CSTPS में ठेकों का सिंडिकेट : भ्रष्टाचार चरम पर ■ क्या विजिलेंस करेगी मिलीभगत की जांच ?

32

चंद्रपुर : महाजेनको के CSTPS चंद्रपुर में विभिन्न AMC और DPR कार्यों में रणजीत सिंह सलूजा, भावना एनर्जी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., यूनाइटेड इंजीनियर्स, तिरुपति कंस्ट्रक्शन्स, अढोर कॉन्ट्रैक्टर्स प्रा. लि., वीके एंटरप्राइजेस और इनसे जुड़ी कंपनियों द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के माध्यम से ठेके चल रहे हैं। इन ठेकों में हो रही मिलीभगत अब किसी से छिपी नहीं है। इस भारी भ्रष्टाचार के खिलाफ अब प्रकाशगढ़ मुंबई महाजेनको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी. (IAS) से शिकायत की जा चुकी है। शीघ्र ही इस मामले में विजिलेंस विभाग की ओर से गहन जांच करवाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

कंपनियों ने मिलकर कैसे तैयार किया सिंडिकेट ?

ज्ञात हो कि पिछले 10 वर्षों से महाजेनको के CSTPS चंद्रपुर में विभिन्न AMC, इमरजेंसी और DPR कामों की मंजूरी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। इसी पर महाजेनको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी. (IAS) का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिकायत की गई है। रणजीत सिंह सलूजा, भावना एनर्जी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., यूनाइटेड इंजीनियर्स, तिरुपति कंस्ट्रक्शन्स, अढोर कॉन्ट्रैक्टर्स प्रा. लि., वीके एंटरप्राइजेस, पवनसिद्धी सप्लायर्स प्रा. लि., क्रीडप्रसाद सप्लायर्स प्रा. लि., अखैलाच इंजीनियरिंग, ABU कंस्ट्रक्शन्स, वी.एस. खापे, एस. एंटरप्राइजेस, प्रविण एंटरप्राइजेस, A.S. गीते और उनकी सहयोगी कंपनियों ने मिलकर एक संगठित सिंडिकेट तैयार किया है।

 

सिंडिकेट से महाजेनको को करोड़ों का नुकसान

यह सिंडिकेट पिछले 10 से अधिक वर्षों से मिलीभगत कर और बोली प्रक्रिया में हेरफेर करके लगातार AMC और DPR के ठेके हासिल कर रहा है। ई-टेंडर प्रक्रिया में धांधली कर L1, L2 और L3 बोली लगाने वालों की क्रमवारी आपसी सहमति से तय की जाती है। अनुमानित बजट कीमतों को भी जानबूझकर बढ़ाया जाता है, जिससे करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ सिंडिकेट को और बड़ा नुकसान महाजेनको को होता है।

सिंडिकेट को फायदा पहुंचाने की नीति

यह सिंडिकेट पात्रता मानकों में भी बदलाव कर अन्य बोलीदारों को अयोग्य ठहराता है, जिससे वे बिना किसी प्रतिस्पर्धा के ठेके प्राप्त कर लेते हैं। उदाहरण के तौर पर -“कोयला स्टॉकयार्ड प्रबंधन”, “CHP क्षेत्र की यांत्रिक हैंडलिंग”, “ऐश डंप कार्य”, “कोयले की सफाई, मैन्युअल हैंडलिंग, हाउसकीपिंग व परिवहन”, “बेल्ट कन्वेयर का नवीनीकरण और अपडेट”, “HPHDP में ADPL प्रणाली” आदि ऐसी पात्रता शर्तें इन ठेकेदारों के हितों के अनुसार बनाई गई हैं।

ठेकेदार के फायदे के लिए कीमतें बढ़ा देना

एक ठेकेदार को कोयला क्रशिंग, कोयले पर तिरपाल लगाने, CHP क्षेत्र के कोयला स्टॉकयार्ड प्रबंधन जैसे काम दिए गए हैं और हर साल अनुबंध की कीमतों में वृद्धि भी की जाती है। साथ ही कई अनावश्यक कार्य कृत्रिम रूप से शामिल किए जाते हैं, जिससे महाजेनको को करोड़ों का नुकसान होता है।

भ्रष्ट तरीके से लाभ पहुंचा रहे ठेकेदार को

40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सिविल कार्य भी पात्रता शर्तें बदलकर एक ठेकेदार को दिए गए हैं। अन्य सिंडिकेट ठेकेदारों को भी यूनिट 3 से 9 के CHP, BTG, HPHP और BOP क्षेत्र के AMC व DPR कार्यों में भ्रष्ट तरीके से लाभ दिलाया गया है।

वरिष्ठ अफसरों की मदद के बिना करोड़ों का घोटाला कैसे संभव ?

यह सारा भ्रष्टाचार मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद और समर्थन से हो रहा है। गहन जांच होने पर इसमें निम्न अधिकारी शामिल पाए जा सकते हैं। जिसमें डिप्टी C.E. – भूषण शिंदे, डिप्टी C.E. – श्याम राठौड़, SE (RP) – राजूरकर, EE – जयप्रकाश बोवड, SE (CHP) – दत्तात्रय पिंपळे, SE (MPD) – पारखड़े मैडम, EE – विक्की राठौड़, SE – संजय हिरवे, SE – महेश पराते, श्री डोडल (लेखा विभाग प्रमुख), और अन्य अधिकारी शामिल होने की प्रबल आशंका है। ये चंद अधिकारी भारी रिश्वत और सुविधाएं लेकर सिंडिकेट ठेकेदारों को पात्र ठहराना, बोली प्रक्रिया की गुप्त जानकारी देना, कागजात रोकना आदि तरीकों से भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें मिल रही है।

गोपनीय विभागों में अनधिकृत प्रवेश कैसे ?

कुछ ठेकेदारों के कर्मचारी महाजेनको के रिसोर्स प्लानिंग, MPD, लेखा व अन्य गोपनीय विभागों में अनधिकृत प्रवेश कर भ्रष्ट लेन-देन कर रहे हैं। यह भी सामने आया है। इस पूरे सिंडिकेट और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस की गहन जांच कर उन्हें डिबार / ब्लैकलिस्ट किया जाए, क्योंकि इस भ्रष्टाचार से महाजेनको को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

अधिवेशन में गूंजेगा मामला

महंगाई और बिजली दर लगातार बढ़ रहे हैं, और इस सिंडिकेट के भ्रष्टाचार तथा उत्पादन लागत बढ़ने का पूरा बोझ आम जनता पर पड़ रहा है। यदि इस मामले में तत्काल कार्रवाई और निष्पक्ष जांच नहीं की गई, तो नागपुर में होने वाले शीतकालीन अधिवेशन में आंदोलन कर आम नागरिकों और स्थानीय बेरोजगार ठेकेदारों को न्याय दिलाने के लिए यह मुद्दा उठाए जाने की चेतावनी विविध संगठनों की ओर से मिल रही है।