6,853 फर्जी वोटरों को पकड़ने में कलेक्ट्रेट नाकाम !

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■ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फर्जीवाड़े में अपराध तो दर्ज हुआ लेकिन कार्रवाई नदारद

■ कहां अटक गईं फर्जी वोटरों की जांच, जिलाधिकारी क्यों नहीं बताते ?

चंद्रपुर.
राजुरा का मतदाता पंजीयन घोटाला काफी चर्चा में रहा। जब जिला प्रशासन के मुखिया जिलाधिकारी विनय गौड़ा की ओर से इस मामले में अपराध दर्ज कराया गया तो लगा कि प्रशासन उन 6,853 संदिग्धों के गिरेबान तक पहुंच जाएगी और फर्जी वोटरों का खुलासा होगा। लेकिन 10 माह बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन की कार्रवाई रत्तीभर भी आगे बढ़ने के संकेत नहीं मिले हैं। जिलाधिकारी ने अपराध दर्ज करवाने में जो तत्परता दिखाई वह धूमिल हो चुकी है। बीते 10 माह में उन्होंने मीडिया या सार्वजनिक तौर पर सामने आकर इस प्रकरण की जांच में 6,853 संदिग्ध व फर्जी वोटरों को खोजकर निकाला है या नहीं, इसकी जानकारी उजागर नहीं की है। इसके चलते चंद्रपुर जिले की जनता में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

कब खत्म होगी 6853 फर्जी वोटरों की जांच ?
गत 15 अक्तूबर 2024 को मीडिया ने मतदाता पंजीयन में एक बड़ा घोटाला होने के प्रकरण को उजागर किया था। ऑनलाइन मतदाता पंजीयन में हजारों की संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़े जाने की जानकारी उजागर हुई थी। इस संदर्भ में कांग्रेस की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चंद्रपुर जिलाधिकारी से लिखित शिकायत किये जाने की जानकारी थी। इस प्रकरण की दखल जिला प्रशासन ने ली। चंद्रपुर के जिलाधिकारी विनय गौडा ने इस मामले में पुलिस को गहन जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिये थे। परंतु सवाल यह उठता है कि 6,853 संदिग्ध पंजीकृत मतदाताओं को सूची को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत तो दर्ज कराई गई है, किंतु 6,853 फर्जी वोटरों को खोजने में कितने दिन लगेंगे, यह एक बड़ा प्रश्न आज तक बरकरार है। हालांकि यह भी सच है कि उक्त 6853 फर्जी वोटर यहां के मतदाता सूची से हटाये गये थे।

राजुरा के फर्जीवाड़े की गूंज
राजुरा विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से मतदाताओं की पंजीकरण का मामला फिर एक बार पटल पर आ गया है। राजुरा विधानसभा क्षेत्र के राजुरा, कोरपना, जीवती और गोंडपिपरी तहसीलों से 3 अक्टूबर 2024 से बड़ी संख्या में ऑनलाइन माध्यम से नए मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे। इन आवेदनों की सभी सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारियों, राजुरा, कोरपना, जीवती और गोंडपिपरी के तहसीलदारों के माध्यम से गहन जांच की गई। जांच के दौरान 6,853 आवेदन ऐसे पाए गए, जिनमें आवेदक का फोटो नहीं था, जन्मतिथि और निवास प्रमाण पत्र की कमी थी, आवेदन में दर्ज नाम और प्रमाण पत्र अलग-अलग व्यक्तियों के थे, एक ही फोटो कई आवेदनों पर था, और विभिन्न नामों से आवेदन किए गए थे। इन सभी आवेदनों की ब्लॉक स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा सत्यापन के बाद, सभी आवेदन निरस्त कर दिए गए और उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया।

क्यों खामोश बैठ गया जिला प्रशासन ?
सभी आवेदन Voter Helpline App या NVSP Portal के माध्यम से ऑनलाइन किए गए थे। वास्तव में, भारतीय चुनाव आयोग ने 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके नागरिकों के लिए मतदाता सूची में नाम जोड़ने, नाम हटाने या संशोधन करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई थी। लेकिन इस सुविधा का दुरुपयोग करते हुए कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने गलत फॉर्म ऑनलाइन भरे हैं, जिससे उनका पता लगाकर उन पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी। मतदाता पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्राप्त 6,853 अपात्र आवेदनों को विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए नामंजूर कर दिया गया, और ऐसे आवेदकों को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया, यह जानकारी राजुरा के उपविभागीय अधिकारी एवं मतदाता पंजीकरण अधिकारी रविंद्र माने ने दी थी। लेकिन इसके बाद कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन खामोश बैठा हुआ है।

