चंद्रपुर को ‘रोजगार’ देने में सरकार नाकाम

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■ अधिवेशन में जिले के 6 विधायकों को दहाड़ना चाहिए

■ 10 साल में चंद्रपुर में बढ़ गए 65,908 शिक्षित बेरोजगार

चंद्रपुर.
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के पूर्व सत्ता में आने के पहले ही हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन बीते 10 सालों में चंद्रपुर जिले में रोजगार के अवसर अपेक्षा के अनुसार बढ़ नहीं सकें। यहां बीते 10 वर्षों में 65 हजार 908 सुशिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। जबकि रोजगार मिलने के दर में काफी कटौती देखी गई है। चंद्रपुर जिले की कमान यहां के 5 विधायकों पर हैं। इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक सुधीर मुनगंटीवार, किशोर जोरगेवार, कीर्तिकुमार भांगडिया, करण देवतले, देवराव भोंगले के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक विजय वडेट्‌टीवार नेतृत्व कर रहे हैं। अब सही मौका है कि इस अधिवेशन में चंद्रपुर जिले में बढ़ रहे शिक्षित बेरोजगारों की फौज को रोजगार दिलाने के लिए सदन में आवाज बुलंद किया जाएं। इन विधायकों को रोजगार के मसले पर सदन में दहाड़ना चाहिए। जिले के अत्यंत महत्वपूर्ण इस विषय पर विधायक चुप्पी साधे बैठे रहेंगे तो युवाओं में नाराजगी फैल सकती है।

■ हर साल चंद्रपुर को 25,094 रोजगार की दरकार
भारत में जिलों की कुल संख्या 797 हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणा के अनुसार देश को हर साल 2 करोड़ रोजगार मिलना चाहिये था। इस लिहाज से हर साल चंद्रपुर जिले के हिस्से में 25,094 रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने चाहिये थे। यदि 2014 से अब तक अर्थात बीते 10 सालों का हिसाब लगाया जाएं तो यहां के निवासियों के लिए कुल 2 लाख 50 हजार 941 नये रोजगार प्राप्त होने चाहिये थे। परंतु बड़े दुख व खेद की बात है कि चंद्रपुर जिला रोजगार पाने के क्षेत्र में अग्रसर होने के बजाय अधोगति में जाता हुआ दिखाई पड़ रहा है। ऐसे में जिले के 6 विधायकों को यहां के शिक्षित बेरोजगारों की चिंता करनी चाहिये।

■ कामगार के क्षेत्र में चंद्रपुर जिले की स्थिति
वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार चंद्रपुर जिले की कुल जनसंख्या 22 लाख 4 हजार 307 है। इनमें 11,23,834 पुरुष तथा 10,80,473 महिलाएं हैं। काम करने वालों में 20.9 प्रतिशत किसान, 44.8 प्रतिशत खेती मजदूर हैं। 2 प्रतिशत लोग घरेलु उद्योग, वस्तु निर्माण प्रक्रिया, सेवा-सुधार में लगे हैं। वहीं 32.3 प्रतिशत लोग अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। जिले के विभिन्न उद्योगों में वर्तमान में कुल 34,516 कामगार हैं। इनमें से 19,520 तो दुकानों में, 12, 422 व्यापारी संस्थानों में, 2,295 होटल व उपहारगृह में 19 लोग टॉकिज में तथा 180 व्यक्ति अन्य कार्यों में कार्यरत हैं।

■ प्रशासनीक रिपोर्ट ही खोल रही पोल
जिला कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शक केंद्र के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में 7,243 उम्मीदवारों ने रोजगार पाने के लिए अपना पंजीयन कराया है। वर्ष 2024 के अंत तक पंजीयन सूची में कुल 1,52,875 बेरोजगार युवाओं के नाम दर्ज किये गये हैं। इनमें से केवल 823 उम्मीदवारों को ही रोजगार प्राप्त हो पाया है। बीते वर्षों की तुलना में रोजगार पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी आने की जानकारी का दावा स्वयं प्रशासनीक रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट से सरकारी दावों की पोल खुलने लगी है।

■ 10 से चंद्रपुर जिले में रोजगार कैसे घट गया ?
वर्ष 2024 के प्रशासनीक रिपोर्ट की तुलना जब हम वर्ष 2013 से करें तो हमें ज्ञात होता है कि वर्ष 2013 में 14,760 शिक्षित बेरोजगारों ने रोजगार पाने के लिए अपना पंजीयन कराया था। वहीं वर्ष 2024 में 7,243 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया। कहा जाता है कि रोजगार पंजीयन कार्यालय से रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में अधिकांश युवा अब अपना पंजीयन नहीं करा रहे है। लेकिन जैसे ही हम रोजगार पाने के आंकड़ों पर गौर करते हैं तो हमको आश्चर्य का धक्का लग जाता है। जब वर्ष 2013 में चंद्रपुर जिले में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 82,475 थीं, वहीं यह संख्या वर्ष 2024 में बढ़कर 1,52,875 तक पहुंच गई है। हैरत की बात है कि वर्ष 2013 में जिले के जहां 1763 शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला, वहीं वर्ष 2024 में यह संख्या घटकर 823 पर पहुंच गई है। अर्थात बीते 10 सालों में बड़े पैमाने पर रोजगार घट गया है। जबकि जिले के विधायकों, सांसदों और जनप्रतिनिधियों के आमदनी और संपत्ति में दोगुना से अधिक का इजाफा हुआ है। इसलिए इस बार मानसून अधिवेशन में जिले के 6 विधायकों को यहां के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सदन में आवाज उठाना चाहिये।