बल्लारपूर: विसापूर की महिलाओं का गुस्सा – पाणंद रास्तों की बदहाली पर फूट पड़ा आक्रोश

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बल्लारपूर : विसापूर गाँव में पाणंद रास्तों (कृषि मार्गों) की खराब हालत ने स्थानीय महिला किसानों का गुस्सा भड़का दिया। तहसील प्रशासन द्वारा आयोजित ‘सेवा पंधरवडा’ अभियान के तहत शिवार फेरी के दौरान महसूल अधिकारी आरती दुलत जब सड़कों का निरीक्षण करने पहुँचीं, तो महिलाओं ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। यह घटना छत्रपती शिवाजी महाराज राजस्व अभियान के हिस्से के रूप में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चल रहे इस अभियान में सामने आई, जहाँ पाणंद रास्तों की मरम्मत का वादा किया गया था।

विसापूर गाँव की सरपंच वर्षा कुळमेथे, उपसरपंच अनेकश्वर मेश्राम और ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में महिला किसान इस फेरी में शामिल हुईं। लेकिन सड़कों की बदहाली देखकर माहौल गरम हो गया।

कीचड़ भरे रास्तों में फँसी बैलगाड़ी, भड़का गुस्सा

फेरी के दौरान एक बैलगाड़ी कीचड़ भरे रास्ते में फँस गई, जिसने सभी का ध्यान खराब सड़कों की ओर खींच लिया। महिला किसानों ने साफ कहा, “ये सिर्फ दिखावा न करें, हमारे दर्द को समझें और रास्तों को तुरंत ठीक करें!” आशा काळे, मंजुषा पावडे, छाया टोंगे, प्रितम पाटणकर, सुलभा टोंगे जैसी महिलाओं ने प्रशासन को कड़ी नाराजगी जताई।

उनका कहना था कि इन खराब रास्तों के कारण फसलें ढोना मुश्किल हो गया है, जानवरों को ले जाना असंभव है, और किसानों-महिलाओं का आवागमन बाधित है। एक महिला ने गुस्से में बोला, “ये रास्ते नहीं, कीचड़ के गड्ढे हैं!” महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपूर तहसील में विसापूर जैसे ग्रामीण इलाकों में पाणंद रास्ते किसानों की जीवनरेखा हैं, जो फसल परिवहन और दैनिक कार्यों के लिए जरूरी हैं। लेकिन मानसून के बाद की बारिश से ये रास्ते अक्सर जर्जर हो जाते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।

आंदोलन की धमकी, प्रशासन पर दबाव

महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि पाणंद रास्तों की समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगी। शारदा पावडे, मंदा टोंगे, ललिता टोंगे जैसी महिलाओं ने कहा, “हमारी बात न सुनी गई, तो हम चुप नहीं रहेंगी।” इस आक्रोश ने तहसील प्रशासन और ग्राम पंचायत को हिलाकर रख दिया है। विसापूर और आसपास के क्षेत्रों में ऐसी समस्याएँ आम हैं, और यदि समय रहते मरम्मत नहीं हुई, तो किसानों का विरोध और तेज हो सकता है।