पालकमंत्री के आदेश को नहीं मान रहे मनपा आयुक्त व PWD अफसर

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 – मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 17 अगस्त 2024 को बैठक लेकर तत्काल गड्‌ढों को पाटने का दिया था निर्देश

— 30 दिनों बाद भी मंत्री के आदेश को ठेंगा !

— क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर हो पाएगी कार्रवाई ?

महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनीक विभागों के अफसर ही अब सरकार के मंत्रियों के आदेशों की अवहेलना करने लगे हैं। ताजा मामला उभरकर सामने आया है। इसमें राज्य के वन व सांस्कृतिक मंत्री तथा चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की ओर से एक सरकारी बैठक में दिये गये सख्त निर्देशों व आदेश की अवमानना करने का प्रकरण उजागर हुआ है। खासकर चंद्रपुर महानगर पालिका के मनपा आयुक्त और PWD के आला अफसरों का समावेश है।

मंत्री के आदेश पर 30 दिनों में भी अमल नहीं 

मंत्री मुनगंटीवार ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को साफ शब्दों में निर्देश दिया था कि वे तत्काल चंद्रपुर जिले के तमाम क्षतिग्रस्त सड़कों के गड्‌ढों को पाट दें। और सड़कें गड्‌ढें मुक्त करें। लेकिन अब मंत्री मुनगंटीवार के निर्देशों के 30 दिनों बाद जब हमने चंद्रपुर शहर की सड़कें एवं जिले की सड़कों का अवलोकन किया तो उनके आदेश पर अमल करने जैसी स्थिति अधिकांश स्थानों पर दिखाई नहीं दी।

मंत्री के निर्देशों को डस्टबिन में डालने की स्थिति

खस्ताहाल और गहरे गड्‌ढों से युक्त सड़कें पहले से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हो चुकी हैं। इन्हें मरम्मत करना तो दूर इनमें मिट्‌टी-गिट्‌टी ड़ालकर भी पाटा नहीं जा सका। इसके चलते लग रहा है कि मंत्री मुनगंटीवार के आदेश को ठेंगा दिखाने और उनके निर्देशों को डस्टबिन में डालने का काम मनपा और PWD के अफसरों ने किया है। इस हरकत के चलते मंत्री मुनगंटीवार की साख को बट्‌टा लग रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों में गड्‌ढें युक्त सड़कें जनता के वोटों पर असर ड़ाल सकती हैं।

कहा गया था कि मंत्री ने अफसरों को आड़े हाथों लिया

जिला प्रशासन के जिला सूचना अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 17 अगस्त 2024 की सरकारी बैठक में प्रशासन के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। और चंद्रपुर जिले के तमाम सड़कों को गड्‌ढों से मुक्त करने के सख्त निर्देश दिये थे। लेकिन चंद्रपुर शहर और जिले की वर्तमान सड़कों को देखकर ऐसा लगता नहीं है कि किसी अधिकारी को आड़े हाथ लेने का, मंत्री मुनगंटीवार के निर्देशों का उन अधिकारियों पर कोई असर पड़ा है।

प्रशासन मानता है कि दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ी

जिला प्रशासन की ओर से जारी किये गये विज्ञप्ति में प्रशासन ने यह बात कबूल की है कि बीते दिनों की बारिश के चलते संपूर्ण जिले की सड़कें खस्ताहाल व गड्‌ढों से युक्त हो चुकी हैं। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके इस दावे से सड़कों की गुणवत्ता और उन सड़कों के निर्माण के समय की जांच-पड़ताल में कितनी गड़बड़ियां की गई होगी, तभी तो सड़कों की गुणवत्ता घटकर घटिया स्तर पर पहुंचने के कारण समय से पूर्व ही इन सड़कों पर गहरे गड्‌ढों का निर्माण हो गया है।

कौन-कौन अफसर थे बैठक में शामिल ?

17 अगस्त 2024 को पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की मुख्य उपस्थिति में आयोजित की गई इस बैठक में अतिरिक्त जिलाधिकारी श्रीकांत देशपांडे, उपजिलाधिकारी दगडू कुंभार, सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के अधीक्षक अभियंता अरुण गाडेगोणे, कार्यकारी अभियंता मुकेश टांगले व सुनील कुंभे, मनपा आयुक्त विपीन पालीवाल, राष्ट्रीय महामार्ग के कार्यकारी अभियंता बोबडे, जिला परिषद के कार्यकारी अभियंता पेंदे, मुख्य अभियंता विजय बोरीकर व संबंधित विभागों के अन्य अनेक अधिकारी और कर्मचारी प्रमुखता से उपस्थित थे। अधिकारियों के अलावा भाजपा नेता देवराव भोंगले, राहुल पावडे, डॉ. मंगेश गुलवाडे, अमर बोडलावार, बंडू गौरकार भी उपस्थित थे। परंतु अपने पालकमंत्री के आदेश पर अधिकारियों द्वारा अमल करवाने की कोशिश उक्त भाजपा नेताओं द्वारा नहीं किया जाना उनकी निष्क्रियता को बयां कर रहा है।

