प्रदूषण का कहर, लेकिन तानाजी यादव 3 माह से गहरी नींद में !

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■ तहसीलदार, कलेक्टर, नेता किसी का नियंत्रण नहीं MPCB पर

चंद्रपुर.
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) चंद्रपुर के क्षेत्रीय अधिकारी तानाजी यादव अब ऐसा लगता है कि कुंभकर्ण का रेकॉर्ड ही तोड़ देंगे। शिकायतों की लगातार अनदेखी और लंबे समय तक जांच न करवाना अब शायद इनके कार्यप्रणाली का हिस्सा बन चुका है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की पहल तो दूर की बात है MPCB के मुखिया यादव साहब जनता की शिकायतों पर प्रदूषण से संबंधित घटना स्थल का मुआयना करने तक नहीं जा पा रहे हैं। अनेक माह तक शिकायतों को पेंडिंग रखने के चलते प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के हौसले बुलंद हैं। और आम जनता प्रदूषण का जहर गटक रही है। प्रदूषण के चलते होने वाली बीमारियों से लोग मर रहे हैं। परंतु गौर करने वाली बात है कि तानाजी यादव की प्रशासनिक नींद खुल नहीं पा रही है। आखिरकार प्रदूषणकारी उद्योगों को संरक्षण मिलने और इस विभाग की मिलीभगत से अवैध उद्योग चलने के संदेह को बल मिल रहा है।

🔴 चंद्रपुर में बढ़ता प्रदूषण, मगर MPCB चुप – क्या तानाजी यादव ने छोड़ी जिम्मेदारी ?

452 खतरनाक उद्योग, एक भी कार्रवाई नहीं :
➤ चंद्रपुर में 830 उद्योगों में से 452 “रेड” और “ऑरेंज” जोन में आते हैं, फिर भी MPCB ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की।

⚠️ MPCB बैठकों और निर्देशों को निगल गया :
➤ जनप्रतिनिधियों की बैठकों, उच्च अधिकारियों के निर्देश और नागरिकों की शिकायतें सब ठंडे बस्ते में।

🧑‍💼 क्या तानाजी यादव RO हैं या क्लर्क ?

📌 शिकायतें जमा, कार्रवाई जीरो :
➤ जनता द्वारा बार-बार शिकायतें देने के बावजूद, यादव केवल कागजों पर बैठ जाते हैं। कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।

💺 लिपिक जैसी कार्यप्रणाली :
➤ यादव जनहित के कार्यों को गंभीरता से लेने के बजाय “फाइलों पर बैठने” की संस्कृति का पालन कर रहे हैं।

क्या उद्योग माफिया का दबाव या लालच ?
➤ सवाल उठता है – क्या तानाजी यादव को उद्योगों से मिल रही मलाई ने उनका कर्तव्य भुला दिया ?

🌫️ अवैध कोल डिपो पर रहम क्यों ?

🏭 अवैध उद्योगों पर कार्रवाई से परहेज :
➤ पड़ोली-नागाला में अवैध कोल डिपो की शिकायतें मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

📞 शिकायतकर्ताओं के लिए फुर्सत नहीं :
➤ यादव अब इतने ‘व्यस्त’ हो गए हैं कि शिकायत करने वालों से बात करने का समय भी नहीं निकालते। कॉल रिसिव करने से परहेज करते हैं।

💸 लाखों-करोड़ों के भ्रष्टाचार की आंच :
➤ यादव की यह “मेहरबानी” भ्रष्ट तंत्र की सच्चाई को उजागर करती है – उद्योगों से गठजोड़ और जनता से धोखा।

😷 जनता का दम घुटा, अफसरों की मौज

🏙️ 333 दिन प्रदूषण – और कोई सुध नहीं :
➤ साल के लगभग हर दिन चंद्रपुर में हवा की गुणवत्ता खराब, फिर भी कोई ठोस उपाय नहीं।

🪑 MPCB ऑफिस बना आलीशान कॉरपोरेट हाउस :
➤ एयर कंडीशनर, महंगे फर्नीचर और सुविधा-सम्पन्न ऑफिस – पर कार्य जीरो।

📵 जनता की कॉल तक नहीं उठाते अधिकारी :
➤ शिकायतकर्ताओं की कॉल को अफसर ‘अपमान’ समझते हैं, लेकिन उद्योगपतियों के नंबर हर समय चालू।

🔍 कौन देगा जवाब ?

📢 सरकार और जनप्रतिनिधि मौन :
➤ यदि सांसद-विधायक जनता के प्रति जवाबदेह होते, तो अब तक उच्च स्तरीय जांच शुरू हो चुकी होती।

🔓 अगर जांच हो तो सब सामने आए :
➤ तानाजी यादव की चुप्पी, उनकी कार्यशैली और अवैध उद्योगों से नजदीकी – ये सब जांच में सामने आ सकते हैं।

🔚 अंतिम बात : MPCB को जवाब देना होगा

📣 चंद्रपुर की जनता प्रदूषण से कराह रही है। बीते 11 वर्षों में 7115 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में यदि MPCB और उसके अधिकारी अपने पद के साथ न्याय नहीं कर सकते, तो उन्हें हटाया जाना चाहिए। नहीं तो यह सिद्ध होगा कि चंद्रपुर की जनता के जीवन की कोई कीमत नहीं है।

👉 प्रश्न उठता है – क्या MPCB सिर्फ उद्योगपतियों की सेवा के लिए बना है, या जनता की रक्षा के लिए ?