चंद्रपुर : WCL दुर्गापुर के ओपनकास्ट खदान में 14 सितंबर 2024 की रात करीब 10:30 बजे नशे की हालत में अंडर ग्राउंड मैनेजर जरपला बालकृष्ण द्वारा सेकंड शिफ्ट में काम कर रहे माइनिंग सरदार संकल्प कुंभारे की पिटाई करने का मामला उजागर हुआ था। इसी दौरान कामगारों की भीड़ ने बालकृष्ण पर भी हमला कर उन्हें गंभीर घायल कर दिया था। बालकृष्ण को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। एक ओर जहां खदान परिसर में हंगामा हुआ तो कोयला कामगारों से जुड़े 5 संगठनों ने इस मारपीट का विरोध जताते हुए पीड़ित कुंभारे के पक्ष में खदान को बंद करा दिया था। साथ ही चक्काजाम आंदोलन कर अपनी विविध मांगों को पूरजोर ढंग से उठाने की कोशिश की थी। वहीं दूसरी ओर अंडरग्राउंड मैनेजर को निर्ममता से पिटने के मामले में पीड़ित को न्याय दिलाने के पक्ष में वेकोलि का अधिकारी वर्ग एकजुट हो गया। अधिकारियों ने बाकायदा एक लिखित शिकायत दुर्गापुर वेकोलि के उपक्षेत्रीय प्रबंधक को दी है। इसमें उन्होंने दोषी कामगारों पर तत्काल उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि 14 सितंबर की रात B रिले में कार्यरत अंडरग्राउंड मैनेजर बालकृष्ण जरपाला द्वारा यहां कार्यरत माइनिंग सरदार संकल्प कुंभारे पर हमला कर बुरी तरह से उन्हें पिटा गया। इससे कुंभारे गंभीर घायल हुए। उसकी आंखों ओर होंठ पर ज़ख्म होकर खून निकलने लगा। वारदात के चंद मिनटों में ही खदान परिसर में कामगार संगठनों के पदाधिकारी, कार्यकर्त एवं कामगारों की भीड़ इकट्ठा हुई। कुछ कामगारों ने अधिकारी बालकृष्ण को घेर लिया और बड़ी ही निर्ममता के साथ उनकी पिटाई कर दी। दूसरे दिन कामगार संगठनों ने हमलावर अधिकारी बालकृष्ण पर सख्त कार्रवाई करने एवं चंद्रपुर क्षेत्र से दूर तबादला करने की मांग की। 15 सितंबर 2024 को HMS यूनियन द्वारा इस घटना के खिलाफ़ पूरे दुर्गापुर खदान को बंद कर दिया। अंडरग्राउंड मैनेजर बालकृष्ण को सस्पेंड करने, उसका आउट ऑफ एरिया ट्रांफर करने, माइनिंग सरदार संकल्प कुंभारे जब तक ठीक नहीं हो जाते तब तक उन्हें ऑन ड्यूटी ट्रीट करने तथा प्रबंधन द्वारा माफिनामा देने की मांग की है। इन सभी मांगों को लेकर 5 कामगार संगठनों ने चक्काजाम कर दिया। इन्मोसा, एससीएसटी ओबीसी काउंसिल भी इसमें शामिल हुए। इस बीच अधिकारियों के एक दल ने दुर्गापुर उपक्षेत्रीय प्रबंधक को एक लिखित शिकायत कर बालकृष्ण की पिटाई करने वाले दोषी कामगारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
अधिकारियों द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि जे. बालकृष्ण, उप प्रबंधक (खनन), डीओसीएम पर भीड़ ने हमला किया। इस भीड़ का नेतृत्व राहुल डोडवार, विल्सन पुल्लारवार, प्रणय वैद्य, सौरभ जनवार और अन्य ने किया। कार्यस्थल पर हुई यह घटना न केवल असहनीय है, बल्कि कंपनी के नियमों के भी खिलाफ है। जे. बालकृष्ण को रात 11:40 बजे के करीब चिकित्सा आपातकाल के लिए जब औषधालय ले जाया गया, क्योंकि उन्हें गंभीर रूप से पीटा गया था। भीड़ औषधालय में फिर से उन पर हमला करने के इरादे से घुस आई। इतना ही नहीं, बल्कि डॉ. मधुसूदन राव द्वारा जे. बालकृष्ण को औषधालय से क्षेत्रीय अस्पताल ले जाने के लिए जिस एंबुलेंस की सिफारिश की गई थी, उसे जानबूझकर रोका गया और एंबुलेंस को सिविल अस्पताल की ओर मोड़ने के लिए मजबूर किया गया। इससे तथ्यों को गुमराह करने का प्रयास स्पष्ट होता है।
अधिकारियों की शिकायत में यह भी कहा गया है कि जे. बालकृष्ण को इतनी गंभीर चोटें आईं कि वे व्यक्तिगत रूप से दोषियों के खिलाफ शिकायत या बयान नहीं दे सके। वर्तमान में वे आईसीयू में इलाज के तहत हैं। इस शिकायत पत्र के साथ अनेक अधिकारियों के हस्ताक्षरों की सूची दी गई है। अब यह मामला कामगार विरुद्ध अधिकारी वर्ग में तब्दील होता दिखाई पड़ रहा है।