■ मीडिया ने क्या लिखा ? और निष्ठावान कार्यकर्ता अब क्या करें ?
चंद्रपुर.
चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक CDCC के चुनाव में जहां कांग्रेस और भाजपा का अंदरुनी कलह तथा गुटबाजी उभरकर जनता के सामने आ रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा के नेतागण एक ही कार में सफर करते हुए कैमरे में कैद कर लिये गये। इसके बाद स्थानीय मीडिया ने इसे ‘अभद्र युती’ करार दिया। कांग्रेस सांसद प्रतीभा धानोरकर एवं राजुरा के भाजपा विधायक देवराव भोंगले एक ही कार (MH31FRO123) में बैठकर जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन भवन से बाहर निकलते हुए देखे गये।
एक-दूसरे दल के खिलाफ बयानबाजी कहीं दिखावा तो नहीं ?
जबकि जिले की समस्याएं व अहम मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा को कभी एकसाथ नहीं देखा गया, चाहे फिर वह बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के मामले हो। एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने वाले कांग्रेस-भाजपा का यह गठबंधन भौंओं को खड़े करने जैसी बात दैनिक लोकमत ने लिखी है। इसलिए सवाल यह पैदा होता है कि समय-समय पर राजनेता जब एक-दूसरे दल के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, वह क्या केवल दिखावा होता है ?
निष्ठावान कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति
वैसे तो चंद्रपुर जिले के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है जब कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच आपसी मेल-मिलाप न हुआ हो। लेकिन जब-जब ऐसे मेल-मिलाप होते हैं, कांग्रेस और भाजपा में सक्रिय रूप से सेवारत निष्ठावान कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति निर्माण हो जाती है।
कार्यकर्ताओं को गहन चिंतन की आवश्यकता
जो निष्ठावान कार्यकर्ता अपने पूरे जीवन भर में अपने राजनीतिक दल के लिए लड़ते-लड़ते विरोधी दल से बैर कर बैठते हैं, कभी-कभी तो अपने दल की बात मनवाने अपने ही मित्रों और विरोधी दल समर्थकों से भिड़ जाते हैं, उनके दिलों में अब राजनेताओं के मिलन की तस्वीरें नये प्रश्न पैदा कर रहा है। कार्यकर्ताओं के दिमाग में उपजने वाले राजनीतिक बैर पर इन कार्यकर्ताओं को दोबारा से गहन चिंतन करना होगा। क्योंकि जहां वित्तीय अर्थात बैंक के चुनाव जैसा मामला सामने आता है तो कांग्रेस-भाजपा एक हो जाती है। ऐसे में विविध दलों के कार्यकर्ता आपसी रंजीश और बैर के साथ राजनीति के मैदान में क्यों उतरे ?