जोरगेवार नकारते रहे, अंतत: कल करेंगे NCP में प्रवेश

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Jorgewar kept denying, will finally join NCP tomorrow

चंद्रपुर – बीते 5 अक्तूबर की शाम साप्ताहिक चंद्रपुर की बुलंद आवाज के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म से एक खबर प्रसारित की गई थी। NCP सुप्रीमो शरद पवार से भेंट कर चंद्रपुर के लिए जोरगेवार ने मांगी टिकट ! नामक शिर्षक तले इस खबर में चंद्रपुर के निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार की ओर से राकांपा के संपर्क में आने की बात कही थी। हालांकि विधायक जोरगेवार ने इस तथ्य को पूरी तरह से नहीं नकारा था। चंद्रपुर में आयोजित पत्रकार परिषद में उन्होंने इस विषय पर खुलकर तो बात नहीं की, लेकिन ऐन समय पर उन्हें ऑफर किये जाने वाले राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए वे सारे पर्याय खुले रखने की बात कह गये। अब वह वक्त आ गये है जब विधायक जोरगेवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दल का दामन थामना है। इस बार उन्होंने निर्दलीय के बजाय NCP (शरद पवार गुट) से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। मुंबई में इस संदर्भ में बैठकें चल रही है। कल अर्थात 20 अक्तूबर 2024 को राकांपा नेता जयंत पाटील ने उन्हें आमंत्रित किया है। संभवत: राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की मौजूदगी में वे पक्ष प्रवेश कर सकते हैं। इसकी प्रबल संभावना है।

यदि चंद्रपुर के निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार राकांपा में कल पक्ष प्रवेश ले लेते हैं तो उनकी यह राजनीतिक चाल अनेक मायनों में काफी लोगों को मात दे जाएगी। उन्हें भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के उम्मीदवारों से अधिक खतरा था। ऐसे में कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के महागठबंधन के तहत चंद्रपुर की सीट यदि राकांपा के कोटे में जाती है तो कांग्रेस के तमाम उम्मीदवारों एवं कार्यकर्ताओं को जोरगेवार के लिए चुनावी प्रचार में खुद को झोंक देना होगा। इसके चलते पहले से ही कमजोर नजर आ रही भाजपा यहां बुरी तरह से पटखनी खा सकती है। भाजपा के पास मौजूदा समय में विधायक किशोर जोरगेवार को टक्कर देने जैसा कोई बड़ा चेहरा उपलब्ध नहीं है। वहीं जोरगेवार की अपनी चांदा ब्रिगेड और यंग चांदा ब्रिगेड के हजारों नौजवान आसानी से इस चुनाव की नैया को पार करवा सकते हैं। इसके अलावा जोरगेवार का अपना खुद का भी अलग से वोट बैंक हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में रहकर उन्होंने काफी बड़ी संख्या में विकास कार्यों को अंजाम दिया है। करोड़ों की निधि उपलब्ध करवाने में वे कामयाब रहे हैं। ऐसे में जोरगेवार को चुनौती देना किसी के लिए भी आसान काम नहीं होगा।

ज्ञात हो कि चंद्रपुर विधानसभा की सीट यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। महाविकास आघाड़ी किसी भी सूरत में चंद्रपुर विधानसभा की यह सीट अपने हाथ से खोना नहीं चाहती। इन हालातों में किशोर जोरगेवार को राकांपा का साथ मिलना महागठबंधन के लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा। क्योंकि जोरगेवार ने बीते विधानसभा चुनावों में रेकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर संपूर्ण महाराष्ट्र में अपनी एक अलग छवि बनाई है। इसका लाभ अभी राजनीतिक दल के रूप में उन्हें मिलना वाजिब है।

किशोर जोरगेवार ने पिछले चुनावों में निर्दलीय के रूप में TV चुनाव चिन्ह पर जीत हासिल की थी। परंतु अब कल के पक्ष प्रवेश के बाद वे इस बार तुरहा (तुतारी) के चुनावी चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।

अपने पिछले पत्रकार परिषद में विधायक जोरगेवार ने कहा था कि उन्हें कुछ राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं की ओर से विरोध हो रहा है। इसलिए वे उन्हें महत्व देंगे जो उन्हें चुनावी टिकट देने का भरोसा दिला सकें। उनका इशारा भाजपा के स्थानीय नेताओं को लेकर था। क्योंकि बीते दिनों जोरगेवार ने भाजपा में पक्ष प्रवेश को लेकर काफी सकारात्मक कदम उठाए थे। परंतु उनकी कोशिशों को इच्छा अनुसार फल नहीं मिल पाया। अब जोरगेवार के राकांपा में प्रवेश होने से यहां का चुनावी जंग भाजपा विरुद्ध जोरगेवार की टीम प्रतीत होगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि चुनावी सरगर्मियां इस बार क्या क्या दांव पेश करती है।