सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट ने लगाये अनेक संगीन आरोप
चंद्रपुर.
चंद्रपुर महानगर पालिका में बीते 3 वर्षों से जनप्रतिनिधियों अर्थात नगरसेवकों का राज खत्म हो चुका है। इस मौके का फायदा उठाते हुए स्थानीय मनपा प्रशासन ने जनता के टैक्स के पैसों को फिजुलखर्ची में बर्बाद करना शुरू कर दिया। आलम यह है कि अनेक योजनाओं में अनियमितताओं के अलावा बेतहाशा भ्रष्टाचार पनपा हुआ है। करोड़ों की अनेक योजनाओं में धांधली करने एवं जनता को सुविधाएं नहीं पहुंचा पाने के गंभीर आरोप सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट के स्थानीय पदाधिकारियों ने लगाया है। इस संदर्भ में 2 मई 2025 को दोपहर 3 बजे निवासी जिलाधिकारी कुंभार और शाम 4 बजे चंद्रपुर मनपा आयुक्त विपीन पालीवाल से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। चंद्रपुर मनपा क्षेत्र में प्रशासन के मनमानी रवैये और जनता को हो रही समस्याओं पर इस समय चर्चा की गई। संगठन के मुख्य संगठक बलिराज धोटे के नेतृत्व में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही नागपुर के विभागीय आयुक्त को शिकायत भेजी गई।
प्रमुख मुद्दे और शिकायतें :
1. लोकप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति :
पिछले 3 वर्षों से कोई निर्वाचित प्रतिनिधि न होने के कारण प्रशासन जनता के पैसे की बर्बादी कर रहा है और मनमानी कर रहा है।
2. सीवरेज प्रणाली का अधूरा कार्य :
* कार्य 2017 से शुरू, पूरा बजट खर्च हुआ।
* लेकिन आज तक यह प्रणाली शुरू नहीं हुई है।
3. अमृत जल योजना में भ्रष्टाचार :
* पहले चरण में ₹240 करोड़ खर्च हुए, अब दूसरे में ₹537 करोड़।
* फिर भी कई इलाकों में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।
4. खुले मैदानों पर फिजूलखर्ची :
* सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों खर्च कर बाग-बगीचे बनाए गए।
* परंतु उनके रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं है।
5. स्ट्रीट लाइट पोल का अनावश्यक बदलाव :
* पहले लगाए पोल हटाकर नए पोल लगाए गए।
* पुराने पोलों का क्या हुआ, इसकी जानकारी जनता को नहीं दी गई।
6. आजाद गार्डन का अव्यवस्थित पुनर्निर्माण :
* अच्छी स्थिति वाले गार्डन को तोड़कर फिर से निर्माण किया जा रहा है।
* इससे जनता को असुविधा हो रही है।
7. सड़कों की बार-बार खुदाई :
* आंतरिक सड़कें बार-बार तोड़ी जाती हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
* यातायात में भी भारी बाधा आ रही है।
8. अनावश्यक सर्वेक्षण पर खर्च :
* अलग-अलग एजेंसियों से सर्वेक्षण के नाम पर जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
* लेकिन वास्तविक समस्याएं – टूटी सड़कें, रुका हुआ गंदा पानी, जलापूर्ति की दिक्कतें, स्कूलों में कम सुविधाएं, खेल के मैदानों और पुस्तकालयों की कमी – जस की तस बनी हुई हैं।
मांग :
इन सभी मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। वास्तविक समस्याओं का सर्वे करके जनता को राहत दी जाए और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
प्रतिनिधि मंडल में उपस्थित :
सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट के वरिष्ठ पदाधिकारी – बलिराज धोटे, भास्करराव मून, पी.एम. जाधव, एल.वी. घागी, उमाकांत धांडे, किशोर सबाने, सूर्यभान झाडे, दिलीप जुमडे, गुणवंत दडमल, नवनाथ देरकर, आर.टी. चिकाटे, भास्कर सपाट और नवनाथ देरकर।