एक घड़ा पानी चाहिये तो खर्च कीजिए 200 रुपये जिवती के येल्लापुर निवासियों की मजबूरी

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चंद्रपुर: वर्तमान में जिवती तहसील के येल्लापुर के लोग तालाब के पास स्थित एक अन्य कुएं से बैलगाड़ी, ऑटो, साइकिल या बाइक से पानी लाते हैं। जिनके पास ये साधन नहीं हैं, उन्हें लंबी दूरी तक पैदल चलना पड़ता है। वहीं, जो लोग दूर तक पैदल नहीं जा सकते, उन्हें एक घड़ा पानी खरीदने के लिए 150 से 200 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। दो साल पहले, जल स्वराज्य परियोजना के तहत जिवती तहसील के येल्लापुर ग्राम पंचायत में नल योजना के जरिए पानी की आपूर्ति, भले ही अनियमित रूप से, शुरू हुई थी। सभी को स्वच्छ और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इस गांव में नई योजना को मंजूरी दी और काम भी शुरू हुआ। लेकिन, इस दौरान पुरानी पाइपलाइन, जो जल स्वराज्य परियोजना के तहत बनी थी, तोड़ दी गई। अब समस्या यह है कि नई जल जीवन मिशन योजना का काम पिछले डेढ़ साल से ठप पड़ा है।

इस वजह से गांव में कृत्रिम जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है। गांव के दिव्यांग, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को पानी लाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। येल्लापुर गांव की आबादी करीब 2,500 है। यहां दिव्यांग व्यक्तियों को भी पानी लाने के लिए तीन पहियों वाली साइकिल का सहारा लेना पड़ रहा है।

खेतों का काम छोड़ने की नौबत
गांव में अधिकांश लोग किसान हैं और उनके परिवार खेती के कामों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन पानी की किल्लत के कारण सुबह-सुबह पानी लाने में काफी समय बर्बाद हो जाता है, जिससे खेती के काम पर बुरा असर पड़ रहा है। गांव में 5 हैंडपंप और 6 कुएं हैं, जिनमें अभी पर्याप्त पानी है। लेकिन गांव के पास स्थित एक मुख्य कुआं दो साल पहले ढह गया था और प्रशासन ने आज तक इस पर ध्यान नहीं दिया है। वहां पानी भरते समय दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

प्रशासन से काम पूरा करने की अपील
जल जीवन मिशन का अधूरा काम पूरा कर पानी की आपूर्ति सुचारू करने की मांग नागरिकों ने बार-बार प्रशासन से की है। लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दिया। संबंधित विभाग से निवेदन है कि वह इस समस्या का तत्काल समाधान करे और नल योजना के तहत गांव में पानी की आपूर्ति शुरू करे। यदि इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो गांववाले आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे।

दिव्यांगों को हो रही बड़ी परेशानी
गांव में कई ऐसे परिवार हैं, जिनमें पानी लाने वाला कोई नहीं है। दिव्यांग व्यक्तियों को भी तीन पहिया साइकिल से पानी ढोना पड़ रहा है। एक दिव्यांग युवक, सुपारी आत्राम, हर दिन अपने रिश्तेदारों की मदद से अपनी साइकिल पर पानी लाने को मजबूर है। जल जीवन मिशन का अधूरा काम डेढ़ साल से ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।