श्रेयवाद की बीमारी : ऊपर से नीचे तक बहने लगी !

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■ फंड सरकारी, काम प्रशासनिक और श्रेय लेने से क्या मिल पाएगा चुनावी टिकट ?

चंद्रपुर.
चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो, इन दिनों श्रेय लेने की होड़ एक बीमारी की तरह सर्वत्र फैल चुका है। केंद्र और राज्य स्तर पर भी श्रेय लेने की होड़ आम कार्यकर्ता देखते आ रहे हैं। इसी का यह दुष्परिणाम है कि अब निचले स्तर के कार्यकर्ता भी छोटे-छोटे इवेंट में श्रेय लेने की बीमारी से ग्रस्त होने लगे हैं। हाल के दिनों में चंद्रपुर में 2 विधायकों द्वारा एक ही विकास कार्य का 2 बार उद्धाटन कर श्रेय लेने की होड़ मचा दी थी। इसका दुष्परिणाम उनके कार्यकर्ताओं पर पड़ना स्वाभाविक है। प्राथनिधित्व स्वरूप में भले ही हम एक उदाहरण पेश कर रहे हो, लेकिन ऐसे अनेक उदाहरण अब हर बस्ती और प्रत्येक गांव में नजर आने लगे हैं। फंड सरकारी होता है, काम प्रशासनिक चलता है, और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता निर्माण स्थल पर पहुंचकर फोटो खींचवा लेते है। इसके बाद यह कार्य उनके ही प्रयासों से सफल हो पाया, यह जनता को दिखाने की बचकानी कोशिशें करने लगते हैं। इसके चलते सजग नागरिकों में राजनीतिक दलों व उनके नेताओं की नीतियों का पर्दाफाश होने लगा है।

ज्ञात हो कि चंद्रपुर महानगर पालिका की ओर से बीते अनेक दिनों से मानसून पूर्व तैयारी को लेकर नाले सफाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जाहिर सी बात है कि यह कार्य प्रत्येक स्थान पर होना है। लेकिन कहीं पर यह कार्य पहले और कहीं पर यह कार्य बाद में होगा। एक ही दिन में हर स्थान पर सफाई हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में जहां जिस स्थान पर इस कार्य की शुरुआत होना बाकी है, वहां पहुंचकर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता फोटो खींचवा ले रहे हैं। सच तो यह है कि यदि वे वहां न भी पहुंचे तो वहां का सुधार कार्य सहजता से हो जाएगा। क्योंकि प्रशासन के नियोजन शहर के प्रत्येक स्थल पर मौजूद नालों की सफाई का प्रावधान हो चुका है। ऐसे में राजनीतिक चेहरे चमकाने और श्रेय लेने की होड़ बेकार की कसरत ही कही जा सकती है।

बहरहाल शहर के सभी प्रमुख नालों सहित आंतरिक नालों की सफाई अभियान जोर-शोर से चल रहा है। गटर सफाई व सड़कों के गड्ढे भरे जा रहे हैं। इस कार्य को मनपा प्रशासन की ओर से अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन इसका श्रेय लेने के लिए कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता प्रयासरत हैं। इसका एक ठोस उदाहरण चंद्रपुर शहर के तुकूम के शास्त्रीनगर इलाके में देखने को मिला। भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी सुनील डोंगरे ने एक स्थल पर पहुंचकर फोटो सेशन किया और फिर यह दावा करते हुए देखे गये कि यह कार्य उनके प्रयासों से हो रहा है। सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर वे खुद का प्रचार करने लगे। उनके इस करतूत की अब आलोचना होने लगी है। श्रेय लेने की यह बीमारी ऊपर से नीचे तक बहने की चर्चा और ऐसी हरकतों की निंदा लोग करने लगे है।