चंद्रपुर में बढ़ते अपराध, सुगंधित तंबाखू ,नशीले पदार्थों से युवाओं को बचालो सरकार नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ी – बड़ी कार्रवाई फिर भी नहीं रुक रहा कारोबार

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चंद्रपुर में बढ़ते अपराध, सुगंधित तंबाखू ,नशीले पदार्थों से युवाओं को बचालो सरकार

स्थानीय अपराध शाखा की दर्जनों कार्रवाई में भारी मात्रा में जब्त नशीले पदार्थ और हथियार

नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ी – बड़ी कार्रवाई फिर भी नहीं रुक रहा कारोबार

चंद्रपुर :

फिल्म उड़ता पंजाब में ड्रग्स के नशे में डूबी दुनिया को पर्दे पर उतारा गया है इसमें दिखाया गया है कि नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। इन दिनों कुछ ऐसा ही चंद्रपुर जिले के युवाओं में देखने को मिल रहा है। शहर की युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है।

वहीं जवान हो रही पीढ़ी (12 से 20 साल) में नशे की लत तेजी से फैल रही है। यह नशा शराब या सिगरेट, खर्रा, सुगन्धित तंबाखू गुटखा का तो था ही पर अब गांजा, मेफ़्ड्रोन, अफीम, स्मैक और नशीली दवाओं का है। इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। कई का तो मनो चिकित्सालयों में इलाज भी चल रहा है, वहीं इस नशे के आदि होने के बाद से क्षेत्र में क्राईम भी बढ़ते जा रहे है।

बढ़ रहा है क्राइम

क्षेत्रमें युवा पिढ़ी द्वारा नशे के ज्यादा आदि हो जाने के बाद से क्षेत्र में हत्या,चोरी, लूटपाट, मारपीट जैसी घटना लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं अब क्षेत्र में चंद रुपयों के कारण युवाओं लूट करते नजर रहे है। क्षेत्र में पिछले दो वर्षों के आकड़े देखे जाये तो क्षेत्र में हुई चोरी, लूटपाट सहित हत्या की वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के आरोपी देखने को मिले हैं।

2024 में चंद्रपुर जिले में नशीले पदार्थों के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई के आंकड़े सामने आए हैं। 2022 और 2023 की तुलना में 2024 में स्थानीय अपराध शाखा को बड़ी सफलता मिली है। सालभर में कुल 13,84,430 रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। जब्त किए गए नशीले पदार्थों में ब्राउन शुगर, एम.डी. पाउडर और गांजा शामिल हैं। हालांकि यह कार्रवाई संतोषजनक मानी जा रही है, लेकिन जिलेभर में नशीली पदार्थों का नेटवर्क अभी भी फैला हुआ है।

विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में गांजा आसानी से उपलब्ध होने की चर्चाएँ हो रही हैं। चिंता की बात यह है कि कम उम्र के बच्चे भी इस लत के शिकार हो रहे हैं।

तीन साल के आंकड़े: 2022, 2023 और 2024 में कार्रवाई की तुलना

  • 2022: कुल 33,74,180 रुपये का गांजा जब्त, 12 मामलों में 17 आरोपियों की गिरफ्तारी।
  • 2023: 37,32,495 रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त, जिनमें 165.264 किग्रा गांजा, 174 ग्राम चरस, 1.518 किग्रा डोडा पाउडर और 198 ग्राम एम.डी. पाउडर शामिल। इस दौरान 46 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
  • 2024: कुल 13,84,430 रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त, जिनमें 125.699 किग्रा गांजा, 7.12 ग्राम ब्राउन शुगर और 22.808 ग्राम एम.डी. पाउडर शामिल। इस दौरान 28 अभियानों में 45 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।

शस्त्र बरामदगी में रिकॉर्ड वृद्धि, चंद्रपुर में बढ़ती हिंसा चिंता का विषय

2024 में स्थानीय अपराध शाखा द्वारा जब्त किए गए हथियारों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। चंद्रपुर में बढ़ते अपराध और अवैध हथियारों की संख्या को देखकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह जिला ‘नया बिहार’ बन रहा है?

पिछले तीन वर्षों में जब्त किए गए हथियारों के आंकड़े:

  • 2022: कुल 66 अभियानों में 6 आग्नेयास्त्र, 11 जिंदा कारतूस, 49 तलवार और अन्य हथियार जब्त।
  • 2023: 6 आग्नेयास्त्र, 6 जिंदा कारतूस, 200 ग्राम बारूद सहित कुल 53 हथियार जब्त।
  • 2024: अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी, 30 आग्नेयास्त्र, 124 जिंदा कारतूस, 126 तलवार और अन्य हथियार जब्त।
  • तीन सालों में कुल 334 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

2024 में अपराध की घटनाएँ और पुलिस की चुनौतियाँ

2024 में चंद्रपुर जिले में हत्या, गोलीबारी, बमबारी और डकैती जैसी घटनाओं ने शहर को हिलाकर रख दिया। अपराधों के बढ़ते ग्राफ ने स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया। इस माहौल को देखते हुए पुलिस ने हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और बड़ी संख्या में अवैध हथियार जब्त किए।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई बंदूक बिहार से लाई गई थी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि चंद्रपुर में बाहर के राज्यों से अवैध हथियारों की आपूर्ति हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े स्तर पर हो रही हथियारों की तस्करी की भनक पुलिस को क्यों नहीं लग पा रही?

