■ पुलिस के बिना पत्ता भी नहीं हिलता, यहां तो माफिया नोटों के पेड़ सजा बैठे
चंद्रपुर.
अपराध के जगत में पुलिस की सहमति के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता, लेकिन तस्करों और माफियाओं की हिम्मत इतनी बड़ गई है कि वे नशे के अवैध कारोबार में काली कमाई वाले नोटों के पेड़ का बागीचा सजा बैठे हैं। अभी हाल ही में चंद्रपुर पुलिस थाने के DB स्क्वॉड के मुखिया संदीप बच्छिरे और उनकी टीम ने प्रतिबंधित तंबाकू के खिलाफ जो कार्रवाई की है वह ऊंट के मुंह में जिरा समान है। अर्थात चंद्रपुर जिले में नशे का करीब 27 करोड़ रुपयों से अधिक का अवैध कारोबार चल रहा है, इसके बावजूद एक मामूली दुकानदार या यूं कहे कि एक छोटी मछली को पकड़कर पुलिस प्रेसनोट निकालने और अपनी पीठ थपथपाने का खेल चल रहा है। यह कार्रवाई तो महज एक दिखावे भर की लगती है। बच्छिरे साहब यदि चाहे तो वे 2 दिनों में नशे के कारोबार को खत्म कर सकते हैं। भले ही उन्हें कोई राष्ट्रपति पुरस्कार न मिलें, लेकिन हजारों लोगों को कैंसर से मरने से बचाने का पुण्य वे कमा ही सकते हैं। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार का मेडल तो मिल ही सकता है। लेकिन एक मामूली दुकानदार के बजाय नशे के तालाब में बैठे बड़े मगरमच्छों के गिरेबान तक बच्छिरे साहब हाथ कब पहुंचेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल यहां निर्माण होता है।
दुकानदार पर कार्रवाई करना जायज ही, लेकिन…
चंद्रपुर पुलिस थाने के DB स्क्वॉड प्रमुख संदीप बच्छिरे द्वारा गत 9 मई को शहर के जुनोना चौक स्थित किराना व्यवसायी नीतेश वाकडे के खिलाफ कार्रवाई करना जायज ही है। लेकिन इस कार्रवाई के बाद अनेक सवाल उठना भी लाजिम है। बच्छिरे की टीम ने वाकडे के पास से ईगल तंबाकू के पाउच जब्त किये, जिसकी कीमत 27,840 रुपये थी। अब यदि चंद्रपुर शहर में हजारों की संख्या में ऐसी दुकानें धड़ल्ले से चल रहे हैं तो यह व्यापार कितने करोड़ का होगा ? इसका अंदाजा DB स्क्वॉड क्यों नहीं लगा पा रहा है ? करोड़ों की अवैध तंबाकू की खेप चंद्रपुर शहर के चप्पे-चप्पे पर पहुंच रही है और इसकी सूचना DB स्क्वॉड तथा पुलिस को नहीं है, यह कैसे संभव हो सकता है ? 27 हजार रुपयों का माल जब्त कर करोड़ों का तंबाकू शहर में बिकने देना कितना जायज है, इस सवाल का जवाब पुलिस को देना होगा।
थाने के इर्द-गिर्द तो बिक रहा है अवैध तंबाकू
अवैध एवं प्रतिबंधित तंबाकू की खेप पकड़ने के लिए DB स्क्वॉड को जुनोना चौक तक दौड़ लगाने की आवश्यकता है या नहीं, यह चर्चा का विषय बन सकता है। लेकिन सच्चाई तो यही है कि चंद्रपुर पुलिस स्टेशन के इर्द-गिर्द मौजूद सैंकड़ों दुकानों में खुलेआम, सुबह से देर रात तक अवैध सुगंधित तंबाकू, खर्रे में घोंट-घोंटकर बेचा जा रहा है। DB स्क्वॉड के वॉशरूम से सटकर ही मिलन चौक है। मनपा के इस पार्किंग एरिया में मौजूद अनेक दुकानों में तो अवैध तंबाकू मिश्रित खर्रा बिकता है। तो फिर सवाल यह उठता है कि DB स्क्वॉड को यह पास वाला स्थल नजर क्यों नहीं आता ? क्या पड़ोसी दुकानों से प्रेम और दूर के दुकानों से द्वेष जैसा कोई मामला यहां चल रहा है ? या फिर इस नशे के करोड़ों के कारोबार में कार्रवाई का दिखावा कुछ और ही संकेत दे रहा है ?
अब SP साहब को लेना होगा दखल
जिला पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन सजग पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। कहा जाता है कि इसके पूर्व भी एक मामले में उन्होंने DB स्क्वॉड के मुखिया को बुलाकर फटकार लगाई थी। उस प्रकरण के गहराई में भले में अनेक राज छिपे हो, लेकिन फिलहाल वर्तमान में चल रहे नशे के कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी अब SP साहब को लेनी चाहिये। वरना चंद्रपुर का युवा यूं ही नशे की गर्त में जाकर कैंसर से मौत का शिकार बनता रहेगा। और तंबाकू माफिया यूं ही करोड़ों की चांदी काटते रहेंगे। इन माफियाओं की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि यह किसी पर भी हमला करने की सूपारी दे सकते हैं। समय रहते तंबाकू बिक्री के सरगनाओं को दबोचने और चंद्रपुर को नशामुक्त कराने की पहले SP को करना चाहिये। LCB की टीम यहां काफी ताकतवर मानी जाती है, अब तो बस LCB की टीम से ही उम्मीद बची है।
सट्टाबाजों से मेल-जोल ठीक नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंद पुलिस कर्मियों को शहर के घुटकाला नेहरू स्कूल परिसर, पांच देऊल परिसर, दादमहल परिसर, बगड़ खिड़की परिसर, माता चौक, लालपेठ, बाबूपेठ, पठाणपुरा गेट परिसर आदि स्थानों पर चल रहे सट्टा, वरली मटका के ठिकानों के इर्द-गिर्द देखा गया है। सट्टेबाजों के साथ कुछ की साठगांठ मलाई खाने की ओर से इशारा करती है। ऐसे पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर उनके कॉल रिकॉर्ड और आपराधिक तत्वों के साथ उनकी लगातार बातचीत और भेंट को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक की टीम द्वारा तहकीकात किया जाना चाहिये। यदि ऐसा हुआ तो पर्दे के पीछे के अनेक राज आला अफसरों की ओर से उजागर किये जा सकेंगे। बहरहाल समय रहते तंबाकू माफिया का राज चंद्रपुर से खत्म करना बेहद जरूरी बन गया है। वरना यह किसी दिन आम नागरिकों का खून बहाने में भी कोई परहेज नहीं करेंगे।