■ कार्रवाई के आश्वासन पर क्यों अमल नहीं कर पा रहे तानाजी यादव ?
■ अवैध कोल डिपो की जांच के बाद नोटिस-नोटिस का खेल
चंद्रपुर.
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) चंद्रपुर की ओर से भले ही पड़ोली-नगाला क्षेत्र में बसे अनेक अवैध कोल डिपो का सर्वेक्षण किया गया हो, लेकिन कोयले के यह काले कारोबारी MPCB के संभावित कार्रवाई को घांस तक नहीं डालते। कोयला माफियाओं की हिम्मत अब इतनी बढ़ चुकी है कि MPCB के नोटिस भी इनके लिए डस्टबिन का मटेरियल बन गये हैं। अवैध कोल डिपो बंद कराने के संदर्भ में जब चंद्रपुर के इस विभाग के मुखिया तानाजी यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें अवैध कोल डिपो की संख्या पता ही नहीं है। वे फाइलें चेक करेंगे। उसके बाद ही वे कुछ बता पाएंगे। जबकि इस संदर्भ में कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रामू तिवारी की ओर से एक माह पूर्व ही इन्हें ज्ञापन सौंपकर तमाम अवैध कोल डिपो को बंद करवाने की मांग की गई थी। इस मसले पर तानाजी यादव ने बताया कि वे सोमवार को फाइलें चेक कर अवैध कोल डिपो वालों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति तय करेंगे। अर्थात बीते माह भर से तानाजी यादव का अध्ययन एवं सर्वे कार्य खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यदि यही आलम रहा तो चंद्रपुर के प्रदूषण को खत्म करने में तानाजी यादव को सैंकड़ों जन्म लेने होंगे। तब कहीं जाकर अवैध कोयला व्यवसायियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो पाएगी। और चंद्रपुर की जनता को बरसों-बरस इसी तरह से प्रदूषण का जहर निगलना पड़ेगा। MPCB की लापरवाह कार्यप्रणाली कछुआ गति से भी धीमी चल रही है, जिस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ध्यान और नियंत्रण नहीं है।
■ जनप्रतिनिधियों के निर्देशों को डस्टबिन में डाल रहा प्रशासन
चंद्रपुर के प्रदूषण को नियंत्रित करने में बुरी तरह से नाकाम MPCB चंद्रपुर के खिलाफ कांग्रेस की ओर से अब लगातार शिकायतें की जा रही है। यदि MPCB की ओर से अवैध कोल डिपो के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई तो शीघ्र ही आंदोलन की तैयारी भी की जाएगी। आगामी दिनों में चंद्रपुर के अवैध कोल डिपो बंद नहीं कराये गये और यहां का जहरिला प्रदूषण नहीं रोका गया तो स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जनता में रोष पनपना जायज है। क्योंकि बीते 10 वर्षों में सत्ता पक्ष, सरकार एवं जिला प्रशासन के आला अफसरों की मौजूदगी में जब-जब जिले के पूर्व पालकमंत्री अर्थात विजय वडेट्टीवार एवं सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में MPCB चंद्रपुर के अधिकारियों ने अवैध कोल डिपो को बंद कराने का भरोसा दिलाया, तब-तब इन अफसरों ने केवल समय गंवाने की कवायद की। संबंधितों को नोटिस तो थमाया लेकिन कार्रवाई शून्य रही। सर्वेक्षण करवाने के अलावा कुछ भी ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकीं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निर्देशों को भी डस्टबिन में डालने वाले इस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अब जनता ही सड़क पर उतरकर आंदोलन की राह चुनने के आसार नजर आ रहे हैं।
1. MPCB चंद्रपुर की लापरवाही अब भारी पड़ सकती है
* महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) चंद्रपुर यहां का प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह विफल।
* कांग्रेस ने विभाग के खिलाफ शिकायतें और आंदोलन की तैयारी शुरू की।
* यदि अवैध कोल डिपो बंद नहीं हुए, तो बड़ा प्रशासनिक बदलाव संभव।
2. 10 वर्षों से सिर्फ आश्वासन, कार्रवाई नहीं
* पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार और सुधीर मुनगंटीवार की उपस्थिति में बार-बार कार्रवाई का आश्वासन।
* हर बार केवल नोटिस और सर्वेक्षण तक सीमित रही कार्रवाई।
* जनप्रतिनिधियों के निर्देशों की भी अनदेखी।
3. पड़ोली-नगाला क्षेत्र: अवैध कोल डिपो से भयंकर प्रदूषण
* अवैध कोल डिपो से वायु प्रदूषण में तेज़ी से वृद्धि।
* मीडिया ने लगातार मुद्दा उठाया।
* MPCB के अधिकारी शिकायत आने की प्रतीक्षा करते रहे।
4. कांग्रेस का हस्तक्षेप और शिकायत दर्ज
* कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रितेश तिवारी ने मंत्रालय तक शिकायत की।
* MPCB क्षेत्रीय अधिकारी तानाजी यादव को ज्ञापन सौंपा गया।
* जांच प्रारंभ करने का आश्वासन, अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश जारी।
5. अवैध कोल डिपो की गतिविधियां दिनदहाड़े जारी
* पे-लोडर से खुलेआम कोयला फैलाया जा रहा है।
* धूल और प्रदूषण के वीडियो व फोटो मीडिया द्वारा जारी।
* MPCB पर मिलीभगत के आरोप।
6. तानाजी यादव के निर्देशों का क्या हुआ ?
* MPCB अधिकारी तानाजी यादव ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया।
* जांच-पड़ताल एवं सर्वेक्षण शुरू, पर ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा बनी हुई है।
7. विजय वडेट्टीवार के साथ मीटिंग में भी मिली सिर्फ निराशा
* 29 अगस्त 2020 को पालकमंत्री की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक।
* 23 कोल डिपो बंद करने के आदेश 2019 में जारी, फिर भी सक्रिय।
* बिजली-पानी की आपूर्ति बंद न होने से डिपो संचालित होते रहे।
* अदालत में मामला दर्ज करने की चेतावनी तक सीमित रही कार्रवाई।
8. सुधीर मुनगंटीवार से भी किया वादा, निभाया नहीं
* विधानसभा में नियम 94 के तहत चर्चा में उठा मुद्दा।
* फरवरी 2021 को जांच रिपोर्ट पेश, अवैध कोल डिपो की पुष्टि।
* 2019 में ही बंद करने के निर्देश दिए गए थे।
* छह वर्षों से कार्रवाई नहीं, केवल नोटिस थमाने की प्रक्रिया जारी।
9. MPCB की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
* बार-बार जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को गुमराह करना।
* आदेशों के बावजूद कार्रवाई टालना।
* अब कांग्रेस और जनता के दबाव से हो सकता है बड़ा कदम।