■ वर्ष 2017 की तुलना में 50 % की वृद्धि
चंद्रपुर.
🔹 8 साल बाद महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला
🔹 बढ़ती महंगाई और पारदर्शिता के लिए खर्च मर्यादा में संशोधन
💰 अब बढ़ेगा प्रचार का बजट, लेकिन नियंत्रण रहेगा कायम
➤ 8 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों की खर्च सीमा में बड़ा संशोधन किया है। इस संशोधन से अब चंद्रपुर महानगर पालिका सहित डी-वर्ग की सभी महानगर पालिकाओं में उम्मीदवार अधिकतम 9 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे।
🏙️ ए से डी वर्ग तक नई खर्च मर्यादा तय
➤ आयोग के नए निर्देशों के अनुसार-
🅰️ ए-क्लास नगर निगम (मुंबई, पुणे, नागपुर) : ₹ 15 लाख
🅱️ बी-क्लास नगर निगम : ₹ 13 लाख
🅲 सी-क्लास नगर निगम : ₹ 11 लाख
🅳 डी-क्लास नगर निगम (19 महानगर पालिकाएँ, जिनमें चंद्रपुर शामिल) : ₹ 9 लाख
➤ यह संशोधन 2017 के बाद पहली बार किया गया है। आयोग का कहना है कि यह कदम चुनावी पारदर्शिता और व्यावहारिकता के बीच संतुलन लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🏡 ग्राम पंचायत चुनावों में भी नई व्यवस्था लागू
➤ खर्च सीमा का यह संशोधन केवल शहरी निकायों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी नये मानक लागू होंगे –
➤ जिला परिषद (71–75 सीटें) : सदस्य के लिए ₹ 9 लाख
➤ पंचायत समिति (उसी क्षेत्र) : ₹ 6 लाख
➤ जिला परिषद (61–70 सीटें) : सदस्य के लिए ₹ 7.5 लाख, समिति के लिए ₹ 5.25 लाख
ग्राम पंचायतों के लिए सीमा :
➤ 7–9 सदस्यीय पंचायत : सरपंच ₹ 75,000, सदस्य ₹ 40,000
➤ 11–13 सदस्यीय पंचायत : सरपंच ₹ 1.5 लाख, सदस्य ₹ 55,000
➤ 15–17 सदस्यीय पंचायत : सरपंच ₹ 2.65 लाख, सदस्य ₹ 75,000
📜 मतदाता सूची भी तय समय पर – पारदर्शिता पर फोकस
➤ आयोग ने घोषणा की है कि प्रभागवार प्रारूप मतदाता सूची 4 नवंबर को जारी होगी।
➤ आपत्तियाँ और सुझाव 11 नवंबर तक लिए जाएंगे।
➤ अंतिम सूची 15 नवंबर तक प्रकाशित होने की संभावना है।
➤ विपक्ष और मनसे द्वारा दी गई शिकायतों के बाद आयोग ने मतदाता सूची की गहन जांच शुरू की है। एक ही व्यक्ति का नाम दो स्थानों पर दर्ज पाए जाने की स्थिति में उसकी पहचान की सघन पड़ताल होगी – इसके बाद ही नाम रखा या हटाया जाएगा।
⚖️ आयोग का स्पष्ट संदेश
➤ राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि “बढ़ती महंगाई और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह संशोधन आवश्यक था।”
➤ सभी उम्मीदवारों को नई सीमा का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई का प्रावधान रहेगा।
🗳️ अंतिम बात :
➤ चंद्रपुर जैसे उभरते नगरों में यह संशोधन न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी को सहज बनाएगा, बल्कि चुनावी खर्च के नाम पर होने वाली अनियंत्रित प्रतिस्पर्धा पर भी लगाम लगाएगा।
➤ अब देखने वाली बात यह होगी कि – क्या नई खर्च सीमा वास्तव में पारदर्शिता लाएगी, या यह केवल एक संख्यात्मक सुधार बनकर रह जाएगी।










