चंद्रपुर: छोटे तस्करों पर शिकंजा, पर बड़े सुगंधित तंबाकू कारोबारियों तक क्यों नहीं पहुंच रही पुलिस?
चंद्रपुर, 6 जून 2025: राजुरा पुलिस ने प्रतिबंधित सुगंधित तंबाकू की तस्करी के खिलाफ एक और कार्रवाई को अंजाम देते हुए ऑटो चालक अविनाश आबाजी शेंडे को गिरफ्तार किया और 5.99 लाख रुपये का माल जब्त किया। हालांकि, इस कार्रवाई के बावजूद सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस प्रशासन छोटे तस्करों को तो पकड़ रहा है, लेकिन बड़े सुगंधित तंबाकू कारोबारियों तक पहुंचने में क्यों नाकाम हो रहा है?
राजुरा: संविधान चौक पर कार्रवाई, 6 लाख का माल जब्त
5 जून 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर राजुरा पुलिस ने संविधान चौक पर नाकाबंदी कर ऑटो (क्रमांक MH34-D-6339) की तलाशी ली। ऑटो चालक अविनाश शेंडे (42 वर्ष, बाबूपेठ, चंद्रपूर) के कब्जे से प्रतिबंधित सुगंधित तंबाकू बरामद हुआ, जिसमें ईगल हुक्का शीशा (54,780 रुपये), होला हुक्का शीशा (39,750 रुपये), विमल पान मसाला (198 रुपये), और वी-1 तंबाकू (440 रुपये) शामिल था। तस्करी में उपयोग किए गए ऑटो (कीमत 5 लाख) सहित कुल 5,99,326 रुपये का माल जब्त किया गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 123, 223, 275 और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया गया।
बड़े कारोबारियों पर नकेल क्यों नहीं?
हालांकि पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन स्थानीय लोग और जानकार सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस का खुफिया तंत्र केवल छोटे-मोटे तस्करों तक ही सीमित क्यों रहता है? गुप्त सूचनाएं छोटी खेपों की तो दे देती हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर सुगंधित तंबाकू की तस्करी की खेपों की जानकारी क्यों नहीं मिल पाती? सूत्रों के अनुसार, बड़े कारोबारी संगठित नेटवर्क के जरिए काम करते हैं और स्थानीय स्तर पर छोटे तस्करों को मोहरा बनाकर अपनी गतिविधियां चलाते हैं।
क्या है पुलिस की चुनौती?
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बड़े तस्करों तक पहुंचने के लिए ठोस सबूतों और गहरी जांच की जरूरत होती है। गुप्तचर तंत्र की सीमाएं, संसाधनों की कमी, और तस्करों का लगातार रणनीति बदलना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। इसके अलावा, बड़े कारोबारी स्थानीय स्तर पर डीलरों के जरिए काम करते हैं, जिससे उनके खिलाफ सबूत जुटाना मुश्किल हो जाता है।
पुलिस की प्रतिबद्धता, फिर भी सवाल बरकरार
पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीना जनबंधु, और उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुधाकर यादव के मार्गदर्शन में राजुरा पुलिस ने यह कार्रवाई की। पुलिस निरीक्षक सुमित परतेकी के नेतृत्व में पुलिस उपनिरीक्षक भिष्मराज सोरते, पांडुरंग हाके, और अन्य कर्मियों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने प्रतिबंधित तंबाकू के खिलाफ सख्ती की प्रतिबद्धता जताई, लेकिन सवाल वही है- आखिर बड़े माफियाओं तक पुलिस कब पहुंचेगी?
समाज पर प्रभाव और मांग
सुगंधित तंबाकू का बढ़ता चलन युवाओं और समाज के लिए खतरा बन रहा है। जिससे मौखिक कैंसर जैसी बीमारियों का प्रमाण जिले में बड़ी संख्या में बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि पुलिस बड़े तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाए। क्या पुलिस प्रशासन इस चुनौती को स्वीकार करेगा, या छोटे तस्करों पर कार्रवाई ही इसकी उपलब्धि बनी रहेगी? यह सवाल चंद्रपूर की जनता के मन में कौंध रहा है।