Impact of Chandrapur’s loud voice: Crime registered against 23 builders as soon as they raised questions on the formalities of the Municipal Corporation
चंद्रपुर के बाढ़ प्रवण इलाकों पर ‘अवैध बिल्डर राज’ : ब्लू लाइन से ब्लैक मनी का खेल कब तक ? इस शिर्षक तले 26 अगस्त 2024 को साप्ताहिक चंद्रपुर की बुलंद आवाज अखबार में सर्वप्रथम मनपा की खानापूर्ति की कार्रवाई को लेकर अनेक सवाल उठाये गये। बरसों से मनपा प्रशासन की ओर से अवैध बिल्डर राज को पनाह और आशीर्वाद होने की बात का खुलासा करते हुए चंदपुर महानगर पालिका प्रशासन के आला अफसरों की इन अवैध बिल्डरों के साथ साठगांठ की बात का पर्दाफाश किया गया। इसके बाद से लगातार मनपा कार्यालय में बैठकों का दौर शुरू हुआ। और अंतत: मनपा आयुक्त समेत तमाम संबंधित अधिकारियों को इस खबर की दखल लेने पड़ी। वहीं हाईकोर्ट के एक याचिका में चंद्रपुर वेकोलि ने भी मनपा प्रशासन की ओर से ब्लू जोन में बन रहे इमारतों व उनके निर्माता अवैध बिल्डरों पर कार्रवाई नहीं किये जाने की बात न्यायालय में शपथपत्र के माध्यम से पेश की गई। इस पर मचे बवाल के बाद मनपा प्रशासन को आखिरकार शहर के 23 अवैध बिल्डरों के खिलाफ मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी।
ज्ञात हो कि साप्ताहिक चंद्रपुर की बुलंद आवाज ने ही सर्वप्रथम मनपा की खानापूर्ति कार्रवाई को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी। इरई नदी परिसर में अवैध रूप से बन रहे अनेक इमारतों के निर्माण और मंजूरी में प्रशासनीक आशीर्वाद के चलते इन्हें पनाह देने पर अनेक सवाल उठाये थे। 26 अगस्त 2024 के अंक में कई मुद्दों पर पर्दाफाश किया गया था। केवल 3 अवैध इमारतों को ध्वस्त कर कार्रवाई की वाहवाही लूटने वाले मनपा की कार्यप्रणाली को संदेह के कटघरे में लाकर खड़ा किया गया। अवैध बिल्डर राज के माध्यम से कैसे इमारतें बनी रही, कैसे मंजूरी ली जा रही, कैसे मिलीभगत का खेल चल रहा और कैसे खरीदी-बिक्री के माध्यम से करोड़ों का काला धन यहां इस्तेमाल किया जा रहा ? इस तरह के अनेक सवालों को जनता के बीच रखा गया। और आखिरकार मनपा प्रशासन की नींद को तोड़ दिया गया। मनपा के अफसरों को मजबूर होकर अब 23 अवैध बिल्डरों के खिलाफ अपराध दर्ज करना पड़ा।
ताजा जानकारी के अनुसार कल जब मनपा प्रशासन की ओर से 23 बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी तो यह ज्ञात हुआ कि इरई नदी के तट पर बसे वड़गांव, गोविंदपुर प्रभाग के ब्लू जोन में 7 स्थानों पर अवैध ले-आउट डालकर भूमि की अवैध बिक्री की गई। मनपा के सहायक नगर रचनाकार सारिका शिरभाते ने मंगलवार को रामनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद 23 बिल्डरों पर महाराष्ट्र प्रादेशिक नगर रचना अधिनियम 1966 की धारा 53 अ के अनुसार अपराध दर्ज किया गया।
किन-किन बिल्डरों पर दर्ज हुआ अपराध ?
मनपा प्रशासन की ओर से दर्ज किये गये मामले में दीपक केशवराव चौधरी, राहुल दिनकरराव बोट्टूवार, नानाजी संभाजी इटनकर, पूनम जितेंद्र इटनकर, योगिता राजेंद्र रघाताटे, राजेंद्र श्यामराव रघाताटे, विकास जयभाम घटे, सरिता विकास घटे, नंदलाल चंपालाल बियानी, मधुकर नारायण मानेकर, भरत धोंडूबाजी वाघाडे, स्वाति प्रदीप तातावार, संजय हरीदास लेखवाणी, रवि नारायणदास चिमनानी, मोहन केशवराव ठाकरे, अतुल मारोतीराव रायपुरे, बंडू संभाजी नागरकर, रफीक सत्तार शेख, व्यंकटस्वामी नागय्या पंगा, उत्तम यादव वाघमारे, क्रिष्णा मानाखा मारवा, रामकृष्ण लटभय्या रावा, मंजू शिवमंगल कश्यप नामक बिल्डरों का समावेश हैं।