गडचिरोली तहसील के वसा गाँव के निवासी उमेश केशव सोरते को हाल ही में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा जिला न्यायाधीश के पद के लिए चयनित किया गया है। वर्तमान में, वे जुलाई 2023 से चंद्रपुर जिला न्यायालय में प्रथम वर्ग के न्यायिक दंडाधिकारी के पद पर सहायक सरकारी अभियोक्ता (ग्रुप ए) के रूप में कार्यरत हैं। इसके पहले वे वर्धा जिले के आष्टी में भी प्रथम वर्ग के न्यायिक दंडाधिकारी और गडचिरोली जिले के जिला एवं सत्र न्यायालय में निजी वकील के रूप में सेवाएँ दे रहे थे।
उमेश सोरते का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और वे एक किसान परिवार से हैं, जिसके कारण उन्हें सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। सहायक सरकारी अभियोक्ता के रूप में कार्यरत रहने के बावजूद, उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत ने उन्हें जिला न्यायाधीश के इस मुकाम तक पहुँचाया। पिछले वर्ष महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उनका चयन अवर सचिव (विधि) ग्रुप ए के पद के लिए मंत्रालय, मुंबई में हुआ था, लेकिन उन्होंने यह पद नहीं स्वीकारा क्योंकि उनका सपना जिला न्यायाधीश बनने का था।
इससे पहले भी वे न्यायाधीश (कनिष्ठ स्तर) और जिला न्यायाधीश के पद के लिए साक्षात्कार दे चुके थे, लेकिन कुछ अंकों के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली थी। अपने इस असफलता से निराश न होकर उन्होंने कठिन परिश्रम जारी रखा और उच्च पदों की परीक्षा की तैयारी जारी रखी। आखिरकार, 2022 में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित छंटनी परीक्षा, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद उमेश सोरते का चयन ‘जिला न्यायाधीश’ के पद के लिए हुआ। उन्होंने अपने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, चाचा-चाची, भाई-भाभी, बहन और मित्रों को दिया है।