CDCC में राजनीतिक गलबहियां !

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■ अनेक विरोधक एकजुट, गुप्त समझौतों के संकेत

चंद्रपुर.
राजनीतिक गलबहियां चंद्रपुर जिले में समय-समय पर देखने को मिलती रही है। एक-दूसरे के कट्‌टर विरोधक कहे जाने वाले अनेक मौकों पर गले मिलते हुए पाए गए हैं। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के प्रतिद्वंदी राजनीतिक दल हैं। परंतु बात जब सत्ता की कुर्सी पर बैठने की हो तो अपने पैनल की जीत के लिए राजनीतिक गलबहियां हो ही जाती है। और यदि यह सब वित्तीय संस्था जैसे अहम CDCC बैंक की बात हो तो गुप्त समझौते होने के संकेत मिल जाते हैं। नेताओं की ओर से अपने विरोधकों के साथ एकजुट होने की कवायद जिले की जनता के लिए आश्चर्य का धक्का हो सकता है, लेकिन राजनीति में अब यह सब आम बात बनते जा रही है।

🔥 चंद्रपूर जिला बँक चुनाव में ‘राजनीतिक महायुद्ध’ की दस्तक !
➤ 13 वर्षों बाद हो रहे चुनावों में नेताओं की एंट्री, विरोधियों में गुप्त समझौते के संकेत

🏦 जिला सहकारी बैंक चुनाव : राजनीति और अर्थनीति की खलबली
🔸 13 वर्षों बाद 10 जुलाई को चंद्रपूर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 21 संचालक पदों के लिए मतदान होने जा रहा है।
🔸 इस चुनाव ने राजनीति और सहकार क्षेत्र दोनों में खलबली मचा दी है।

📌 मुख्य बिंदु :
नेताओं का चुनावी रण में प्रवेश :
मतदाता सूची में कई वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आए हैं। इनमें सांसद प्रतिभा धानोरकर, विधायक विजय वडेट्टीवार, शोभा फडणवीस, किशोर जोरगेवार, सुभाष धोटे और सुदर्शन निमकर शामिल हैं। हालांकि, अब तक किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है।

नामांकन प्रक्रिया तेज :
5 जून से नामांकन शुरू हुआ है और पहले दो दिनों में 12 नामांकन दाखिल हुए। अब तक कुल 173 आवेदन लिए जा चुके हैं। सोमवार से तीन दिनों का समय शेष है, जिसमें बड़े नेताओं की रणनीति सामने आएगी।

नेताओं की भूमिका पर निगाहें :
ऐन वक्त पर कौन नेता मैदान में उतरता है और कौन कार्यकर्ताओं को मौका देता है, यह देखना दिलचस्प होगा। सहकार विभाग इन गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है।

चुनाव में संभावित गुटबाजी :
इस बार मुकाबला तीव्र होगा, क्योंकि तीन मुख्य गुटों के आमने-सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

🧩 नेताओं के ‘हाथ मिलाने’ की रणनीति
🔸 प्रतिस्पर्धा से सहमति की ओर :
वर्षों तक एक-दूसरे के विरोधी रहे कई राजनीतिक नेता अब एकजुट होते दिख सकते हैं। संकेत हैं कि ‘हम सब एक हैं’ का नारा देते हुए विरोधी दल भी एक ही पैनल के पक्ष में खड़े हो सकते हैं।

🔸 भाजपा-कांग्रेस में गुप्त बैठकें :
कुछ भाजपा नेता कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करते हुए देखे गए हैं। कुछ नेता स्वतंत्र पैनल की तैयारी में भी हैं, जबकि कई नेता द्विविधा में हैं।

🔸 ‘अर्थ’कारण की भी भूमिका :
चुनाव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि बैंक के आर्थिक नियंत्रण के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण हो गया है। पुराने भर्ती विवाद और अध्यक्षों पर लगे आरोपों ने बैंक की छवि पर असर डाला है।

⚠️ मतदाता सूची पर उठ सकते हैं सवाल
🔹 सदस्यता अवधि पर सवाल :
नियम अनुसार, मतदाता को दो वर्षों से संस्था का सदस्य होना चाहिए। लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं, जो इस शर्त को पूरा नहीं करते। पुराने ऑडिट के आधार पर नाम दर्ज होने से आपत्ति जताई जा सकती है।

📅 महत्वपूर्ण तिथि :
🗳️ मतदान तिथि : 10 जुलाई 2025
📍 पद : 21 संचालक – चंद्रपूर जिला सहकारी बैंक

🔍 अंतिम बात :
13 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हो रहे इस बैंक चुनाव ने जिले में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। पर्दे के पीछे चल रही चर्चाएं, संभावित गुटबाजी, और विरोधियों के साथ गलबहियां – ये चुनाव को सिर्फ सहकारिता का नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संग्राम बना रहे हैं। अब देखना यह है कि कौन बैंक जीतेगा – अर्थशक्ति या जनशक्ति ?