■ मौसम के नये पैटर्न का राज जानना है जरूरी
चंद्रपुर.
अप्रैल और मई जैसे महीनों में जहां चिलचिलाती गर्मी की उम्मीद होती है, वहीं इस वर्ष महाराष्ट्र समेत सबसे गर्म समझे जाने वाले चंद्रपुर जिले में मौसम ने एकदम विपरीत रूप धारण कर लिया है। सुबह धूप, दोपहर में अत्यधिक गर्मी और फिर शाम को तेज बारिश, यह नया पैटर्न लोगों को हैरान कर रहा है। बीते दो-तीन दिनों से जिले में हो रही बारिश से एक ओर जहां तेज गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर बेमौसम बारिश के चलते अनेक समस्याएं निर्माण हो चुकी है। मौसम के इस नये पैटर्न के कारण नागरिकों की चिंता बढ़ गई है। इस पैटर्न को अब समझना जरूरी बन गया है।
■ वर्तमान स्थिति: गर्मी में बारिश का प्रकोप
* महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में अचानक तेज बारिश हो रही है।
* चंद्रपुर के शहरी क्षेत्रों में नालों का जाम होना और ग्रामीण क्षेत्रों में खेती को लेकर चिंता उत्पन्न होना आम बात हो गई है।
* कुछ क्षेत्रों में तो बादल फटने जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।
* भारतीय मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
* राज्य के अनेक हिस्सों में 5 से 58 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई है।
■ ऑरेंज अलर्ट का मतलब क्या होता है ?
* इस अलर्ट के दौरान भारी से अति भारी वर्षा की संभावना होती है।
* आवश्यकता न होने पर घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
* यह समय अत्यधिक सतर्कता का होता है।
■ बारिश का बदला हुआ समय और पैटर्न
* सामान्यतः मे महीने के अंत में दोपहर के बाद एक-दो घंटे की बारिश होती है।
* इस बार, मई की शुरुआत से ही बारिश लगातार कई घंटों तक हो रही है (5–7 घंटे)।
* 2021 के बाद यह पहली बार है जब मई में तापमान इतना कम है।
■ बारिश के प्रमुख कारण
1. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance)
* यह एक्स्ट्रा ट्रॉपिकल स्टॉर्म होते हैं जो मेडिटेरेनियन सी से उत्पन्न होते हैं।
* पहले ये उत्तर भारत तक सीमित रहते थे, अब ये महाराष्ट्र तक पहुंच रहे हैं।
* यह ठंडी और आर्द्र हवाएं लाते हैं, जिससे भारी वर्षा होती है।
2. अरब सागर का गर्म होना
* इस साल अरब सागर सामान्य से ज्यादा गर्म है।
* अधिक तापमान के कारण अधिक वाष्प बन रही है, जो हवाओं के साथ महाराष्ट्र तक पहुंचती है।
* इससे भारी मात्रा में वर्षा हो रही है।
3. एल नीनो और ला नीना प्रभाव
* एल नीनो = सूखा और गर्मी
* ला नीना = अपेक्षाकृत ठंडा वातावरण और अधिक वर्षा
* अभी ला नीना सक्रिय है, जिससे मई में भी बारिश हो रही है।
* इसका असर सितंबर से लेकर नवंबर तक बारिश को बढ़ा सकता है।
4. जलवायु परिवर्तन और मानवजनित प्रभाव
* अत्यधिक प्रदूषण और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है।
* अनुमान लगाना कठिन हो गया है—कभी बेमौसम ओलावृष्टि, कभी बादल फटना।
* शहरीकरण के कारण “Urban Heat Island Effect” हो रहा है जिससे अचानक तेज बारिश होती है।
■ शहरी क्षेत्रों की विशेष समस्या
* अत्यधिक कंक्रीटकरण के कारण बारिश का पानी जमीन में नहीं जाता।
* नालों का ओवरफ्लो और सड़कों पर पानी भरना आम हो गया है।
* बारिश की वजह से यातायात प्रभावित होता है।
■ मॉनसून का पूर्व आगमन
* मानसून के संकेत पहले ही अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक पहुंच चुके हैं।
* यह इशारा करता है कि इस साल प्री-मानसून बारिश पहले और ज्यादा हो सकती है।
■ सावधानियां: क्या करें, क्या न करें
✅ करें:
* स्थानीय मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट पर अलर्ट जांचें।
* उपयुक्त जगहों पर शरण लें, विशेषकर जब बिजली कड़क रही हो।
* अलर्ट की स्थिति में बाहर न निकलें।
* बच्चों और पालतू जानवरों को सुरक्षित रखें।
* स्थानीय नालों और तालाबों से दूर रहें।
❌ न करें:
* अफवाहों पर भरोसा न करें।
* भारी बारिश के दौरान बहते पानी में वाहन चलाने का प्रयास न करें।
* किसी पेड़ के नीचे शरण न लें।
■ अंतिम सलाह
* आने वाले 3–4 दिन ऐसे ही बारिश की संभावना है।
* हमेशा IMD के अपडेट्स पर विश्वास करें, सोशल मीडिया की अफवाहों पर नहीं।
* प्राकृतिक आपदा के समय धैर्य और समझदारी से काम लें।