MPCB के तानाजी यादव को कलेक्ट्रेट का नोटिस

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■ कब तक बचाएंगे अवैध कोल डिपो को ?

■ भ्रष्ट नीति और मलाईखोर रखवालों पर अंकुश क्यों नहीं ?

चंद्रपुर.
बरसों से चंद्रपुर शहर को प्रदूषण का जहर बांटने वाले पड़ोली-नगाला के अनेक अवैध कोल डिपो को बचाने की भ्रष्ट नीति और मलाईखोर का शीघ्र ही अंत होगा। MPCB (महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल) चंद्रपुर के कार्यालय में आखिर कौन है वो जो इन अवैध कोल डिपो का संरक्षक बना हुआ है ? इस सवाल का जवाब तो इस विभाग के प्रमुख अधिकारी तानाजी यादव ही दे पाएंगे। लेकिन वे अब न तो जनता की शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही मीडिया का कॉल रिसिव कर सवालों का जवाब दे पा रहे हैं। तानाजी यादव की चुप्पी और निष्क्रियता से प्रशासन की छवि दागदार होने लगी है। गत 24 अप्रैल को कांग्रेस की ओर से दी गई शिकायत पर एक माह बीत गया, लेकिन तानाजी यादव और उनके प्रशासन की नींद नहीं खुल पा रही है। आखिरकार जिलाधिकारी कार्यालय के सामान्य प्रशासन विभाग की तहसीलदार प्रिया कवले ने 19 मई को एक पत्र जारी कर MPCB के तानाजी यादव को अवैध कोल डिपो के खिलाफ उचित कार्रवाई कर कलेक्ट्रेट को सूचित करने की नोटिस दी है। इसके बावजूद MPCB के कानों पर जू तक नहीं रेंग पा रही है। काली कमाई के इस खेल में MPCB अब क्या कदम उठाता है, इस ओर पर्यावरणवादियों और प्रदूषण झेल रहे तमाम चंद्रपुरवासियों का ध्यान लगा हुआ है।

📌 अवैध कोल डिपो और MPCB की चुप्पी

1. पृष्ठभूमि : प्रदूषण के बढ़ते संकट की जड़
चंद्रपुर के पड़ोली-नगाला क्षेत्र में अवैध कोल डिपो की भरमार है।
ये डिपो न केवल पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि स्थानीय जनता के स्वास्थ्य पर भी भारी असर डाल रहे हैं।
MPCB (महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल) का कार्य केवल सर्वेक्षण तक सीमित रह गया है।

2. कांग्रेस की शिकायत और प्रशासन की निष्क्रियता
कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रितेश तिवारी ने एक माह पूर्व अवैध डिपो को बंद कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
बावजूद इसके, MPCB प्रमुख तानाजी यादव ने जवाब दिया—“डिपो की संख्या पता नहीं, फाइलें चेक करेंगे।”

3. नोटिस भेजो, भूल जाओ: MPCB की कार्यप्रणाली
कार्रवाई की जगह नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है, जिन्हें कोल माफिया डस्टबिन में डाल देते हैं।
अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई, केवल कागज़ी कवायद जारी है।

4. प्रदूषण नियंत्रण या प्रशासनिक ढीलापन?
MPCB का सर्वे खत्म हो चुका है, लेकिन कोल डिपो धड़ल्ले से चालू हैं।
चंद्रपुर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का स्तर अब गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

5. स्थानीय जनप्रतिनिधि और जनता की नाराज़गी
स्थानीय प्रतिनिधियों के निर्देशों को MPCB अनदेखा कर रहा है।
जनता अब आंदोलन की राह पर उतरने को तैयार है।

6. आंदोलन की चेतावनी
यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस ने जन आंदोलन की चेतावनी दी है।
आने वाले समय में MPCB के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर सकती है।

7. दस वर्षों का खोखला भरोसा
पिछले 10 वर्षों में कई बार वादे किए गए:
पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार और सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में बैठकें हुईं।
हर बार MPCB अधिकारियों ने नोटिस थमाकर काम खत्म समझ लिया।
हर बार ठोस कार्रवाई की जगह केवल वादा और समय की बर्बादी हुई।

8. क्या MPCB जागेगा ?
यदि MPCB अब भी नहीं चेता तो चंद्रपुर की हवा और पानी में जहर घुलता रहेगा।
कोल डिपो पर नियंत्रण के बिना प्रदूषण मुक्त चंद्रपुर सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा।
सवाल उठता है: क्या MPCB केवल औपचारिकता निभाने के लिए बना है?
यदि प्रदूषण नियंत्रण संस्थाएं ही निष्क्रिय रहेंगी, तो चंद्रपुर की जनता को आने वाले वर्षों में “कोयले की राख” और “प्रदूषण का ज़हर” ही मिलेगा।

🔴 10 वर्षों से सिर्फ आश्वासन, कार्रवाई नहीं
* पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार और सुधीर मुनगंटीवार की उपस्थिति में बार-बार कार्रवाई का आश्वासन।
* हर बार केवल नोटिस और सर्वेक्षण तक सीमित रही कार्रवाई।
* जनप्रतिनिधियों के निर्देशों की भी अनदेखी।

📌 पड़ोली-नगाला क्षेत्र : भयंकर प्रदूषण
* अवैध कोल डिपो से वायु प्रदूषण में तेज़ी से वृद्धि।
* मीडिया ने लगातार मुद्दा उठाया।
* MPCB के अधिकारी शिकायत आने की प्रतीक्षा करते रहे।

📌 कांग्रेस का हस्तक्षेप और शिकायत दर्ज
* कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रितेश तिवारी ने मंत्रालय तक शिकायत की।
* MPCB क्षेत्रीय अधिकारी तानाजी यादव को ज्ञापन सौंपा गया।
* जांच प्रारंभ करने का आश्वासन, अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश जारी।

📌 अवैध कोल डिपो की गतिविधियां दिनदहाड़े जारी
* पे-लोडर से खुलेआम कोयला फैलाया जा रहा है।
* धूल और प्रदूषण के वीडियो व फोटो मीडिया द्वारा जारी।
* MPCB पर मिलीभगत के आरोप।

📌 तानाजी यादव के निर्देशों का क्या हुआ ?
* MPCB अधिकारी तानाजी यादव ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया।
* जांच-पड़ताल एवं सर्वेक्षण शुरू, पर ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा बनी हुई है।

📌 विजय वडेट्टीवार के साथ मीटिंग में भी मिली सिर्फ निराशा
* 29 अगस्त 2020 को पालकमंत्री की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक।
* 23 कोल डिपो बंद करने के आदेश 2019 में जारी, फिर भी सक्रिय।
* बिजली-पानी की आपूर्ति बंद न होने से डिपो संचालित होते रहे।
* अदालत में मामला दर्ज करने की चेतावनी तक सीमित रही कार्रवाई।

📌 सुधीर मुनगंटीवार से भी किया वादा, निभाया नहीं
* विधानसभा में नियम 94 के तहत चर्चा में उठा मुद्दा।
* फरवरी 2021 को जांच रिपोर्ट पेश, अवैध कोल डिपो की पुष्टि।
* 2019 में ही बंद करने के निर्देश दिए गए थे।
* छह वर्षों से कार्रवाई नहीं, केवल नोटिस थमाने की प्रक्रिया जारी।

📌 MPCB की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
* बार-बार जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को गुमराह करना।
* आदेशों के बावजूद कार्रवाई टालना।
* अब कांग्रेस और जनता के दबाव से हो सकता है बड़ा कदम।