■ कांग्रेस नेतागण और प्रमुख विरोधी दलों ने साध ली चुप्पी
चंद्रपुर.
गोंडवाना विद्यापीठ, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, गडचिरोली एवं स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर साहित्य अध्यासन केंद्र के तत्वावधान में गत 30 जून 2025 की शाम गोंडवाना विश्वविद्यालय के नये सभागृह में ‘युगप्रवर्तक – डॉ. हेडगेवार’ नामक हिंदी नाटक का मंचन किया गया। नादब्रम्ह निर्मित एवं युगसंधान प्रस्तुत इस नाटक के मंचन के पूर्व ही विविध संगठनों ने इसके मंचन को लेकर ऐतराज जताया। नाटक के मंचन को रद्द करने की मांग को लेकर संगठनों ने विश्वविद्यालय के द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। नारेबाजी की। साथ ही कुलगुरू डॉ. प्रशांत बोकारे से प्रत्यक्ष भेंट कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। लेकिन इस पूरे मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साध ली है। तमाम विरोधी दलों और उनके नेताओं को एक सरकारी विश्वविद्यालय एक खास अर्थात RSS विचारधारा से ग्रसित होने पर कोई ऐतराज नहीं हैं, यह प्रतीत होता है।
विविध संगठनों का क्या है आरोप ?
गोंडवाना विश्वविद्यालय में डॉ. हेडगेवार के नाटम मंचन पर ऐतराज जताने वालों में आदिवासी युवा परिषद, वीर बाबूराव समिति, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जंगो रायताड समिति, भाकपा, रिपब्लिकन पक्ष, माकपा संगठन के पदाधिकारी शामिल थे। इनका आरोप है कि गोंडवाना विश्वविद्यालय यह सरकारी संस्था है। यह सरकार के निधि और आम गरीब छात्रों से मिलने वाली फीस पर चलाई जाती है। लेकिन इस विश्वविद्यालय एक खास विचारधारा का प्रचार व प्रसार किया जा रहा है, जो कि गलत और गैरकानूनी है। गोंडवाना विवि को यहां के पिछड़े इलाकों के गरीब छात्रों के शैक्षणिक विकास के लिए शुरू किया गया था। परंतु यह अब एक विशेष विचारधारा के प्रचार व प्रसार का केंद्र बन गया है। जबकि डॉ. हेडगेवार का विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास अथवा देश के दलित-आदिवासी एवं अन्य अल्पसंख्यक समूदाय के कल्याण से कोई संबंध नहीं रहा है। ऐसे में गोंडवाना विवि में डॉ. हेडगेवार नाटक के मंचन करने को विविध संगठनों ने आपत्ति जताकर आंदोलन किया।
कुलगुरू से भेंट कर किसने सौंपा ज्ञापन ?
गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. प्रशांत बोकारे से प्रत्यक्ष भेट कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने वाले और विद्यापीठ के गेट पर आंदोलन का नेतृत्व करने वालों में आदिवासी युवा परिषद के कुणाल कोवे, वीर बाबूराव समिति के वसंतराव कुलसंगे, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रशांत मडावी, जंगो रायताड समिति के कुसूम अलाम, भाकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य डॉ. महेश कोपुलवार, रिपब्लिकन पक्ष के केंद्रीय उपाध्यक्ष रोहिदास राऊत, माकपा के अमोल मारकवार शामिल थे। इस मौके पर आझाद समाज पार्टी के धर्मानंद मेश्राम, भाकपा के जिला सचिव देवराव चवले, राज बनसोड, नागसेन खोब्रागडे, हंसराज उराडे, प्रकाश खोब्रागडे, संजय वाकडे, जलील शेख, रोहिदास फुलझेले, चुन्नीलाल मोटघरे, रामभाऊ कालबांधे, हंसराज उंदिरवाडे, प्रदीप भैसारे, प्रल्हाद रायपुरे, नरेंद्र रायपुरे, विलास निंबोरकर, उमेश उईके, कल्पना रामटेके, मालता पुडो, लीना कोकोडे आदि उपस्थित थे।
नाटक के मंचन में विद्यापीठ शामिल
इस नाटक का उद्घाटन समारंभ गोंडवाना विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. प्रशांत बोकारे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रचिंतजी अरविंद पोरेड्डीवार, घिसुलाल काबरा एवं गोंडवाना विद्यापीठ के प्र-कुलगुरू डॉ. श्रीराम कावले प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे।