महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की आगामी चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। हर दल अपनी तैयारियों में जुटा है और विभिन्न जिलों में नेताओं का पक्ष-प्रवेश का सिलसिला जारी है। सभी दल स्थानीय स्तर पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जोर-शोर से प्रयास कर रहे हैं। इन चुनावों के मद्देनजर महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है। इस बीच, एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि ये चुनाव एक साथ नहीं, बल्कि चरणबद्ध तरीके से होंगे। साथ ही, इन चुनावों में VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों का उपयोग नहीं किया जाएगा। यह जानकारी राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने दी है।
चरणबद्ध होंगे चुनाव, VVPAT का उपयोग नहीं
राज्य चुनाव आयोग के पास सभी चुनाव एक साथ कराने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, पहला चरण कौन सा होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। नासिक में आयोजित एक समीक्षा बैठक के बाद राज्य चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में राज्य चुनाव आयोग के तहत होने वाले चुनावों में VVPAT मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता, क्योंकि इनमें एक से अधिक प्रभागों की प्रणाली होती है। इसमें एक से अधिक उम्मीदवारों को चुना जाता है और उनकी मतगणना भी करनी होती है।
VVPAT क्यों नहीं?
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनावों में एक मतदारसंघ से केवल एक उम्मीदवार चुना जाता है, इसलिए वहां VVPAT का उपयोग संभव होता है। लेकिन स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों में VVPAT का उपयोग करने से प्रक्रिया बहुत समय लेने वाली हो जाती है। इसलिए, इस बार VVPAT का उपयोग नहीं होगा। हालांकि, चुनाव EVM मशीनों के माध्यम से ही होंगे।
कब होंगे चुनाव?
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ये चुनाव दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच आयोजित होने की संभावना है। इस दौरान सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को और मजबूत करने में जुटे रहेंगे।
महाराष्ट्र की राजनीति में इन चुनावों के परिणामस्वरूप बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है, और सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि कौन सा दल स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर पाएगा।