चंद्रपुर: चंद्रपुर जिले में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना में रिक्त पदों के कारण प्रशासनिक व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है। यह मुद्दा सांसद प्रतिभा धानोरकर ने लोकसभा में उठाया था, जिसका जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने इस कड़वी सच्चाई को स्वीकार किया।
मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चंद्रपुर जिला परिषद में बाल विकास परियोजना अधिकारी (ग्रुप-बी) के 15 स्वीकृत पदों में से 14 पद रिक्त हैं। इसके अलावा, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों के 89 स्वीकृत पदों में से 30 पद खाली हैं। जिला परिषद के 15 ICDS परियोजनाओं में, 2,447 आंगनवाड़ी सेविकाओं के स्वीकृत पदों में से 69 और 2,447 आंगनवाड़ी सहायिकाओं के स्वीकृत पदों में से 154 पद रिक्त हैं। मंत्रालय ने बताया कि इन रिक्त पदों के कारण कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ पड़ रहा है, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता और व्यापकता बनाए रखने में चुनौतियां आ रही हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ‘मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र सरकार नीति और नियोजन की जिम्मेदारी निभाती है, जबकि दैनिक कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का दायित्व राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों का है। इसलिए, विभिन्न स्तरों पर रिक्त पदों को भरने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार नियमित रूप से राज्य सरकारों के साथ संवाद, वीडियो कॉन्फ्रेंस और बैठकों के माध्यम से चर्चा करती रहती है।