■ किसान पुत्र से एक वैज्ञानिक बनने की प्रेरणादायी उड़ान !
चंद्रपुर.
🚀 चंद्रपुर जिले के चतुर्भुजम नागापुरे अब बनेंगे ‘भाभा अणु संशोधन केंद्र’ में वैज्ञानिक सहायक अधिकारी !
🌾 ग्रामीण पृष्ठभूमि से राष्ट्रीय गौरव तक
🔹 चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी तहसील के छोटे से गांव खरालपेठ से ताल्लुक रखने वाले चतुर्भुजम मनोहर नागापुरे ने रचा इतिहास।
🔹 एक किसान परिवार का बेटा अब मद्रास स्थित भाभा अणु संशोधन केंद्र (BARC) में वैज्ञानिक सहायक अधिकारी के रूप में नियुक्त होगा।
📚 कठिन परिश्रम और समर्पण की मिसाल
🔹 चतुर्भुजम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा खरालपेठ में और बारहवीं की पढ़ाई जनता विद्यालय, गोंडपिपरी से पूरी की।
🔹 शहर में पढ़ाई का अवसर होते हुए भी उन्होंने गोंडपिपरी के चिंतामणी महाविद्यालय से B.Sc पूरी की।
🔹 इसके बाद नागपुर के राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय से M.Sc (बायोकेमिस्ट्री) में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
🧪 परीक्षा में मेहनत का परिणाम
🔹 उच्च शिक्षण के साथ-साथ उन्होंने PhD की तैयारी शुरू कर दी।
🔹 इसी बीच भाभा अणु संशोधन केंद्र (BARC), मद्रास में वैज्ञानिक सहायक अधिकारी के पद के लिए विज्ञापन निकला।
🔹 उन्होंने आवेदन किया, कठिन परिश्रम किया और परीक्षा में बाज़ी मार ली!
🥳 गांव में हुआ भव्य स्वागत
🔹 जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची, खरालपेठ गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
🔹 फटाकों के साथ जश्न, परिजनों और ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत।
🔹 माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू और बेटे पर गर्व छलक उठा।
👪 परिवार की ताकत
🔹 पिता मनोहर नागापुरे – पूर्व पुलिसकर्मी, अब सेवानिवृत्त।
🔹 माता सुलता नागापुरे – दोनों माता-पिता करते हैं सात एकड़ खेती।
🔹 चतुर्भुजम तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं।
💡 अब प्रेरणा बन चुके हैं चतुर्भुजम
🔹 एक अत्यंत ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय स्तर की संस्था में अधिकारी बनना आसान नहीं होता।
🔹 उन्होंने साबित किया कि दृढ़ निश्चय, संयम और परिश्रम के बल पर कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
🔹 आज चतुर्भुजम नागापुरे जैसे युवा हजारों ग्रामीण छात्रों के लिए प्रेरणास्तंभ बन चुके हैं।
🌟 अंतिम बात :
🔹 “कोई शॉर्टकट नहीं होता सफलता का, मेहनत ही सबसे बड़ी पूंजी है” – यह चतुर्भुजम नागापुरे ने अपने संघर्ष और उपलब्धि से साक्षात् कर दिखाया।