राहुल गांधी के खुलासे के बाद चंद्रपुर-राजुरा में मचा बवाल
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर वोट चोरी के आरोप लगाए, जिससे देशभर में बवाल मच गया। अब चंद्रपुर ज़िले में भी वोट चोरी का दावा कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष व पूर्व विधायक सुभाष धोटे ने किया है। उनके विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान 6,853 फर्जी मतदाताओं की एंट्री होने का मामला सामने आया था। लेकिन, ये एंट्री किसने की, इसका पता प्रशासन अब तक नहीं लगा सका।

5 साल में असामान्य बढ़ोतरी
राहुल गांधी के मुताबिक महाराष्ट्र और कर्नाटक की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। महाराष्ट्र में 5 साल की तुलना में सिर्फ पाँच महीने में मतदाताओं की संख्या में असामान्य बढ़ोतरी हुई। लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाला इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गया। चंद्रपुर ज़िले के ब्रम्हपुरी सीट पर विजय वडेट्टीवार मामूली अंतर से जीते, वरना इस सीट पर कांग्रेस की हार पहले से तय मानी जा रही थी, वहीं चंद्रपुर और बल्लारपुर सीटों पर भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

चौंकाने वाला नतीजा राजुरा ने दिया
सबसे चौंकाने वाला नतीजा राजुरा सीट का रहा, जहां भाजपा के देवराव भोंगले जीत गए और सुभाष धोटे केवल 3,058 वोटों से हार गए। गौरतलब है कि इसी राजुरा सीट पर 6,853 फर्जी मतदाताओं की एंट्री का मामला सामने आया था। कांग्रेस की शिकायत के बाद 3 अक्टूबर 2024 को ये नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। लेकिन, इनकी एंट्री किसने की, ये अब भी राज़ है।

IP एड्रेस का पता लगाने में जिलाधिकारी फेल
राजुरा सीट पर “ERO Net” ऑनलाइन सिस्टम के ज़रिए फर्जी मतदाताओं की एंट्री हुई थी। कांग्रेस की शिकायत के बाद जांच में 5,800 फर्जी वोटर पाए गए, जिन्हें बाद में लिस्ट से हटाया गया। इस पर तहसीलदार, राजुरा ने 19 अक्टूबर 2024 को राजुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बावजूद बार-बार कोशिश करने पर भी उस IP एड्रेस का पता नहीं लगाया जा सका, जिससे ये एंट्री हुई थी। पूछताछ में मतदाता पंजीकरण अधिकारी ने कहा कि यह जानकारी ERO Net में उपलब्ध नहीं है और इसे राज्य चुनाव आयोग से लेना होगा।

महज 6 माह में बढ़े 60 हज़ार वोटर
चंद्रपुर ज़िले में लोकसभा 2024 और विधानसभा 2024 के बीच सिर्फ 6 महीनों में 57,955 नए वोटर बढ़ गए। लोकसभा में कुल मतदाता 17,92,147 थे, जो विधानसभा में बढ़कर 18,50,102 मतदाता हो गए।

कांग्रेस नेता सुभाष धोटे का आरोप
“मेरे विधानसभा क्षेत्र में फर्जी वोटर बनाए गए। चुनाव आयोग और संबंधित एजेंसियां अब तक नहीं खोज पाईं कि ये एंट्री किसने की। भाजपा वोट चोरी के ज़रिए जीत रही है। चंद्रपुर ज़िले में बड़े पैमाने पर मतों की चोरी हुई है।”
– सुभाष धोटे, पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष कांग्रेस, चंद्रपुर

घुग्घुस के बंद मकान में कैसे दर्ज हुए 119 वोटर ?
कांग्रेस ने घुग्घुस इलाके की मतदाता सूची की पड़ताल की और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। घुग्घुस शहर के केमिकल वार्ड में सचिन बांदुरकर के बंद पड़े मकान (घर क्रमांक 350) में 119 मतदाता दर्ज पाए गए। यह मकान लंबे समय से बंद है और वहां कोई नहीं रहता। शहर के कई मकानों का नंबर ‘शून्य’ है, लेकिन मतदाता सूची में नाम दर्ज हैं। अनेक मकानों में 100 से ज्यादा मतदाता दिखाए गए हैं। पिपरी गांव में भी एक ही घर में करीब 100 मतदाता दर्ज पाए गए।

सुनियोजित वोट चोरी
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि यह सुनियोजित वोट चोरी है और चंद्रपुर विधानसभा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने और उसकी जांच प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती। फर्जी नामों को जानबूझकर सूची में शामिल किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष राजू रेड्डी का बयान
“घुग्घुस में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम चुनाव आयोग के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे।” कांग्रेस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। यह खुलासा सिर्फ घुग्घुस का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जड़ें हिलाने वाला मामला है।