ठेका कर्मियों के वेतन में 19% की बढ़ोतरी का ऐतिहासिक फैसला.. महानिर्मिति ठेका श्रमिकों के संघर्ष की सफलता के पीछे सुधीर मुनगंटीवार की अहम भूमिका..

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चंद्रपुर : महानिर्मिति पावर स्टेशन पर संविदा कर्मियों के 22 दिवसीय आमरण अनशन और कामबंद आंदोलन को आखिरकार सफलता मिल गई है। कर्मचारियों की 9 में से 7 मांगें मान लिए जाने पर अनशनकारियों ने पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। इस संघर्ष में सुधीर मुनगंटीवार ने एक नायक की भूमिका निभाई है और उनके प्रभावी नेतृत्व और मध्यस्थता से श्रमिकों की प्रमुख मांगों को स्वीकार किया गया है।

 

कर्मचारियों ने 18 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसके बाद 24 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई। यह टकराव इसलिए पैदा हुआ क्योंकि प्रशासन ने कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को नजरअंदाज कर दिया था। इस संकट के दौरान, सुधीर मुनगंटीवार ने पहल की और उन्होंने ऊर्जा मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से गहन चर्चा की और कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए सकारात्मक प्रयास किये।

 

सह्याद्रि गेस्ट हाउस में हुई बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर फैसला लिया गया। इन चर्चाओं में श्रमिकों के वेतन में 19% की वृद्धि, मेडिक्लेम सुविधा, आयु सीमा लाभ जैसे विभिन्न लाभ शामिल थे। इन फैसलों से श्रमिकों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

 

इस ऐतिहासिक उपलब्धि से ठेका कर्मियों में खुशी का माहौल है। प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल खत्म कर जीत का जश्न मनाया। श्रमिक संघ के संयोजक नचिकेत मोरे ने सुधीर मुनगंटीवार को धन्यवाद देते हुए उन्हें इस उपलब्धि का नायक बताया. मोरे ने कहा, “यह संघर्ष मुनगंटीवार के नेतृत्व के बिना सफल नहीं होता।”

यह निर्णय तीन कंपनियों महावितरण, महापारेषण और महानिमित्री के ठेका श्रमिकों पर लागू होगा। यह फैसला मार्च 2024 से लागू होगा, जिससे लाखों संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फैसले से श्रमिकों के वेतन, स्वास्थ्य सुविधाओं और सामाजिक सुरक्षा में वृद्धि होगी।

इस संघर्ष में मुनगंटीवार की भूमिका सिर्फ एक मध्यस्थ की नहीं थी, बल्कि एक ऐसे नेता की थी जो श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ता था। उनके योगदान से चंद्रपुर और राज्यभर में उनकी छवि ऊंची हुई है। पूर्व ऊर्जा मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले ने भी इस आंदोलन को बहुमूल्य समर्थन दिया, जिससे यह संघर्ष सफल हो सका।

श्रमिकों के हित में लिए गए इस फैसले से एक बार फिर से सुधीर मुनगंटीवार की उपलब्धियां साबित हुई हैं। महानीर्मिती के कार्यकर्ताओं के लिए इस ऐतिहासिक निर्णय से जनता के मन में मुनगंटीवार का नेतृत्व मजबूत हुआ है।