एटापल्ली :- ग्रामीण इलाकों में एक मशहूर कहावत है, ‘अगर बाड़ ही खेत खा रही है तो हम किससे पूछें?’ पिछले कई दिनों से एटापल्ली तालुका में कुछ ऐसा ही चल रहा है. एटापल्ली तालुका में इस समय जोरदार चर्चा चल रही है कि प्रशासन, जो आम गरीब लोगों पर कानून का दायरा बढ़ाता है, दबंगों के साथ मिलकर और तालुका की माध्यमिक संपत्ति को खत्म करके अपने आर्थिक उद्देश्य को पूरा करने में खुश है। इसका उदाहरण चार दिन पहले रविवार 18 अगस्त को सामने आया है।
विस्तृत रिपोर्ट यह है कि एटापल्ली तालुक के जरावंडी में राजस्व भवन में एक नाले का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए ठेकेदार ने रविवार रात 11 बजे के बीच रेत का परिवहन किया और राजस्व भवन में भंडारण किया ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की गयी है, जरावंडी साजा के तलाठी ने बताया कि ठेकेदार कौन है, इसकी तलाश की जा रही है, लेकिन घटना स्थल पर वास्तव में काम शुरू हो चुका है, अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
इस तरह कुछ दिन पहले जरावंडी में अवैध बालू परिवहन कर रहे दो ट्रैक्टरों को जब्त कर उसी राजस्व भवन में रखवा दिया गया था, जिससे ट्रैक्टरों की सुरक्षा को लेकर भंडारण पर सवाल उठ रहा है।लोग सवाल यह उठा रहे है कि जिन अधिकारियों ने कानून का दायरा बढ़ाकर आम लोगों को सजा दी है और जो अधिकारी साधारण बैलगाड़ी के भी नहीं छोड़ते हैं, उनके ही घर में चोरी हो रही है तो वे कैसे आंख,कान और मुंह बंद कर के अनदेखा कर सकते हैं।