14.50 crore bus stand will be identified as ‘Poor Bus Station’
After inauguration, the plaque is tarnishing the name of Chandrapur
प्रदेश की सरकार एवं राज्य परिवहन महामंडल की ओर से निर्मित 14 करोड़ 50 लाख रुपयों की लागत से बनाया गया चंद्रपुर बस स्टैंड भले ही आलिशान और बेहद आकर्षक बनाया गया हो, लेकिन इसके लोकार्पण के महज 48 घंटों में ही इस बस स्टैंड का नाम फलक अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। निर्माण कार्यों में गड़बड़ी, छत से बारिश के पानी का रिसाव, पेयजल का अभाव, सीसीटीवी कैमरों का बंद होना आदि आरोपों को लेकर विरोधी दल के नेताओं ने सवाल उठाया। पत्रकार परिषद लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। इस बीच ST के विभागीय नियंत्रक की ओर से यह दावा किया जाना कि बस स्टैंड का काफी काम शेष है। बावजूद जल्दबाजी में किया गया लोकार्पण कार्यक्रम को जनता ने खूब सराहा। लेकिन लोकार्पण कार्यक्रम में जिला प्रशासन के मुखिया, जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त आदि की मौजूदगी के बाद भी महज 48 घंटों में चंद्रपुर बस स्थानक नाम से लगाया गया फलक आधा बंद पड़ गया। चंद्रपुर के अधूरे शब्द पूर को पढ़कर बाहरी जिलों से यहां आने वाले बस यात्री इस सौंदर्यीकरण का मजाक उड़ाने लगे हैं। प्रशासन की यह लापरवाही और तकनीकी दिक्कत के चलते चंद्रपुर का नाम कलंकित हो रहा है। इसे तत्काल ठीक किया जाना अत्यंत जरूरी है।
ज्ञात हो कि 8 अक्टूबर की भारी बारिश के कारण चंद्रपुर बस स्टैंड की छत से बारिश के पानी का रिसाव हुआ था। पेयजल और सीसीटीवी कैमरों के बंद होने तथा चोरी की वारदातों को लेकर शिकायतें मिली। कांग्रेस नेता डॉ. अभिलाषा गावतूरे ने इस मसले पर पत्रकार परिषद लेकर अनेक सवाल उपस्थित किये। साथ ही जिला प्रशासन को विविध मांगों का ज्ञापन सौंपकर उन्होंने उचित कदम उठाने की मांग की।
इस बीच 10 अक्टूबर को मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एसडी महामंडल के चंद्रपुर डिवीजन के विभागीय नियंत्रक ने स्पष्टीकरण दिया है कि अभी बस स्टैंड का काफी काम होना बाकी है। संबंधित ठेकेदार ने संपूर्ण बस स्टैंड हस्तांतरित नहीं किया है। बारिश के पानी के रिसाव को लेकर संबंधित ठेकेदार को आवश्यक मरम्मत करने और शेष कार्यों को तुरंत पूर्ण करने की सूचना पूर्व में ही दी गई थी। हैरत की बात है कि विभागीय नियंत्रक के स्पष्टीकरण और अधूरे कार्य के दावे के महज 2 दिन में ही यह खबर भी आयी कि इस निर्माणाधीन बस स्टैंड की इमारत का लोकार्पण कर दिया गया। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा जिलाधिकारी विनय गौडा, मनपा आयुक्त विपीन पालीवाल प्रमुखता से मौजूद थे। ताड़ोबा की थीम पर 14.50 करोड़ की लागत से बने इस बस स्टैंड को लोकार्पित तो किया गया, किंतु निर्माण की गुणवत्ता और टेस्टिंग को लेकर कोई पुख्ता कदम नहीं उठाएं गये।