चंद्रपुर : DPC का इस साल का बजट ₹ 700,80,00,000

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■ ऐलान बड़े-बड़े, बजट करोड़ों का, कागज़ी योजनाओं में ग़ायब न हो जाएं !

चंद्रपुर.
चंद्रपूर जिला नियोजन बैठक : वादे, निर्देश और ज़मीनी हक़ीक़त
🔹 लोकप्रतिनिधियों के सुझावों का सम्मान – पर क्या होगा अमल ?
📍 पालकमंत्री डॉ. अशोक उईके ने सभी विभाग प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लोकप्रतिनिधियों के सुझावों को गंभीरता से लेना होगा।
📍 लेकिन सवाल यही है कि क्या ये निर्देश केवल कागज़ी रहेंगे, या धरातल पर भी दिखेंगे ?

🔹 700 करोड़ का बजट – जनता को कितना मिलेगा लाभ ?
📍 2025-26 के लिए चंद्रपूर ज़िले को 700.80 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना मंजूर।
📍 510 करोड़ सामान्य योजना, 115.80 करोड़ आदिवासी उपयोजना और 75 करोड़ अनुसूचित जाति योजना के लिए तय।
📍 बड़ा सवाल : क्या यह पैसा सही जगह खर्च होगा या फिर पुराने ढर्रे पर “कागज़ी योजनाओं” में ही ग़ायब हो जाएगा ?

🔹 शिक्षा और बच्चों की प्राथमिकता
📍 स्कूलों में स्वतंत्र शौचालय निर्माण के लिए निधि देने की घोषणा।
📍 पर हकीकत ये है कि गांव-गांव में बच्चों के पास अभी भी शौचालयों के अलावा किताबें और बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

🔹 स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल
📍 सिकलसेल और एनीमिया मुक्त ज़िला बनाने का ऐलान।
📍 जिला अस्पताल में शववाहिका के लिए खनिज निधि से सहायता देने की बात।
📍 मगर सच्चाई ये है कि गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है, डॉक्टर और दवाइयां दोनों की भारी कमी है।

🔹 किसान और बुनियादी ज़रूरतें
📍 किसानों के लिए पाणंद रास्ते (खेतों तक पहुंच के छोटे मार्ग) बनाने का वादा।
📍 “घरकुल” योजना से कोई भी वंचित न रहे, इसकी बात।
📍 लेकिन किसान जानना चाहते हैं – घोषणाएं कब तक ज़मीन पर उतरेंगी ?

🔹 बिजली और पानी – अभी भी अधूरे वादे
📍 जिन लोगों ने बिजली कनेक्शन के लिए पैसे जमा कर दिए, उनके लिए “विशेष निर्णय” की बात।
📍 सरकारी दफ्तरों में शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का निर्देश।
📍 पर यह सवाल कायम : क्या हर गांव-हर घर तक वाकई बिजली-पानी पहुंचेगा ?

🔹 असली चुनौती : अनुपालन और पारदर्शिता
📍 मंत्री ने कहा कि बैठकों की अनुपालन रिपोर्ट लोकप्रतिनिधियों तक पहुंचेगी।
📍 लेकिन आम जनता को कौन बताएगा कि उनकी समस्याओं पर क्या कार्रवाई हुई ?
📍 पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना यह पूरी प्रक्रिया केवल दिखावा बनकर न रह जाए।

🔥 अंतिम बात :
📍 चंद्रपूर ज़िले के विकास के लिए बड़े-बड़े ऐलान और करोड़ों का बजट सामने है। लेकिन जनता का असली सवाल यही है –
👉 क्या यह पैसा शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों और बुनियादी सुविधाओं पर वास्तव में खर्च होगा ?
👉 या फिर यह बैठक भी सिर्फ़ “घोषणाओं और औपचारिकताओं” का मंच बनकर रह जाएगी ?
📍 जनता अब भाषण और वादे नहीं, बल्कि ज़मीनी बदलाव चाहती है।
📍 समूचे सवाल इसलिए है, क्योंकि बरसों से चंद्रपुर जिले के DPC के माध्यम से करोड़ों-करोड़ों की निधि खर्च की जा रही है, लेकिन विकास की गंगा अपेक्षा के अनुरुप चंद्रपुर में कहीं नजर नहीं आती।