Political storm in Chandrapur: Ravindra Shinde joins BJP before the election for the post of CDCC Bank President, a big blow to Congress
चंद्रपुर, 15 जुलाई 2025: चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद के चुनाव से ठीक पहले जिले की सियासत में भूचाल आ गया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के जिला प्रमुख और बैंक के वर्तमान निदेशक रवींद्र शिंदे ने मंगलवार को अपने कुछ समर्थक निदेशकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का ऐलान कर दिया। यह सियासी ड्रामा उस वक्त सामने आया, जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, विधायक बंटी भांगड़िया, किशोर जोरगेवार और करण देवताले की मौजूदगी में भव्य पक्ष प्रवेश समारोह आयोजित हुआ।
इस घटनाक्रम ने न केवल जिला बैंक के सत्ता समीकरण को पूरी तरह पलट दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब बैंक की बागडोर भाजपा के हाथों में जाने की संभावना प्रबल हो गई है।
11 साल बाद बदला समीकरण
लगभग 11 साल बाद हुए जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चुनाव में इस बार भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहे इस बैंक में भाजपा ने इस बार पहले से कहीं अधिक निदेशक जितवाने में सफलता हासिल की। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी अपने इस किले को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की थी। लेकिन रवींद्र शिंदे के भाजपा में शामिल होने ने कांग्रेस की सारी रणनीतियों पर पानी फेर दिया।
भाजपा की रणनीति का बड़ा दांव
सियासी गलियारों में चर्चा है कि रवींद्र शिंदे का यह कदम न सिर्फ उनका व्यक्तिगत फैसला है, बल्कि जिला बैंक की सत्ता पर कब्जा करने की भाजपा की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। उनके इस कदम ने न केवल बैंक के सत्ता समीकरण को बदल दिया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर दिया है कि अब बैंक पर भाजपा का नियंत्रण लगभग तय है।
जिले की सियासत पर भी असर
इस सियासी उलटफेर का असर सिर्फ जिला बैंक की राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा। जानकारों का मानना है कि इसका चंद्रपुर जिले की आगामी सियासत पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। रवींद्र शिंदे के इस कदम ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया है। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इस झटके से उबर पाएगी, या फिर भाजपा जिले की सियासत में और मजबूत होगी?
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का यह चुनाव अब पहले से कहीं ज्यादा रोमांचक हो गया है। सियासी हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि यह घटना चंद्रपुर की सियासत में नए समीकरणों को जन्म देगी। सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि बैंक की सत्ता का अगला अध्याय क्या होगा और इसका जिले की सियासत पर क्या असर पड़ेगा।