चंद्रपुर में न कोई बंकर, न कोई मजबूत भूमिगत स्थान, लेकिन तुम ! डरना मत !

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मॉक ड्रिल : जब देश में बजेंगे युद्ध के सायरन तब क्या करना चाहिए ?

चंद्रपुर.
चंद्रपुर जिले में बरसों से चल रही भूमिगत कोयला खदानें व बंकर बंद हो चुके हैं, इनमें रेत भरकर इसे पाट दिया गया है। बहरहाल कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद भारत में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस बीच देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हो रही है। महाराष्ट्र के 11 जिलों में भी मॉक ड्रिल चल रही है। परंतु चंद्रपुर जिले में मॉक ड्रिल जैसी कोई कवायद नहीं है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार युद्ध की स्थिति में चंद्रपुर के लाखों निवासियों को बचाने के लिए न कोई बंकर मौजूद हैं और न ही कोई मजबूत भूमिगत स्थल। प्रगत देशों की तुलना में हम उनके नियोजन और तैयारियों के परिपेक्ष में धूल के कण के बराबर भी नहीं हैं। युद्ध में खुद को बचाना भले ही मुश्किल हो, लेकिन कुछ सावधानियां एक नागरिक के तौर पर हमें बरतनी ही चाहिये। वे सावधानियां क्या है ? इस पर मार्गदर्शन और जागरूकता फैलाना हर नागरिक का कर्तव्य है। आईये, जानते हैं कुछ जरूरी जानकारियों को…

♦ युद्ध हुआ तो खुद को कैसे बचाएं ?
-अफवाहों से बचें
-आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें
-आपातकालीन किट तैयार करें
-घर के अंदर सुरक्षित रहें
-पड़ोसियों की मदद करें
-घबराएं नहीं
-सरकारी सूचना, रेडियो, टेलीविजन से ही ताजा जानकारी प्राप्त करें
-अपने घरों के अंदर ही रहें, खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखे और उनसे दूर रहें
-यदि आस-पास कोई बंकर या मजबूत भूमिगत स्थान उपलब्ध है, तो आवश्यकता पड़ने पर उसमें चले जाएं
-यदि बंकर उपलब्ध नहीं है, तो घर के अंदरूनी कमरे में रहें
-फर्श पर बैठें और दीवारों से दूर रहें
-एक आपातकालीन किट तैयार करें जिसमें पानी की बोतलें, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, सीटी, चाकू, माचिस या लाइटर, नकदी, महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंबल या गर्म कपड़े, सैनिटाइजर और मास्क जैसी जरूरी सामान को साथ रखें
-कुछ दिनों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी का भंडारण करके रखें
-यदि आप कोई नियमित दवाएं लेते हैं, तो उनका पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें
-यदि बमबारी या अन्य खतरों की आशंका हो, तो बिजली के सभी उपकरणों को बंद कर दें
-यदि गैस का रिसाव महसूस हो या खतरे की आशंका हो, तो मुख्य गैस वाल्व को बंद कर दें
-अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या प्रशासन को सूचित करें
-किसी भी लावारिस वस्तु को न छुएं, इसकी सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दें
-आपके क्षेत्र में ब्लैकआउट है, तो घरों में कम रोशनी का उपयोग करें ताकि बाहर से कम दिखाई दें
-यात्रा से बचें


♦ देश भर के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल
आज, 7 मई 2025 को देश भर के 244 जिलों में एक साथ नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। यह अभ्यास युद्ध, आतंकवादी हमले, प्राकृतिक आपदा या रासायनिक हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं की तैयारी जांचने के लिए किया जा रहा है।

♦ मुख्य बातें :

* यह मॉक ड्रिल 1971 भारत-पाक युद्ध के बाद की सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा कवायद मानी जा रही है।
* जम्मू-कश्मीर, पंजाब और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में इसका विशेष महत्व है क्योंकि ये रणनीतिक दृष्टि से संवेदनशील हैं।

♦ इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य :
* आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को अनुशासित और त्वरित प्रतिक्रिया देने योग्य बनाना।
* प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन दल, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों और होम गार्ड्स के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना।

♦ ड्रिल में शामिल मुख्य गतिविधियाँ :
* हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाना
* ब्लैकआउट अभ्यास – यानी सभी लाइटें बंद करना ताकि दुश्मन का ध्यान आकर्षित न हो
* सुरक्षित स्थानों की ओर लोगों का स्थानांतरण
* बंकर में शरण लेने का अभ्यास
* प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन किट के उपयोग का प्रशिक्षण
* नागरिकों के लिए विशेष सत्र और जनजागृति अभियान

♦ विशेष जनजागरूकता सत्र :
* स्कूलों, कॉलेजों और गाँवों में सुरक्षा नियमों और सही प्रतिक्रिया विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

♦ मॉक ड्रिल क्यों जरूरी है ?
* इससे नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है और संकट के समय घबराहट कम होती है।
* प्रशासन को अपनी तैयारियों की कमियाँ पता चलती हैं, जिन पर तुरंत सुधार किया जा सकता है।
* सीमावर्ती क्षेत्रों में यह अभ्यास नागरिकों को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक है।

♦ नागरिकों की भागीदारी कैसे हो ?
* प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभ्यास में सक्रिय भागीदारी करें।
* अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत निर्देशों का पालन करें।
* इससे व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ-साथ समुदाय की सामूहिक सुरक्षा और जागरूकता भी सुनिश्चित होगी।