न कोई प्रेस कांफ्रेंस, न कोई प्रेसनोट, आखिर गड़बड़ियों का जवाब देने से डरते क्यों हैं ?
आखिर वह क्या वजहें रही होगी जो चंद्रपुर के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े विद्युत निर्माण केंद्र अर्थात CSTPS के नये-नवेले यूनिट बंद पड़ रहे हैं ? इस CSTPS के KingMaker अर्थात अधिकारी भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी के महान कार्यों के लाभ के बावजूद यह अफसर बंद पड़ने वाली गड़बड़ियों का राज सार्वजनिक करने से डर रहे हैं ? यूनिट लगातार बंद होने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है। जनता को असली वहजों से अवगत कराना चाहिये। इसके बावजूद भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी की ओर से न कोई प्रेस कांफ्रेंस लिया जा रहा है और, न ही कोई प्रेसनोट जारी किया जा रहा है। आखिर इन गड़बड़ियों का जवाब जनता को देने से वे डरते क्यों हैं ?
CE की बलि चढ़ाना कब तक जायज ?
जनता को यह अच्छी तरह से पता है कि CSTPS में बरसों से घटिया कोयले की आपूर्ति की जा रही है। कोयला एवं अन्य साधन सामग्री की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आम बात बन चुकी है। अफसरों की ठेकेदारों और व्यापारियों के साथ मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। लाखों-करोड़ों की कमिशनखोरी की बातें अब तो किसी से छिपी नहीं रह गई। जब भी CSTPS के करोड़ों के यूनिट बंद पड़ जाते हैं, तब तब सरकार और जांच एजेंसियां केवल और केवल CE को बलि का बकरा बना देते हैं। लेकिन मुख्य अभियंता के पीठ के पिछे मलाई खाने का खेल खेलने वाले अनेक बार बचकर निकल रहे हैं। लेकिन इस अब जनता समझ चुकी हैं, इसलिए संदेह की सुईयां अब CSTPS के KingMaker पर उठने लगी हैं।
विशाखापट्टन व चाइना, भ्रष्ट तंत्र के आगे फेल
CSTPS के KingMaker भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी, अच्छी तरह से जानते हैं कि यहां के यूनिट बार-बार बंद क्यों पड़ते हैं ? इनके सुधार के लिए स्थानीय इंजीनियरों की टीम घुटने टेक देती हैं। और तो और विशाखापट्टम और चाइना से एक्सपर्ट टीम बुलाना पड़ता है। यह एक्सपर्ट टीम में गड़बड़ियों को दूर नहीं कर पा रही है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो वह प्रशासन के भितर ही छिपी है। इस भ्रष्ट तंत्र की गड़बड़ी और गुणवत्ता में खोट पैदा करने वाली नीति को बेनकाब करना होगा। अब आवश्यकता है कि CSTPS के KingMaker भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी सामने आकर जनता को बताएं कि आखिर यूनिट बार-बार बंद पड़ने का राज क्या है ? इन्हें कोई प्रेस कांफ्रेंस लेना चाहिये या कोई पुख्ता जानकारी के आधार पर प्रेसनोट जारी करना चाहिये। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। आखिर इन गड़बड़ियों का जवाब जनता को देने के लिए भूषण शिंदे और दिलीप वंजारी जैसे सक्षम और दमदार अधिकारी डर क्यों रहे हैं ?
गिरिश कुम्मरवार के बाद अब CE विजय राठौड का नंबर ?
करें कोई और भरे कोई ? यही नहीं CSTPS के भितर चल रहा है। पिछले कुछ महिनों में CSTPS के नये-नवेले यूनिट 8 और 9 में खराबी आ गई। पश्चात यह ठप पड़ गये। सरकार ने आननफानन में यहां के CE गिरिश कुम्मरवार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका तबादला कर दिया। इनके स्थान पर CE विजय राठौड को लाकर बिठा दिया गया। लेकिन CSTPS के कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं आया। आज भी पूरे तंत्र पर KingMaker उपअभियंता भूषण शिंदे और वेल्फेयर अधिकारी दिलीप वंजारी का जबरदस्त कब्जा है। मुख्य अभियंता विजय राठौड़ चाहकर भी अपने पद का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। अब जब भविष्य में किसी कार्रवाई की गाज गिरेगी तो CE विजय राठौड ही बलि का बकरा साबित होंगे। इस कठिन परिस्थितियों से राठौड खुद को कैसे बचा पाएंगे ? यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।