चंद्रपुर: वरोरा तहसील के शेगांव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले मोहला परिसर में एक किसान की खेत में हीटस्ट्रोक से मौत हो गई। मृतक की पहचान प्रवीण संभाजी लोहकरे (48, वरोरा) निवासी के रूप में हुई है। विदर्भ में लू लगने से यह पहली मौत।
अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है और हर जगह गर्मी का प्रकोप फैल रहा है। किसान सुबह भी अपने खेतों में काम कर रहे हैं। किसान प्रवीण भी अपने खेत में काम कर रहे थे। जब क्षेत्र के किसानों ने उसे मृत पाया तो उन्होंने शेगाँव पुलिस स्टेशन को सूचित किया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और उसे पोस्टमार्टम के लिए वरोरा उपजिला अस्पताल भेज दिया। आगे की जांच शेगाँव शेगाँव पुलिस स्टेशन अधीक्षक योगेंद्र सिंह यादव द्वारा की जा रही है।
लू लगने के लक्षण:
- जब कोई व्यक्ति गर्म हवा और धूप में देर तक रहता है, उसका चेहरा और सिर देर तक धूप और गर्म हवा के संपर्क में आता है उस इंसान को लू लग जाती है। लू लगने से बॉडी का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है।
- लू लगने पर बॉडी में डिहाइड्रेशन की परेशानी बढ़ने लगती है और बॉडी में पानी की कमी होने लगती है।
- पसीना आना बंद हो जाता है और बॉडी से गर्मी निकल नहीं पाती है।
- शरीर में क्रैम्प आते हैं और कमजोरी बढ़ने लगती है।
- बेहोशी और चक्कर आने लगते हैं।
- इंसान कंफ्यूज हो जाता है और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।
- बॉडी का गर्म और लाल हो जाना
- पसीना बिल्कुल नहीं आना।
- दिल की धड़कन तेजी से बढ़ती है।
- सांस तेज चलने लगती है।
लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है:
अगर आप 40 डिग्री पारा में लम्बे समय तक रहते हैं तो आपको हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक हो सकता है जिसे लू लगना कहते हैं। लू लगने से बॉडी के कई जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। लू का असर ब्रेन,किडनी,लीवर,दिल और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। पानी की कमी से किडनी काम ठीक से नहीं कर पाती और बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। लू लगने से मरीज के बाकी अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है और मरीज की मौत भी हो सकती है।
लू से बॉडी का बचाव कैसे करें:
- गर्मी में बॉडी का लू से बचाव करने के लिए पानी का अधिक सेवन करें।
- लिक्विड का सेवन ज्यादा करें। लिक्विड में फ्रूट जूस और ओआरएस का सेवन ज्यादा करें।
- खीरा,तरबूज और अनार का सेवन करें।
- गर्मी में ज्यादा समय तक रहने से बचें।
- ठंडे तापमान में रहें।
- कॉटन के कपड़े पहनें।