…गांव के कुएं में 15 दिनों से सड़ रही सांप की लाश दूषित जलस्त्रोत की समस्या हल करने में प्रशासन व जनप्रतिनिधि नाकाम

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चंद्रपुर :  

जिले के जिवती तहसील के कोटा (बुजुर्ग) गाँव में पिछले 15 दिनों से पानी की समस्या गंभीर रूप से बनी हुई है। गाँव की मुख्य जलस्रोत एकमात्र कुएं में 15 दिन पहले एक साँप मृत पाया गया, जिससे पानी दूषित हो गया। बावजूद इसके, ग्राम पंचायत प्रशासन इस समस्या को हल करने में असमर्थ और निष्क्रिय बना हुआ है। जिले के जनप्रतिनिधियों की ओर से भी इस गंभीर समस्या की अनदेखी की जा रही है। इसके चलते स्थानीय ग्रामीणों में प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के खिलाफ तीव्र रोष पनप रहा है।

“जल ही जीवन है” के बजाय “जल ही संकट है” 

गाँव की आबादी लगभग 500-550 है, जो केवल एक हाथपंप और एक कुएं पर निर्भर है। वर्तमान में हाथपंप का पानी ही गाँव के सभी निवासियों और पशुधन के लिए जीवनरेखा है। लेकिन गर्मी और बढ़ती मांग के कारण हाथपंप का जलस्तर दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है। गाँव वालों के अनुसार, अब हालात ऐसे हैं कि “जल ही जीवन है” के बजाय “जल ही संकट है” कहना पड़ रहा है।

दूषित पानी की अनदेखी

गाँव के निवासी बाबू महाले ने बताया कि 15 दिन पहले जब मृत साँप कुएं में मिला, तो इसकी सूचना तुरंत ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और अन्य सदस्यों को दी गई। उन्होंने कुएं का पानी शुद्ध करने और साफ-सफाई की माँग की। लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।

– दूषित पानी पीने से गाँव में बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

– पशुओं को भी हाथपंप पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे पानी की कमी और गंभीर हो रही है।

गाँववासियों में आक्रोश

गाँव के लोगों ने प्रशासन की लापरवाही पर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

जल संकट का समाधान आवश्यक

गाँव के लोगों का कहना है कि :-  

– दूषित पानी की सफाई के लिए तुरंत क्लोरीनेशन या अन्य उपाय किए जाएं।

– कुएं की नियमित सफाई और जल प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाए।

– प्रशासन पानी की कमी को दूर करने के लिए वैकल्पिक जलस्रोत उपलब्ध कराए।

गाँव में दूषित पानी, प्रशासन मौन 

जल संकट से जूझ रहे गाँववासियों ने अपील की है कि जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द इस मुद्दे पर ध्यान दें ताकि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें और जीवन सामान्य हो सके।