■ LCB और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से दहल उठे आपराधिक गैंग
चंद्रपुर.
बीते कुछ दिनों से चंद्रपुर जिले में जिला पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुदर्शन अपराधिक गैंग की करतूतों पर कहर बनकर टूट रहे हैं। उनकी सक्रियता को लेकर गुनाहगारों में खौफ का माहौल छाया हुआ है। गत सप्ताह ही SP सुदर्शन के निर्देशों पर 2 बड़ी कार्रवाईयों को बखूबी अंजाम दिया गया। इसके चलते अन्य क्षेत्रों में चोरी-छिपे वारदातों को अंजाम देने वाले माफिया भी खौफ के साये में आ गए हैं। SP सुदर्शन की यह कार्रवाईयां आम जनता में सराहना बटोर रही है। चंद्रपुर जिले में हर कोई कानून का राज चाहता है। अपराधिक तत्वों की गैरकानूनी कार्रवाई पर अंकुश लगाने की उम्मीद हर कोई करता है। परंतु इस उम्मीद पर खरा उतरने के लिए प्रशासनीक इच्छाशक्ति बेहद जरूरी है। वर्तमान में SP सुदर्शन इस इच्छाशक्ति को बल देते हुए अपनी भूमिका को बखूबी निभाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
अपराधियों के लिए कड़ा सबक
चंद्रपुर में हाल ही में हुई एक बड़ी चोरी ने न केवल बीएसएनएल को नुकसान पहुंचाया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया कि हमारी महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाएं किस तरह अपराधियों के निशाने पर हैं। लेकिन राहत की बात यह रही कि चंद्रपुर पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर अंतरराज्यीय चोरी गैंग को पकड़कर यह साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति और त्वरित एक्शन हो, तो अपराध कितना भी चतुर क्यों न हो, न्याय से बच नहीं सकता।
तेज दिमाग और सटीक योजना
8 सितंबर 2025 को बीएसएनएल के कनिष्ठ अभियंता अभिजीत जिवणे ने रामनगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 24 लाख रुपये कीमत की कॉपर केबल चोरी हो गई है। यह कोई सामान्य चोरी नहीं थी। अपराधियों ने हेलमेट, जैकेट और बैरिकेड्स का इस्तेमाल कर खुद को मेंटेनेंस वर्कर दिखाया और बीएसएनएल के नाम पर केबल काटकर ले गए। यह उनकी शातिराना सोच को दिखाता है कि किस तरह सार्वजनिक विश्वास का दुरुपयोग किया गया। लेकिन यहाँ चंद्रपुर पुलिस की कार्यकुशलता काबिले-तारीफ रही। स्थानीय अपराध शाखा ने गुप्त सूचना और तकनीकी जांच का उपयोग करते हुए कोसारा रोड पर छिपाए गए ट्रक को खोज निकाला और बदायूं, उत्तर प्रदेश के दो आरोपियों को दबोच लिया। 44.48 लाख रुपये का माल बरामद करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
पुलिस की तत्परता – नई उम्मीद
पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन और अपर पुलिस अधीक्षक ईश्वर कातकड़े के नेतृत्व में अमोल काचोरे की टीम ने जो दक्षता दिखाई, वह चंद्रपुर पुलिस को जनता की नजरों में एक नई ऊँचाई पर ले गई। इतने बड़े पैमाने पर चोरी के बाद महज एक दिन में न केवल माल बरामद हुआ बल्कि अपराधियों को जेल की सलाखों तक पहुंचा देना, यह बताता है कि जब व्यवस्था सजग हो, तो अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं।
चेतावनी – अपराधियों के लिए सख्त संदेश
यह घटना केवल एक चोरी की कहानी नहीं है। यह अपराधियों के लिए चेतावनी है कि चंद्रपुर पुलिस की पैनी नजर से बचना आसान नहीं। यह बीएसएनएल जैसी सार्वजनिक सेवाओं के लिए भी सबक है कि सुरक्षा और निगरानी तंत्र में और मजबूती लाने की जरूरत है। अगर ऐसे मामलों में थोड़ी भी लापरवाही होती, तो नुकसान और बड़ा हो सकता था।
जनता का विश्वास और जिम्मेदारी
जनता ने इस कार्रवाई की जमकर सराहना की है। यह पुलिस पर बढ़ते विश्वास का संकेत है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या बीएसएनएल जैसी एजेंसियां अपनी परिसंपत्तियों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सतर्क हैं? चोरी रोकने के लिए निगरानी कैमरे, गश्त और आंतरिक जांच की प्रक्रियाओं को मजबूत करना समय की जरूरत है।
सजग पुलिस, सुरक्षित समाज
