■ चंद्रपुर को प्रभारी नहीं, पूर्णकालिक अफसर जरूरी
■ ACB कार्रवाई के कलंक से भी नहीं सुधरा विभाग
चंद्रपुर.
आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और एक पत्रकार के दौरे के समय उजागर हुआ मामला तथा स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में कैद हुए रिश्वत के खेल ने एक बार फिर चंद्रपुर के प्रादेशिक परिवहन विभाग (RTO) में भ्रष्ट व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इसके पूर्व फरवरी माह में इसी विभाग के 2 अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों अमरावती की ACB ने गिरफ्तार किया था। तब उम्मीद यह जताई जा रही थी कि इस विभाग के मुखिया जिन्हें प्रभारी के तौर पर चंद्रपुर जिले के RTO का प्रभार सौंपा गया हैं, वे किरण मोरे इस भ्रष्ट व्यवस्था में कोई सुधार ला पाएंगे। परंतु हैरत की बात है कि बीते 5 माह में इस विभाग के बिगड़ैल व भ्रष्ट व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया जा सका। इसके लिए चंद्रपुर के RTO विभाग को एक सक्षम, दक्ष और इमानदार RTO अधिकारी की सख्त जरूरत है। प्रभारी अफसर के भरोसे पर चंद्रपुर जैसे महत्वपूर्ण व्यवसाय बहुल जिले को चलाना मुनासिब नहीं। इसलिए यहां तत्काल पूर्णकालिक RTO की नियुक्ति करने की आवश्यकता है।
➤ RTO विभाग के जांच नाके पर क्या चलता है ?
हाल ही में पत्रकार अर्जुन सिंह धुन्ना ने जो स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया है उसमें ट्रक चालक से हुआ संवाद RTO विभाग द्वारा संचालित लकड़कोट जांच नाके की कार्यप्रणाली की पोल खोलता है। तेलंगाना सीमा पर मौजूद यह जांच नाका आम ट्रक चालकों से अवैध वसूली का अड्डा बन गया है। बरसों से यहां लूट मची है। प्रत्येक गरीब ट्रक ड्राइवरों से 500 व 300 रुपये अवैध ढंग से वसूल किए जा रहे हैं। जांच नाके पर एक टूटी खिड़की में बैठा कर्मचारी नोटों की बोरियां भर रहा है। यह पैसा कहां-कहां तक पहुंच रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच करना अब जरूरी है।
➤ अमरावती ACB की कार्रवाई चंद्रपुर RTO विभाग के माथे पर कलंक !
ज्ञात हो कि बीते फरवरी 2005 में अमरावती के भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (Anti-Corruption Bureau) ने रिश्वत लेते हुए सहायक मोटर निरीक्षक एवं एक निजी कर्मचारी को रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। सहायक मोटर वाहन निरीक्षक शिवाजी विभुते और उनके सहयोगी जगदीश डफड़े के खिलाफ भले ही यह कार्रवाई हुई हो लेकिन इस कार्रवाई से विभाग में चल रहा भ्रष्टाचार उजाकर होकर इस विभाग के माथे पर कलंक लग गया। इसके बाद जिले के नागरिकों को उम्मीद थी कि RTO का प्रभार संभाल रहे किरण मोरे इस भ्रष्ट व्यवस्था में सुधार लाएंगे। लेकिन खेद की बात है कि गत 5 माह में कोई सुधार नहीं आ सका। अब तो यह संदेह हो रहा है कि भ्रष्टाचार की आंच से उच्च अधिकारियों के जेबें गरम हो रहे होंगे। वरना सकारात्मक बदलाव के लिए मोरे को कौन रोक रहा होगा ?
➤ प्रभार के काम का बोझ या RTO की अनदेखी ?
चंद्रपुर जिले के RTO पद पर प्रभारी के रूप में कार्य संभालने वाले किरण मोरे यह गडचिरोली जिले के डिप्टी RTO हैं। उन्हें चंद्रपुर का प्रभार दिए जाने के कारण वे दो जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। लेकिन शायद उनके काम का बोझ अधिक है, इसलिए वे चंद्रपुर जिले के भ्रष्ट व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई खास ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। उनकी यह नाकामी कहे या अनदेखी, इस विभाग के बदनामी का कारण बनती जा रही है। इसलिए बेहतर यही होगा कि चंद्रपुर से उनका प्रभार समाप्त कर उन्हें स्थायी रूप से गडचिरोली में ही बिठाया जाएं और चंद्रपुर जिले में किसी सक्षम एवं ईमानदारी अफसर को पूर्णकालिक RTO के रूप में नियुक्ति दी जाएं। तभी यहां की भ्रष्ट व्यवस्था में कोई सुधार आएगा।