- चंद्रपुर में ‘भाऊ की दहीहंडी’ में जय शीतला माता मंडल ने मारी बाजी
- वेशभूषा प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने जीता चंद्रपुरवासियों का दिल
- महिला गोविंदा पथक ने 4 मंजिल की सलामी देकर जीता प्रोत्साहन पुरस्कार
- सांसद प्रतिभा धानोरकर की पहल से दहीहंडी और वेशभूषा प्रतियोगिता का सफल आयोजन
चंद्रपुर: द मराठा चैरिटेबल ट्रस्ट और बाळूभाऊ मित्र परिवार द्वारा आयोजित “भाऊची दहीहंडी 2025” का उत्सव चंद्रपुर में अत्यंत भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर एकता, साहस और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला, जिसने चंद्रपुरवासियों के दिलों को जीत लिया।
जय शीतल माता मंडल ने रचा इतिहास
चंद्रपुर के बाबूपेठ वार्ड स्थित जय शीतल माता मंडल के गोविंदाओं ने 6 थर की ऐतिहासिक मानव पिरामिड बनाकर दहीहंडी फोड़ी और प्रथम पुरस्कार अपने नाम किया। इसके साथ ही, महिलाओं की जोशपूर्ण भागीदारी ने भी सभी का ध्यान खींचा। बल्लारपूर की गोपिका गर्ल्स महिला गोविंदा पथक ने 4 थर की शानदार सलामी दी, जिसके लिए उन्हें प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
चंद्रपुर का उत्साह चरम पर
चंद्रपुरवासियों की भारी भीड़ और युवाओं के उत्स्फूर्त सहभाग ने इस दहीहंडी उत्सव को और भी आकर्षक बना दिया। “गोविंदा आला रे आला!” की गूंज और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर दहल उठा। यह उत्सव न केवल मनोरंजन का केंद्र बना, बल्कि एकता, भाईचारे और चंद्रपुर की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक भी साबित हुआ।
वेशभूषा स्पर्धा ने बांधा समां
इस उत्सव का एक विशेष आकर्षण रहा चंद्रपुर में बच्चों के लिए आयोजित भव्य वेशभूषा स्पर्धा। पारंपरिक से लेकर आधुनिक परिधानों में सजे नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपने रंगतदार प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया। उनके मासूम हास्य और उत्साह ने चंद्रपुर के माहौल को और भी जीवंत कर दिया।
स्पर्धा में स्पृहा वाटेकर ने प्रथम, सान्वी लालसरे ने द्वितीय और सानिधी इटनकर ने तृतीय पुरस्कार जीता। इसके अलावा, 10 अन्य बच्चों को उनके उत्साह और मेहनत के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गए।
चंद्रपुर की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव
“भाऊची दहीहंडी 2025” ने चंद्रपुर की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करने के साथ-साथ सामाजिक एकता और उत्साह का संदेश भी दिया। यह आयोजन चंद्रपुर के लिए एक यादगार पल बनकर उभरा, जो आने वाले वर्षों तक लोगों के दिलों में बस्ता रहेगा।










