चंद्रपुर, 20 मई: नशीले पदार्थों का सेवन मृत्यु को निमंत्रण देना है। युवा पीढ़ी को इसकी लत से बचाने के लिए नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जनता में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। साथ ही, जिले में नशीले पदार्थों की तस्करी, भंडारण और बिक्री को रोकने के लिए संबंधित विभागों को प्रभावी उपाययोजनाएं लागू करने के निर्देश जिल्हाधिकारी विनय गौड़ा जी.सी. ने दिए।
जिल्हाधिकारी कार्यालय में नार्को-कोऑर्डिनेशन समिति की जिला स्तरीय बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. महादेव चिंचोले, अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी मिना साळुंके, राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के अधीक्षक नितिन धार्मिक, केंद्रीय जीएसटी विभाग के अधीक्षक विजयकुमार, पुलिस निरीक्षक अमोल काचोरे, प्रदीप मडावी सहित अन्य उपस्थित थे।
जिल्हाधिकारी गौड़ा ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा नशीले पदार्थों, शराब और तंबाकू का सेवन न हो, इसके लिए विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षा विभाग को मैराथन रैली, निबंध स्पर्धा, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पथनाट्य और अन्य माध्यमों से जागरूकता फैलानी चाहिए। पुलिस विभाग के सहयोग से स्कूल-कॉलेजों में कार्यशालाएं आयोजित की जाएं और इसके लिए पूरे वर्ष का उचित नियोजन किया जाए।
अन्न व औषध प्रशासन विभाग को जिले के रासायनिक कारखानों में किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का उत्पादन न हो, इसकी सतर्कता बरतनी होगी। मेडिकल स्टोर्स पर अचानक निरीक्षण कर प्रतिबंधित ड्रग्स की बिक्री की जांच की जाए। जिले और अंतरराज्यीय सीमाओं पर खेतों में खसखस या गांजा की खेती न हो, इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाए और ग्राम स्तर पर कृषि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाए।
डाक के माध्यम से आने वाले पार्सल में नशीले पदार्थों की आशंका होने पर तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए। निजी वाहनों से आने वाली डाक, पार्सल और कूरियर की अचानक जांच की जाए। एमआईडीसी क्षेत्र में कितने कारखाने हैं, वहां प्रतिबंधित उत्पादन हो रहा है या नहीं, और बंद पड़े कारखानों की संयुक्त जांच की जाए।
बैठक में प्रस्तुति पुलिस निरीक्षक अमोल काचोरे ने दी। इस अवसर पर विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।