चंद्रपुर की यह घटना बताती है कि जब पुलिस पेशेवर ढंग से काम करे और नेतृत्व दृढ़ हो, तो अपराध कितना भी संगठित क्यों न हो, कानून का डंडा टूट कर पड़ता है। पुलिस की यह उपलब्धि न केवल एक चोरी का पर्दाफाश है, बल्कि समाज में यह विश्वास जगाती है कि व्यवस्था जागरूक है। अब आवश्यकता इस जागरूकता को हर स्तर पर बनाए रखने और सुरक्षा तंत्र को और सुदृढ़ करने की है, ताकि आने वाले समय में ऐसी वारदातें शुरू होने से पहले ही रोकी जा सकें।
ड्रग्स माफिया के लिए कड़ा संदेश
चंद्रपुर शहर, जो गणेश उत्सव के उल्लास में डूबा हुआ था, वहां के पडोली चौक क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसी कार्रवाई की जिसने सभी को चौंका दिया। गणेश विसर्जन के दिन जब सड़कों पर बप्पा की विदाई के गीत गूंज रहे थे, उसी वक्त नशे के कारोबारियों ने अपने मुनाफे के लिए शहर की पवित्रता को कलंकित करने की योजना बनाई। लेकिन चंद्रपुर पुलिस की सजगता और तेज कार्रवाई ने न सिर्फ इस साजिश को नाकाम कर दिया बल्कि यह भी साबित किया कि कानून के रक्षक हर परिस्थिति में सतर्क हैं।
कार्रवाई की बारीकियां
स्थानीय अपराध शाखा को गोपनीय सूचना मिली कि पडोली चौक क्षेत्र में ब्राउन शुगर की तस्करी होने वाली है। पुलिस ने सतर्कता से जाल बिछाया और आरोपी नितिन उर्फ छोटू शंकर गोवर्धन की कार (MH-34 BR-7765) को रोका। तलाशी लेने पर वाहन से 298 ग्राम ब्राउन शुगर/हेरोइन बरामद की गई। आरोपी छोटू गोवर्धन और उसके साथी साहिल सतीश लांबदुरवार को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उनके कब्जे से कार, नकद राशि, मोबाइल फोन और ड्रग्स समेत कुल 30,19,550 रुपये का माल जब्त किया।
त्योहार की आड़ में अपराध
गणेश विसर्जन जैसे धार्मिक अवसर पर नशे का यह कारोबार केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर चोट है। त्योहारों के समय पुलिस बल सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण में व्यस्त रहता है। तस्करों ने इसी व्यस्तता का फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन चंद्रपुर पुलिस ने उनकी चालाकी को ध्वस्त कर दिया। यह घटना बताती है कि नशे का यह नेटवर्क कितना संगठित और साहसी हो चुका है कि वह धार्मिक पर्वों का भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकता।
पुलिस की सराहनीय भूमिका
पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुदर्शन के नेतृत्व और स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक अमोल काचोरे की देखरेख में यह कार्रवाई न केवल कानून-व्यवस्था की मजबूती का संकेत है बल्कि जनता के बीच विश्वास का नया आधार भी बनी है। इतने बड़े नेटवर्क को पकड़ना केवल त्वरित कार्रवाई नहीं, बल्कि योजनाबद्ध रणनीति और उच्च स्तर की प्रोफेशनलिज़्म का उदाहरण है।
ड्रग्स नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना चुनौती
यह गिरफ्तारी महज शुरुआत है। ड्रग्स तस्करी की जड़ें अक्सर शहर से बाहर तक फैली होती हैं। पुलिस के लिए यह जरूरी है कि वे इस नेटवर्क के सप्लायर, वित्तीय मददगार और ग्राहकों तक पहुंचें। ऐसे मामलों में केवल पकड़ने से ज्यादा, पूरे तंत्र को ध्वस्त करना महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह घटना प्रशासन और समाज दोनों के लिए चेतावनी है कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास की मांग करती है।
सामाजिक जिम्मेदारी
नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना उतना ही जरूरी है जितना कि अपराधियों को पकड़ना। माता-पिता, शिक्षक, और समाज के प्रभावशाली लोग युवाओं को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करें। त्योहारों के दौरान अतिरिक्त सतर्कता और सामुदायिक निगरानी भी इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद कर सकती है।
नशे के खिलाफ सख्ती ही समाधान
चंद्रपुर पुलिस की यह कार्रवाई उन अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि चाहे अवसर कितना भी चतुराई से चुना गया हो, कानून से बचना संभव नहीं। यह सफलता बताती है कि जब पुलिस सतर्क हो और समाज जागरूक, तब किसी भी अवैध गतिविधि को पनपने नहीं दिया जा सकता। अब ज़रूरत है कि इस अभियान को लगातार जारी रखते हुए ड्रग्स माफिया के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाए, ताकि चंद्रपुर जैसे शहरों की सड़कों पर केवल भक्ति के गीत गूंजें, न कि नशे का अंधेरा फैले।










