■ न कोई घोषणा, न कोई सरकारी मदद, सिर्फ इवेंट !
■ फूल-मालाओं, स्वागत समारोह और भाषणों में सिमट गया मंत्री का दौरा
चंद्रपुर.
बीते कुछ माह में चंद्रपुर जिले में एक प्रकार की घोर उपेक्षा देखी जा रही है। सरकार में सत्ता की कुर्सी पर बैठे मंत्री चंद्रपुर जिले के दौरे पर ऐसे आ रहे हैं मानो वे यहां पिकनिक के लिए आए हो। यहां के विकास कार्यों को लेकर मंत्रियों की ओर से कोई घोषणा या कोई विशेष पैकेज की बात ही नहीं की जा रही है। महाराष्ट्र के सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले कल शनिवार, 26 जुलाई 2025 को चंद्रपुर के दौरे पर आए। जनता यह उम्मीद कर रही थी कि वे यहां की भूमि पर आकर चंद्रपुर के लिए निर्माण विभाग से संबंधित किसी बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा करेंगे। चंद्रपुर जिले के लिए कोई नया व विशेष पैकेज देंगे या कोई सहूलियत ही दे देंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उनका दौरा महज एक राजनीतिक कार्यक्रम और इवेंट के सिवाय कुछ और न हो सका। कुल मिलाकर जिले को मंत्री महोदय की ओर से कुछ भी न प्राप्त हो सका। उनके आगमन और जिले के जनप्रतिनिधियों की ओर से जिले की समस्या पेश कर उनसे विकास कार्यों पर कोई बड़ा फैसला करवाने में यहां के नेतागण कामयाब न हो सकें। यह खेद की बात है। और तो और ठेकेदारों के बकाया 2000 करोड़ के भुगतान की भी उन्होंने घोषणा नहीं की, यह अफसोस की बात है।
राजनीतिक इवेंट बनकर रह गया मंत्री का दौरा
गौरतलब है कि PWD मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले के आगमन पर चंद्रपुर वासियों ने होर्डिंग्स से चंद्रपुर को पाट दिया गया था। उनके स्वागत में जहां-तहां विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लेकिन उनके चंद्रपुर आगमन से जिले को कुछ हासिल नहीं हो पाया। वे आए और चले गए। यहां के निर्माण क्षेत्र से संबंधित अन्यायग्रस्त ठेकेदारों के हजारों करोड़ की बकाया राशि को लेकर उनकी ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया। संबंधित पीड़ित ठेकेदारों को वे न्याय भी नहीं दे पाएं। उनका यह दौरा महज एक औपचारिक और राजनीतिक इवेंट बनकर ही रह गया।
कब मिलेगा ठेकेदारों को न्याय ?
2,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया – ठेकेदार संकट में
➤ चंद्रपुर जिले में कल शनिवार, 26 जुलाई 2025 महाराष्ट्र के निर्माण कार्य मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले का आगमन हुआ। शहर में इस अवसर पर कई औपचारिक और भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन इस दौरे के पीछे एक गंभीर प्रश्न भी छिपा रहा – क्या मंत्रीजी ठेकेदारों की 2,000 करोड़ से भी ज्यादा की बकाया राशि पर कोई ठोस निर्णय देंगे, यह सवाल उठता रहा। लेकिन उनका यह दौरा भी केवल राजनीतिक औपचारिकता बनकर रह गया।
ठेकेदारों की हालत गंभीर – मंत्री बने मौनदर्शक
एक साल से नहीं मिला भुगतान :
➤ सड़क, पुल, शासकीय इमारतें, सिविल कार्य जैसे अनेक प्रोजेक्ट्स करने वाले ठेकेदारों को पिछले एक वर्ष से उनकी मेहनत की राशि नहीं मिली है।
2,000 से 3,000 करोड़ की बकाया राशि :
➤ विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा किए गए कार्यों का यह भुगतान अभी तक अटका हुआ है।
➤ कई ठेकेदार भारी कर्ज में फंस चुके हैं, और कुछ कार्य अधर में लटक गए हैं।
ठेकेदार संघ की बैठक – बड़ा फैसला संभव
चंद्रपुर में आयोजित ठेकेदार संघ की अहम बैठक में :
➤ देरी से भुगतान, शासन की टालमटोल नीति और ठेकेदारों की बिगड़ती आर्थिक हालत पर गंभीर चर्चा हुई।
➤ ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं हुआ, तो वे सरकारी कार्यों व निविदाओं का बहिष्कार कर सकते हैं।
30 जुलाई को होगा अंतिम फैसला :
➤ ठेकेदार संघ उस दिन निर्णय करेगा कि वे भविष्य में सभी शासकीय कार्यों से खुद को अलग करेंगे या नहीं।
बहिष्कार से रुक सकते हैं विकास कार्य
यदि ठेकेदारों ने शासकीय कामकाज से किनारा किया :
➤ कई सरकारी विकास योजनाएं थम जाएंगी।
➤ सड़क, पुल, भवन निर्माण जैसी परियोजनाएं रुक सकती हैं।
➤ जनता को सीधे तौर पर इसका असर भुगतना पड़ सकता है।
मंत्री के दौरे से टूटी उम्मीदें
➤ सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया
मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ठेकेदारों की समस्याओं को लेकर सरकार का स्पष्ट रुख रखेंगे, यह उम्मीद थी।
वे बकाया भुगतान को लेकर कोई समयबद्ध योजना घोषित करेंगे, यह अपेक्षा जतायी जा रही थी।
लेकिन उनका यह दौरा भी फूल-मालाओं, स्वागत समारोह और भाषणों में सिमट कर रह गया।
अंतिम बात :
➤ मूल सवाल यही है :
➤ चंद्रपुर में विकास की रफ्तार को कायम रखने के लिए मंत्री भोसले और राज्य सरकार समय रहते कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा पा रहे हैं ?
➤ या फिर यह बढ़ता बकाया संकट चंद्रपुर सहित राज्य की विकास यात्रा को लंबा ब्रेक देगा ?