मुनगंटीवार के आदेश को ठेंगा, CM फडणवीस का CSTPS प्रशासन – ‘झुकेगा नहीं…’

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करोड़ों के भ्रष्टाचार, यूनिट बंद पड़ने, प्रदूषण का जहर, किसी भी प्रकरण पर अंकुश लगाने स्थानीय नेता हो रहे फेल

अधिकारियों की मुजोरी- मंत्रालय सेट है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता !

गेंडे की खाल ओढ़े अधिकारियों पर स्थानीय नेताओं का आदेश अब बेअसर

चंद्रपुर :

किसी भी मंत्रालय में स्थानीय अफसरों की सेटिंग और मलाई पहुंचाने की नीति सेट हो जाएं तो वे भ्रष्ट अफसर गेंडे की खाल ओढ़ लेते हैं। ऐसे में स्थानीय जनता के जरूरी मुद्दे हो या फिर लोकल नेताओं के आदेश हो, इन मुजोर अफसरों पर कोई असर नहीं होता। ऐसे में प्रदूषण का जहर, करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले, घटिया कोयला आपूर्ति, CSTPS के नये-नवेले यूनिटों का बंद पड़ जाना, स्थानीय विधायकों और जिलाधिकारी के आदेश आदि को ठेंगा दिखाने की हिम्मत तो आ ही जाती है। ताजा मामला है कि गत 18 जनवरी को स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने जिलाधिकारी समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ CSTPS का दौरा किया। और एक माह के भितर प्रदूषण को नियंत्रित करने के संसाधन लगाने के साथ-साथ सर्वत्र सीसीटीवी लगाने और उसका स्क्रीन जनता के लिए उपलब्ध कराने के अलावा कंट्रोल रूम में भी लगाने के निर्देश दिये। परंतु एक माह बीत गया और गेंडे की खाल पहने हुए अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। अब जब पूर्व मंत्री मुनगंटीवार, प्रदेश के सीएम देवेंद्र फडणवीस के CSTPS के प्रशासन के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं, ऐसे में फडणवीस का ऊर्जा विभाग मुनगंटीवार के आदेशों को कितना गंभीरता से ले रहा है, इस पर जनता में चर्चा होने लगी है।

क्या है पूरा मामला ?

बीते 18 जनवरी 2025 को पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने अपने भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की भारी-भरकम टीम को लेकर CSTPS और वेकोलि क्षेत्र का दौरा किया। इस समय उन्होंने अपने साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी और CSTPS के अधिकारियों को भी साथ रखा। मुनगंटीवार ने आव देखा न ताव और आनन-फानन में चंद निर्देश दे दिये। एक माह में उन निर्देशों का पालन करने की कठोर सूचना दी। मीडिया में खबरें छपवाई गई। इस दौरे के वीडियो और रिल्स बनाकर सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही बटोर ली गई। जनता को भी लगा कि अब एक माह में सबकुछ ठीक हो जाएगा। परंतु वर्तमान में हालात वही है जो एक माह पूर्व थे। अब पूर्व मंत्री मुनगंटीवार अपने ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ऊर्जा विभाग के अधिन काम करने वाले CSTPS के मुजोर अधिकारियों के खिलाफ कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

मुनगंटीवार ने क्या किया था दावा ?

पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने गत 18 जनवरी 2025 को CSTPS का दौरा करते समय मीडिया के कैमरों के आगे दावा किया था कि वे दुर्गापुर के 10 हजार नागरिकों को प्रदूषण से मुक्ति दिलाएंगे। एक माह के भितर कोल हैंडलिंग प्लांट के पास एअर पोल्युशन संयंत्र जहां-तहां बिठाएंगे। वेकोलि को इसके लिए निर्देश दिये गये। वॉटर फॉगिंग सिस्टम 24 घंटे शुरू रहेगा। यह शुरू है या नहीं, इसकी पड़ताल करने के लिए बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे। इन कैमरों से जुड़े स्क्रीन परिसर के मुख्य स्थान पर डिस्टले के लिए लगाया जाएगा। साथ ही एक स्क्रीन कंट्रोल रूम में भी लगाया जाएगा। इसके अलावा विविध समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिकारियों-पदाधिकारियों की एक समिति गठित करवाएंगे। यह समिति नियमित बैठकें लेकर उसकी रिपोर्ट पेश करेगी। परंतु हैरत की बात है कि विधायक मुनगंटीवार के दावों, निर्देशों और आदेशों को यहां के मुजोर अधिकारियों ने ठेंगा दिखा दिया। एक माह बीत गया, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हो पाया। अब देखना दिलचस्प होगा कि मुनगंटीवार इन मुजोर अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं ?

मंत्रालय से करोड़ों ठेके, स्थानीय ठेकेदार बर्बाद

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे चंद्रपुर के CSTPS में घटिया कोयला आपूर्ति, प्रदूषण, लेबर आपूर्ति के आंकड़ों में भारी गड़बड़ी की बातें तो अब किसी से छिपी नहीं है। घोटालों की मलाई खाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की कुनीतियों के कारण CSTPS के नये-नवेले यूनिट बार-बार बंद पड़ रहे हैं। इसके बावजूद सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग पा रही है। ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने CSTPS की बदहाली से मानो कोई लेना-देना ही नहीं है। तमाम बड़े और करोड़ों के ठेके मंत्रालय से आवंटित होने लगे हैं। छोटे-छोटे ठेकों के माध्यम से अपनी आजीविका चलाने वाले स्थानीय ठेकेदार अब सड़क पर आ गये हैं। इन्हें काम मिलना मुश्किल हो गया है। परंतु यह ठेकेदार खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। ऊर्जा मंत्रालय और CSTPS की ओर से जिस बड़े ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया गया है, उसे ही पुन: पुन: ठेकों की सौगात बांटी जा रही है। और स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि मुकदर्शक बन गये हैं।

भ्रष्ट अफसरों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता

गत सप्ताह चंद्रपुर की बुलंद आवाज अखबार ने CSTPS में घटिया कोयले की आपूर्ति, गुणवत्ता में गिरावट, ठेकेदारों और व्यापारियों के साथ साठगांठ, कमिशनखोरी आदि अनेक विषयों को लेकर खबर चलाते हुए इस प्रकरण को उजागर किया था। एशिया के सबसे बड़े विद्युत निर्माण केंद्र कहे जाने वाले CSTPS के नये-नवेले यूनिट बार-बार बंद पड़ने की बात पर CSTPS के किंगमेकर अर्थात यहां के अधिकारी भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी के महान कार्यों को बयां किया था। साथ ही मौजूदा मुख्य अभियंता विजय राठौड की निष्क्रियता पर भी अनेक सवाल उठाये थे। इसके बावजूद जनता को महंगी बिजली बांटने वाले ऊर्जा विभाग का करोड़ों का नुकसान होने पर जनता के बीच बिजली यूनिट बंद पड़ने के कारणों का खुलासा नहीं किया जा रहा है। यह आश्चर्य जनक है। CSTPS के किंगमेकर भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी तथा सीई विजय राठौड को अब जनता के सामने आकर यूनिट बार-बार बंद पड़ने का राज खोलना चाहिये। इन्हें कोई प्रेस कांफ्रेंस लेना चाहिये या कोई पुख्ता जानकारी के आधार पर प्रेसनोट जारी करना चाहिये। लेकिन इनकी चुप्पी को देखकर अब लगने लगा है कि इन गड़बड़ियों में भी उक्त अधिकारियों का कोई न कोई रोल है। सरकार और मंत्रालय को यहां की गहन जांच करवाना अब जरूरी हो गया है।