Jorgewar met NCP supremo Sharad Pawar and asked for a ticket for Chandrapur!
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है। परंतु राजनीतिक समीकरण और सारे बिसात बिछाये जा रहे हैं। ऐसे में चंद्रपुर भी कहां पीछे रह सकता है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चंद्रपुर विधानसभा की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही है। पिछली बार भारी वोटों से जीतने वाले निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार जो कल तक भाजपा में पक्ष प्रवेश के मार्ग पर थे, वे अब NCP (शरद पवार गुट) से टिकट मांगने की विश्वसनीय जानकारी सूत्रों से मिली है। इस संदर्भ में उन्होंने पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से भेंट कर अपनी इच्छा जतायी है। इसके चलते चंद्रपुर की सीट महागठबंधन के खाते में जाने के आसार है। यदि ऐसा हुआ तो इस बार किशोर जोरगेवार का TV नहीं, बल्कि तुरहा (तुतारी) बज पड़ेगा। और कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक अनेक उम्मीदवारों में नाराजगी आना तय है। इसके चलते कांग्रेस को एक बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसके नतीजे भी दूरगामी होंगे।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा से खफा चल रहे निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार की ओर से NCP (शरद पवार गुट) से संपर्क किया गया। पार्टी प्रमुख शरद पवार से भेंट के दौरान उन्होंने अपना लिखित निवेदन भी उन्हें सौंपा। साथ ही पक्ष प्रवेश कर चंद्रपुर से टिकट पाने की आशा भी व्यक्त की। इस पर शरद पवार ने उन्हें सहमति तो जतायी है, किंतु चंद्रपुर की सीट का फैसला तो महागठबंधन की प्रमुख बैठक में तय होगा। यहां बीते अनेक चुनावों से कांग्रेस हार रही है। ऐसे में शरद पवार के दबाव में कांग्रेस चंद्रपुर की सीट NCP (शरद पवार गुट) के लिए छोड़ भी सकती है। यदि ऐसा होता है कि आगामी विधानसभा में चंद्रपुर की सीट का चुनाव काफी दिलचस्प रहेगा।
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि किशोर जोरगेवार महायुती में प्रवेश कर भाजपा की सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। महायुती में चंद्रपुर की सीट का कोटा बरसों से भाजपा के पाले में ही है। ऐसे में यदि किशोर जोरगेवार को महायुती से चुनाव लड़ना है तो उन्हें भाजपा में प्रवेश करना होगा, इसके बाद ही उन्हें यहां का टिकट भाजपा द्वारा दिया जा सकेगा। यदि जोरगेवार शिंदे गुट के शिवसेना से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो महायुती के टिकट बंटवारे के दौरान चंद्रपुर की सीट पर शिंदे गुट को अपनी दावेदारी के लिए कोटा हासिल करना होगा। लेकिन इसमें भी एक दिक्कत थी। गत लोकसभा चुनावों के समय यहां के पालकमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार के साथ विधायक जोरगेवार की अनबन के चलते चंद्रपुर की सीट शिंदे गुट के पाले में जाना मुश्किल है। क्योंकि लोकसभा चुनावों में चंद्रपुर के भाजपा प्रत्याशी को बुरी तरह से हारना पड़ा। ढ़ाई लाख से अधिक वोटों से मिली हार अखर गई। उन दिनों विधायक किशोर जोरगेवार एवं भाजपा प्रत्याशी सुधीर मुनगंटीवार के बीच अनबन की खबरें आयी थी। हालांकि मतदान के मुहाने पर जोरगेवार ने एक विशाल आयोजन कर भाजपा को अपना समर्थन घोषित किया। लेकिन अनबन का दंश और मनमुटाव दूर हुआ होगा, ऐसा प्रतीत नहीं होता। क्योंकि जोरगेवार द्वारा भाजपा को समर्थन घोषित किये जाने के बावजूद यंग चांदा ब्रिगेड के जांबाज कार्यकर्ताओं ने दिल से भाजपा का साथ नहीं दिया, ऐसी चर्चा आज तक कायम है।
बहरहाल सूत्र बताते हैं कि विधायक जोरगेवार अब NCP (शरद पवार गुट) की राह पर हैं। और यदि यह संभव हुआ तो वे शीघ्र ही पक्ष प्रवेश लेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में वे तुरहा (तुतारी) चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ते हुए दिखाई पड़ेंगे।