RTO साहब को यूनिफॉर्म की घोर एलर्जी

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■ फडणवीस सरकार का तुगलकी फरमान ? : प्रभारी है तो नियम-कायदों में किरन मोरे को दे दी खास छूट

चंद्रपुर.
चंद्रपुर के चंद्रपुर के प्रादेशिक परिवहन विभाग में कार्यरत रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO) पद पर प्रभारी के रूप में काम कर रहे किरण मोरे का दावा है कि महाराष्ट्र सरकार के किसी आदेश, गैजेट अथवा सूचनाओं में RTO को यूनिफॉर्म पहनना बंधनकारक नहीं है। किरण मोरे के इस दावे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने इस तरह की छूट कब दी है ? जबकि कानूनी किताबों में तो RTO पद के लिए भी यूनिफॉर्म परिधान करना बंधनकारक बताया गया है। इसके चलते कानूनी प्रावधानों के विपरीत यदि फडणवीस सरकार को कोई तुगलकी आदेश आया हो तो इस विभाग को ही अब जाहिर करना चाहिए। बहरहाल चंद्रपुर में हम Maharashtra Motor Vehicles Rules, 1989 में RTO (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बने Rules 286-287 का उल्लंघन होते हुए हम तौर पर देख सकते हैं। इस विभाग के तमाम अधिकारियों को अपने ऑफिस और फिल्ड दोनों जगहों पर यूनिफॉर्म न केवल जरूरी माना गया है, बल्कि यह बंधनकारक भी है। इसके बावजूद कल जब आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल RTO किरण मोरे से मुलाकात करने गया तब भी वे अपने यूनिफॉर्म में नजर नहीं आये।

■ आम आदमी पार्टी को भी यूनिफॉर्म के दर्शन नहीं
गत सप्ताह भर से चंद्रपुर का प्रादेशिक परिवहन विभाग (RTO) काफी विवादों में चल रहा है। न केवल भ्रष्ट व्यवस्था उजागर हो रही है, बल्कि प्रशासनिक कामकाज में पालन किए जाने वाले नियमों का भी पर्दाफाश होने लगा है। इस विभाग के अधिकांश अधिकारी अपने विभाग से संबंधित नियमों को भूल गए, यह दृष्य नजर आने लगा है। गौरतलब है कि यहां के RTO के मुखिया किरण मोरे स्वयं अपने ऑफिस के चेंबर में बिना वर्दी के ही, अक्सर सिविल ड्रेस में बैठते हैं। इसका सशक्त सबूत उनके ऑफिशियल इंस्टाग्राम के अकाउंट में पोस्ट वीडियो में वे यूनिफॉर्म में नजर नहीं आते। कल 21 जुलाई 2025 को जब आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल अपनी शिकायतों को लेकर इस विभाग के मुखिया कहे जाने वाले किरण मोरे के समक्ष पहुंचा तो वे इस बार भी यूनिफॉर्म में नजर नहीं आए। अब जब विभाग के मुखिया खुद ही नियमों का खुलेआम धड़ल्ले से उल्लंघन कर रहे हो तो उनके अधिनस्त अफसरों से क्या ही उम्मीद की जा सकती है।

■ कानून तो कहता है कि RTO को यूनिफॉर्म है बंधनकारक
उल्लेखनीय है कि Maharashtra Motor Vehicles Rules, 1989 में RTO (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए Rules 286-287 के तहत ऑफिस और फिल्ड दोनों जगहों पर यूनिफॉर्म न केवल जरूरी माना गया है, बल्कि यह बंधनकारक भी है। लेकिन शायद इस कानून में फड़णवीस की सरकार ने कोई बदलाव किया होगा, वरना इसका पालन नहीं करने जैसा कोई ठोस कारण नजर नहीं आता है। किरण मोरे साहब को शायद इस कानून का बंधन बिल्कुल भी मान्य नहीं है। ऐसा लगता है कि उन्हें यूनिफॉर्म पहनने से एलर्जी है। इसलिए वे स्वयं और उनके अधिनस्त अधिकारी बिना यूनिफॉर्म के ही अपने कार्यों को अंजाम देते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। गत सप्ताह फिल्ड में हुए विवाद के समय कुछ अधिकारी सिविल ड्रेस में अपने पद का अति सदुपयोग करते हुए स्टिंग ऑपरेशन के कैमरे में कैद हो गये।

■ फिर एक बार कानून जानना जरूरी है…
महाराष्ट्र RTO अधिकारियों की यूनिफॉर्म से जुड़े नियम (नियम 288 के अनुसार)
➤ Maharashtra Motor Vehicles Rules, 1989 में RTO (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा सार्वजनिक वाहनों (जैसे ऑटो-रिक्शा, टैक्सी) के चालकों की यूनिफॉर्म को लेकर स्पष्ट नियम दिए गए हैं।

■ किन अधिकारियों के लिए अनिवार्य है यूनिफॉर्म ?
➤ नियम 286–287 के अनुसार, RTO के निम्नलिखित अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑफिस में तथा बाहर निरीक्षण के दौरान यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य है :-
➤ रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO)
➤ डिप्टी RTO
➤ असिस्टेंट RTO
➤ इंस्पेक्टर
➤ असिस्टेंट इंस्पेक्टर

■ चंद्रपुर RTO का दावा :
‘संपूर्ण महाराष्ट्र में RTO के लिए यूनिफॉर्म बंधनकारक नहीं है। अधिनस्त अधिकारियों के लिए यूनिफॉर्म परिधान करना आवश्यक है। चूंकि मैं चंद्रपुर में RTO पद का प्रभारी अधिकारी हूं, इसलिए सिविल ड्रेस परिधान किया जा सकता है। सरकार के आदेश, गैजेट या किसी पत्र में RTO को यूनिफॉर्म पहनना बंधनकारक होने की बात नहीं लिखी गई है। मैं सभी नियमों का पालन करता हूं। लकड़कोट में घटित वारदात और कथित सिविल ड्रेस में सेवा दे रहे अधिकारियों के मामले की जांच हो रही है, इसलिए उनसे संबंधित प्रतिक्रिया देना अनुचित है।’
– किरण मोरे, प्रभारी RTO, प्रादेशिक परिवहन विभाग कार्यालय, चंद्रपुर