चंद्रपूर में दिखा दुर्लभ पैंगोलिन, वन विभाग ने हॅबिटॅट कन्झर्वेशन सोसायटी की मदद से बचाया अनमोल प्राणी..
चंद्रपुर, 4 जुलाई 2025: चंद्रपुर के जगन्नाथ बाबा मठ के पास वासुदेव शास्त्रकार के घर के आंगन में बीती रात 3 जुलाई को रात 8 बजे जोरदार बारिश के बीच एक दुर्लभ शल्की (पैंगोलिन) दिखाई दिया। यह प्राणी झाड़ी के पीछे छिप गया था। शास्त्रकार ने सूझबूझ दिखाते हुए इसे बाल्टी से ढककर हॅबिटॅट कन्झर्वेशन सोसायटी के अमित देशमुख को सूचित किया।
सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश खाटे, किरण बावस्कर और जितू नोमुलवार ने मौके पर पहुंचकर लोगों को बताया कि यह संकटग्रस्त प्रजाति का प्राणी है, जो विलुप्ति के कगार पर है। यह शर्मीला और शांत प्राणी चीटियां, दीमक और कीड़े खाता है। इसके शरीर पर कवच जैसे खवले होते हैं, वजन 9-11 किलो और लंबाई 2.5 फीट तक हो सकती है। छेड़ने पर यह मांजरी जैसी आवाज करता है और गोल गुंडली बनाकर आत्मरक्षा करता है।
सोसायटी ने नागरिकों से इस प्राणी के संरक्षण की अपील की। स्थानीय माजी नगरसेवक राहुल पावड़े ने वन परिक्षेत्र अधिकारी नायगमकर को सूचना दी। वनरक्षकों ने प्राणी को पकड़कर ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में चिकित्सीय जांच के बाद प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया।
घटनास्थल पर सोसायटी के नाजिश अली, राहिल अली, आशीष नाले, करण तोगट्टीवार, रोहित बेलसरे और ओंकार मते मौजूद थे। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के लिए सामूहिक जागरूकता का प्रतीक बनी।