चंद्रपुर जिले में एलसीबी की करोड़ों की अवैध वसूली
चंद्रपुर : कानून व्यवस्था बनाये रखना जिला पुलिस की प्रमुख जिम्मेदारी है। इसके लिए जिला पुलिस के पास एलसीबी (स्थानीय अपराध शाखा) जैसी 14 साईड ब्रांचेस है और अत्याधुनिक साधन सामग्री भी है। लेकिन यदि एलसीबी जैसी साईड ब्रांच ही अपराधी और अपराधियों की आश्रयदाता बन जाये तो क्या होगा? विश्वास नहीं होता पर जिला पुलिस के अंदरख्ााने से ही यह बात वायरल हुई है कि एलसीबी ही जिले में अपराधों और अपराधियों को पाल पोस कर बड़ा कर रहे हैं तथा जिला स्तर पर उसके कुछ बड़े खिलाडी गुंडे, मवाली, माफिया, चोर तस्करों से मिलीभगत कर ऐसा खेला खेल रहे हैं जिससे जिले में शांति, कानून व व्यवस्था की स्थिति दांव पर लग गयी है। जिले में अपराधों की बाढ़ आ गयी है। कोयला – रेती चोरी, तस्करी, शराब – सुगंधित तंबाकू की बिक्री, जमीन माफिया की दादागिरी, अवैध साहुकारी, नशीले पदार्थों की अवैध कारोबारी जैसे अपराधिक कृत्यों की तेजी से चल निकली है। क्या ऐसा है? अगर वास्तव में ऐसा है तो निश्चित ही गंभीर व चिंतनीय है। जिला पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन को चाहिए की वो एलसीबी पर लगे और लगाये जा रहे आरोपों को गंभीरता से लेकर उसके वर्तमान दौर के कार्यकलापों की जाँच करें। सवाल यह है कि बाड ही खेत में लगी तो कैसे चलेगा एसपी साहब जी?
एलसीबी पर सनसनीखेज आरोप यह है कि उसकी दहशत व दबदबे के चलते जिला अंतर्गत सभी थानों के थानेदार इन दिनों काफी टेंशन में चल रहे हैं। एक ओर वो है तो दूसरी ओर राजनेता! दोनों के बीच में पिसते हुये उन्हें और उनके मातहतों को काम करना पड़ता है। यद्यपि इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि बिना एलसीबी के आदेश के जिले का कोई भी थानेदार अपने यहां (मतलब अपने थाने की सीमा के भीतर) अवैध व्यवसाय करने की अनुमति नहीं देगा। अगर यह सच है तो जिले में जो भी अवैध व्यवसाय चल रहे हैं, संगठित गुनाहगारी पल रही है और चोरों तस्करों एवं माफियाओं का उत्पात जारी है उसके लिए एलसीबी ही जिम्मेदार है। जिले के सभी थाने, थानेदार, पीएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल सभी एलसीबी के हाथ की कठपुतलियां हैं। वो जैसे नाचती है वैसे दिखेंगे और गैरकानूनी कारोबार में उछाल नजर आयेगा। क्या कभी किसी ने बात बात पर रिश्वतखोरी वाले, जगह-जगह अवैध व्यवसाय और भ्रष्टाचारवाले चंद्रपुर जिले की कल्पना की थी? नाकारी पुलिस और भ्रष्टाचारी एलसीबी के कारण आज उसे यह दिन देखने पड़ रहे हैं। ‘कालाय तस्मै नम:’ और क्या? पहले पुलिस से भ्रष्टाचारी ड़रते थे अब पुलिस स्वयं भ्रष्टाचार करने लगी है। ऐसे में उससे डरेगा कौन? जिले की एलसीबी ने तमाम पुलिस महकमे और खाकी वर्दी की इज्जत नीलाम कर दी है।