पंकजा मैडम ! चंद्रपुर के 214 उद्योग प्रदूषित, मुनगंटीवार के दावों को खारिज करता है MPCB 

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महाराष्ट्र का अंधेरा दूर हो, इसलिए हमने सहन किया चंद्रपुर के विद्युत पॉवर स्टेशन का प्रदूषण

विधानसभा नियम 94 के चर्चा के जवाब में ‘चंद्रपुर ऑल इज वेल’

मुनगंटीवार कह रहे प्रदूषण ही प्रदूषण, MPCB कह रहा ‘सब मर्यादा में’

चंद्रपुर :

जहर तो जहर है, चाहे वह प्रदूषण से मिले या सरकार की गलत नीतियों से मिले। मजे की बात यह है कि बरसों बाद स्थानीय भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को देर से ही सही, मगर यह बात कबूल करना पड़ा कि वे महाराष्ट्र के अंधेरे को दूर करने के लिए ऊर्जा विभाग के पॉवर स्टेशन से निकलने वाले प्रदूषण को सहन करते रहे। उल्लेखनीय यह है कि उन्होंने कबूली दी कि महाराष्ट्र के हित के लिए इस प्रदूषणकारी नीतियों को उनका सहकार्य रहा है। लेकिन अब जब गत सप्ताह भर से चंद्रपुर के प्रदूषण का मामला तूल पकड़ने लगा है, तो विधायक मुनगंटीवार ने जिले के प्रदूषण के मामले को लेकर पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे से उनके कक्ष में भेंट कर चर्चा की। इस पर मंत्री मुंडे ने ध्यान देने व चंद्रपुर का दौरा करने का आश्वासन दिया। परंतु आपको यह जानकार हैरत होगी कि वर्ष 2021 में सुधीर मुनगंटीवार की ओर से विधानसभा नियम 94 के तहत चर्चा में उपस्थित किये प्रदूषण के मुद्दे पर MPCB ने लिखित जवाब में साफ-साफ कह दिया था कि ‘सबकुछ मर्यादा में’ है। जबकि सरकारी रिपोर्ट ही कहती है कि चंद्रपुर जिले के 214 उद्योग प्रदूषणकारी है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच रहे इस शीतयुद्ध में कौन जीतेगा यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तो सच है कि बरसों से चंद्रपुरवासी अत्यंत प्रदूषित वातावरण में जीने के लिए मजबूर है और राजनीति अपने दांव-पेंच वक्त के अनुसार चोला बदल रही है।

बरसों बाद आएं, दुरुस्त आएं !

बरसों से चंद्रपुर जहरीले प्रदूषण को झेल रहा है। इस दौरान अनेक सत्ताएं आयी और चली गई। कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं ने सूख भोगा। बरसों बाद भी प्रदूषण का मसला हल होने के बजाय गंभीर होता चला गया। अब जाकर भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार को यह कहना पड़ा कि वे जिले को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए आगामी 20 वर्षों तक के लिए नीतियां बनाएंगे।

CM फड़णवीस का ऊर्जा विभाग टारगेट पर !

वर्तमान में ऊर्जा विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संभाल रहे हैं। ऐसे में अपने ही मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग की पोल भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने खोल दी। 20 मार्च को विधानसभा के सभागृह में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का अंधेरे दूर करने के लिए ऊर्जा विभाग के पॉवर स्टेशन से निकलने वाले प्रदूषण को सहन करते हुए इसे मदद की है। उल्लेखनीय यह है कि उन्होंने कबूल किया कि इस प्रदूषणकारी नीतियों को उनका सहकार्य रहा है। मुनगंटीवार एक और पोल खोलते हुए कहते हैं कि देश के ऊर्जा विभाग का नियम है कि 25 वर्ष बाद पॉवर स्टेशन के संयंत्र बदलना चाहिये, लेकिन चंद्रपुर CSTPS के संयंत्र 45 वर्ष पुराने हैं। सदन में उनके इस दावे से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार के तय नियमों को ठेंगा दिखाकर CSTPS के संयंत्र चंद्रपुर वासियों को प्रदूषण का जहर बांट रहे हैं।

वर्तमान में क्या चल रहा है ?

चंद्रपुर जिले के एमआईडीसी की कंपनियां नियम विरोधी कार्य करते हुए प्रदूषण फैला रही है। यह दावा सुधीर मुनगंटीवार ने किया है। इस दावे को लेकर मुनगंटीवार पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे के कक्ष में संबंधित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक करने पहुंच गये। इस बैठक में मंत्री मुंडे ने चंद्रपुर जिले के प्रदूषण की समस्या को हल करने का भरोसा दिलाया। साथ ही उनके विभाग की ओर से ध्यान दिये जाने की बात कही। चंद्रपुर का दौरा करने का भी आश्वासन दिया। परंतु सवाल यह उठता है कि जब भी प्रदूषण का मामला पटल पर आता है जनप्रतिनिधियों के तमाम दावों को किसी प्रशासनिक रिपोर्ट के फाइलों में दबा क्यों दिया जाता है ? इसका सशक्त उदाहरण मुनगंटीवार के वर्ष 2021 का ही मामला है, जिसमें उन्होंने विधानसभा नियम 94 के तहत चर्चा में उपस्थित किये प्रदूषण के मुद्दे पर MPCB ने लिखित जवाब में साफ-साफ कह दिया था कि ‘सबकुछ मर्यादा में’ है।

कैसे मुनगंटीवार को दरकिनार कर गया चंद्रपुर MPCB ?

24 फरवरी 2021 को चंद्रपुर MPCB ने अपने मंत्रालय को लिखित पत्र भेजकर सुधीर मुनगंटीवार के प्रदूषण के दावों को खारिज कर दिया। विधानसभा नियम 94 के तहत चर्चा में मुनगंटीवार ने सवाल उठाते हुए कहा था कि चंद्रपुर महाराष्ट्र का औद्योगिक जिला है। यहां सीमेंट, कोयला, लोह, बिजली आदि उद्योग हैं। शहर से सटकर एमआईडीसी है। विविध उद्योगों के कारण नागरिकों को बड़े पैमाने पर प्रदूषण सहना पड़ रहा है। सांस एवं त्वचा की बीमारियों से लोग परेशान है। प्रदूषण कम करने के लिए कोई ठोस उपाय सरकार नहीं कर पा रही है। देश के प्रमुख प्रदूषित शहरों की सूची में चंद्रपुर शामिल है। अब इन मुद्दों के जवाब में चंद्रपुर MPCB ने जो जानकारियों लिखित में दी, वह चौंकाने वाली है। 5 पन्नों के इस जवाब में MPCB ने कहा है कि चंद्रपुर शहर यह देश के प्रदूषित 10 शहरों की सूची में है ही नहीं। प्रदूषण दूर करने का प्रारूप बनाकर उस पर अमल शुरू है। उद्योगों ने हवा व जल प्रदूषण नियंत्रण के संयंत्र लगाये हैं और वे शुरू हैं। वायु गणवत्ता की नियमित जांच हो रही है। 24 घंटे मॉनिटरिंग चल रहा है। सर्वसाधरण रूप से सबकुछ मर्यादा में हैं।