जिला परिषद को चाहिये 115 करोड़ का फंड

सड़कों की गुणवत्ता पर आयोजित इस बैठक में अनेक रिपोर्ट पेश किये गये। जिला परिष के अनुसार ओडीआर व वीआर के 6 हजार किमी की सड़कें हैं। इनमें से 450 किमी सड़कों का नुकसान हुआ है। अस्थायी मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपये तथा स्थायी मरम्मत के लिए इन्हें 115 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है। इसके लिए राज्य के ग्रामविकास विभाग को तत्काल निधि की मांग करने के आदेश पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दिये।

जिला नियोजन समिति से 1.10 करोड़ लीजिये

सड़कों की समीक्षा बैठक में कहा गया कि सिडी वर्क के 39 सड़कें खराब हो चुकी हैं। इसके लिए प्रशासन को 1 करोड़ 10 लाख रुपयों की आवश्यकता है। यह बात अधिकारियों ने पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के समक्ष रखी। तब उन्होंने निर्देश दिया कि यह निधि वे जिला नियोजन समिति में हासिल कर लें। लेकिन इसके बाद क्या हुआ यह तो इन सड़कों की गुणवत्ता को देखकर आप अंदाजा लगा ही सकते हैं।

7 दिनों में मरम्मत का आश्वासन फुर्रर !

सड़क मरम्मत की समीक्षा बैठक में प्रशासन ने यह मान्य किया कि जिले के राष्ट्रीय महामार्ग के गडचिरोली विभाग के अधिन चंद्रपुर जिले में 219 किमी तथा नागपुर विभाग में चंद्रपुर जिले में 50 किमी की सड़कें हैं। इन सड़कों पर बड़े-बड़े और गहरे गड्‌ढों का निर्माण हो चुका है। इनकी मरम्मत के लिए संबंधित ठेकेदार द्वारा 7 दिनों में ही (24 अगस्त 2024 तक) बारिश रुकते ही कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। अब करीब एक माह बीत चुका है और आप इस 7 दिनों वाले अफसरों के आश्वासनों की पड़ताल करेंगे तो अनेक चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। ठेकेदारों से इन अफसरों की मिलीभगत भी उजागर हो सकती है।

PWD के 15 दिन कब खत्म होंगे ?

मंत्री मुनगंटीवार की बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में 686 किमी के राज्य सड़कें हैं। इनमें से 70 किमी की सड़कें खराब हैं। वहीं जिले में एमडीआर के 2116 किमी के सड़कें हैं, इनमें से 555 किमी की सड़कें खराब हैं। इनमें से 70 प्रतिशत काम यह डब्ल्युबीएम पद्धति से करेंगे। निर्माण विभाग के पास 17.57 करोड़ का वार्षीक मरम्मत फंड मंजूर है। और 74 स्थानों पर 2.28 करोड़ रुपये फिलहाल खर्च किया जाएगा। यह कार्य बारिश रुकते ही 15 दिनों में पूर्ण करने का आश्वासन PWD के अफसरों ने मंत्री महोदय को दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि PWD के वह 15 दिनों की डेडलाइन आखिर कब समाप्त होगी ? क्या साल भर मंत्री महोदय और जनता को इंतजार करना पडेगा ?

तत्काल सुधार के निर्देशों की मनपा में उड़ी धज्जियां

चंद्रपुर महानगर पालिका के अधिकारियों ने जानकारी दी कि चंद्रपुर शहर में 600 किमी की सड़कें हैं। इनमें से 400 किमी की सड़कें सीमेंट से बनी हैं। फिलहाल सड़कों के मरम्मत के लिए 40 लाख रुपये और स्थायी मरम्मत के लिए 2 करोड़ रुपयों का प्रावधान है। बीते दिनों की बारिश के कारण यह गड्‌ढें निर्माण होने का दावा किया गया है। मनपा के इन सड़कों का तत्काल सुधार करने के आदेश पालकमंत्री मुनगंटीवार ने इस बैठक में दिये। परंतु एक माह बीत गया और चंद्रपुर शहर की सड़कें जैसी थी, वैसे ही दिख रही है। अर्थात मनपा के अफसरों द्वारा पालकमंत्री के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।