेता पर कोयले की कालाबाजारी में लिप्त होने की बात उजागर कर वडेट्‌टीवार ने कांग्रेस के कीचड़ में ही आरोपों के कमल खिला दिये हैं। भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस पर यदि यह आरोप लगते तो समझा जा सकता था। लेकिन यहां कांग्रेस ही कांग्रेस की दुश्मन बनती जा रही है। इसका खामियाजा आगामी विधानसभा के चुनावों पर होना निश्चित है। वहीं दूसरा अहम मुद्दा यह है कि अवैध कोयला कारोबार में वह कौनसा नेता है जो अपने राजनीतिक पॉवर का इस्तेमाल अवैध कारोबारियों को पनाह देने के लिए कर रहा है ? बात चाहे जो भी हो, वडेट्‌टीवार की ओर से टीवी चैनलों के सामने दिये गये इस बयान से कांग्रेस की गुटबाजी अवश्य ही तीखे तेवरों के साथ उजागर हुई है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar, leader of opposition in the state assembly) ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है, जिसमें उन्होंने न केवल विरोधी दल के नेताओं बल्कि अपने ही दल के नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। वडेट्टीवार का कहना है कि कोयला वॉशरीज (Coal Washeries) से होने वाले प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि NM Global और Rukhmai Coal Washeries में बड़े पैमाने पर काले बाजार का खेल चल रहा है, जिसमें स्थानीय राजनीतिक नेता भी शामिल हैं। वडेट्टीवार ने कहा कि कोयले की अवैध बिक्री से होने वाले मुनाफे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं का हाथ है।

वडेट्टीवार ने कहा कि NM Global और Rukhmai Coal Washeries पर करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनएम ग्लोबल के मालिक को बड़े नेताओं का समर्थन प्राप्त है, जिससे वह कानूनी कार्रवाई से बच निकलते हैं।
जब तक महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन नहीं होता, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। उन्होंने राजनीतिक संरक्षण के बिना ऐसे अवैध धंधों के फलने-फूलने की संभावना को खारिज कर दिया और कहा कि यह जनता और किसानों का दुर्भाग्य है कि उनके लिए कोई भी नेता संघर्ष नहीं कर रहा है।

एनएम ग्लोबल और रुखमाई कोल वॉशरीज पर विशेष रूप से निशाना साधा। उनका आरोप है कि इन कंपनियों के कारण क्षेत्र में वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। क्योंकि इसके पीछे बड़े राजनेताओं का संरक्षण है।
कोयले के काले बाजार में वर्चस्व के संघर्ष के कारण कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। बीते कुछ सालों में चंद्रपुर जिले में जितनी भी गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं उनमें ज्यादातर कोयला माफिया से जुड़ी हुई थी।हाल ही में हाजी सरवर शेख नामक कोयला माफिया की हत्या कर दी गई थी, जिसे उसके ही पूर्व सहयोगी समीर शेख ने अंजाम दिया था। इस हत्या के पीछे काले बाजार में वर्चस्व की लड़ाई को कारण माना जा रहा है। और कोयले के अवैध कारोबार के कारण ही चंद्रपुर वासेपुर से मिर्जापुर बनता हुआ दिखाई दे रहा।