चंद्रपुर : पोंभूर्णा नगर पंचायत में सफाई कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे नाराज होकर सफाई कर्मचारियों ने सोमवार, 9 तारीख को कामबंद हड़ताल शुरू कर दी। यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो शहर की सफाई व्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
सफाई का ठेका और कर्मचारियों की स्थिति
पोंभूर्णा नगर पंचायत ने शहर की सफाई का ठेका गोंदिया जिले की “राजीव सुशिक्षित बेरोजगार बहुउद्देश्यीय सेवा सहकारी संस्था” को दिया है। सफाई व्यवस्था के लिए 31 कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई थी, लेकिन वास्तव में केवल 28 कर्मचारी काम पर लगाए गए हैं।
वेतन में देरी का आरोप
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें हर महीने वेतन मिलने की उम्मीद होती है, लेकिन पिछले दो महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इस कारण सोमवार को पूरे दिन हड़ताल रही।
नगर पंचायत को मिला था स्वच्छता का पुरस्कार
पोंभूर्णा नगर पंचायत को स्वच्छता अभियान के तहत विशेष पुरस्कार मिल चुका है। इसके तहत घर-घर से कचरा इकट्ठा करने, परिवहन करने और कचरे के निपटान के लिए सालाना 76 लाख 75 हजार 867 रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके बावजूद सफाई कर्मी वेतन से वंचित हैं।
स्थानीय नेताओं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
आशिष कावटवार, विपक्षी नेता, पोंभूर्णा नगर पंचायत : “सफाई कर्मियों को वेतन न मिलने के कारण उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा। प्रशासन को इस लंबित वेतन मुद्दे को तुरंत हल करना चाहिए।”
शब्बीर अली, स्वच्छता निरीक्षक, पोंभूर्णा नगर पंचायत : “सफाई का काम ठेकेदार के माध्यम से नियमित रूप से हो रहा है। वेतन में देरी का कारण ठेकेदार द्वारा बिलों को समय पर प्रस्तुत न करना है। अगले दो दिनों में कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन मिल जाएगा।”
नागरिकों की चिंता
स्थानीय नागरिकों ने आशंका व्यक्त की है कि यदि हड़ताल लंबे समय तक जारी रही, तो शहर में गंदगी फैल सकती है और स्वच्छता से संबंधित समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।
समस्या का समाधान जल्द आवश्यक
यह घटना नगर पंचायत की प्रशासनिक कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करती है। सफाई कर्मियों का वेतन तुरंत जारी करना न केवल उनकी समस्या का समाधान करेगा, बल्कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था को भी बनाए रखेगा।