अवैध सुगंधित तंबाखू का जिले में बेखौफ चल रहा कारोबार

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 2012 से गुटखे के उपभोग एवं बिक्री पर प्रतिबंध है।महाराष्ट्र सरकार गुटखा का अवैध व्यापार करने वालों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत 6 Feb 2020 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और पुलिस अधिकारियों के उन अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे जिनके क्षेत्र में गुटखा का भंडारण एवं परिवहन होता है।

व्यापक कार्रवाई नहीं

2012 में प्रतिबंध की घोषणा के बाद से, महाराष्ट्र ने ₹171 करोड़ का गुटखा जब्त किया है। राज्य ने 3,727 एफआईआर दर्ज की हैं और 4,600 अदालती मामले अदालत में लंबित हैं।

महाराष्ट्र में तंबाकू पर प्रतिबंध 2012 से लागू है, लेकिन एक शक्तिशाली गुटखा लॉबी के दबाव और पड़ोसी राज्यों से तस्करी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। महाराष्ट्र में तंबाकू की बिक्री पर छह महीने की जेल की सजा का प्रावधान है, जबकि मौजूदा कानूनों के तहत इसे बेचना जमानती अपराध है।सरकार ने 2018 में विधानसभा में घोषणा की थी कि सजा को बढ़ाकर तीन साल जेल कर दिया गया है और अपराध को गैर-जमानती बना दिया गया है।

चंद्रपुर जिले में अवैध सुगंधित तंबाखू गुटखा पर दर्जनों कार्रवाई प्रशासन द्वारा की गई लाखों का मुद्देमाल जप्त किया गया परन्तु आज तक सुगंधित तंबाखू गुटखा के मुख्य व्यापारियों पर मकोका के तहत कार्रवाई क्यूं नहीं की गई हैं?

किसके आशीर्वाद से चल रहा है सुगंधित तंबाखू का कारोबार ?

सरकारें समय-समय पर तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री से संबंधित नियमों को सख्त करती रहती हैं, कुछ पाबंदियां लगा देती हैं, लेकिन नशे के कारोबारी उनका ‘तोड़’ ढूंढ़ लेते हैं। वे ऐसा करके किसका नुकसान करते हैं? निस्संदेह युवाओं का ही नुकसान करते हैं। भारत के एक राज्य में बिक्री पर पाबंदी लगी हुई है, जबकि उसके पड़ोसी राज्य में बिक्री की छूट है। उस राज्य के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रशासन को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। सरकार नियम बना सकती है, कुछ सख्ती बरत सकती है, नशीले पदार्थों के सेवन को हतोत्साहित कर सकती है, लेकिन आखिरकार जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन पर ही आती है। उन्हें नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए इच्छाशक्ति दिखानी होगी। युवाओं की नशे की लत से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

जिले में सुगंधित तंबाखू का कारोबार रोकने में प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा है। सुगंधित तंबाखू व्यापारियों को कानून का कोई डर नहीं रहा उन्होंने अपने कारोबार के लिए गुंडे पाल रखे हैं। उनका कहना है हमारा कारोबार कोई नहीं बंद करवा सकता सुगंधित तंबाखू गुटखा पर कई अखबारों में पत्रकारों द्वारा खबर लिखी गई है। परंतु अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।सुगंधित तंबाखू के मुख्य व्यापारियों कौन हैं पूरे जिले के नागरिकों को पता सिर्फ प्रशासन को खबर नहीं होती।

निष्कर्ष: अपराध पर नियंत्रण के लिए और सख्ती की जरूरत

चंद्रपुर में नशीले पदार्थों और हथियारों की बरामदगी के आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि जिले में अपराध की गंभीर समस्या बनी हुई है। पुलिस की कार्रवाई से अपराधियों पर कुछ हद तक शिकंजा कसा गया है, लेकिन अभी भी मुख्य मास्टरमाइंड और बड़े अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को अधिक सतर्कता, आधुनिक जांच तकनीकों और बेहतर नेटवर्किंग की जरूरत है। वरना चंद्रपुर में अपराध का बढ़ता ग्राफ इसे ‘उड़ता चंद्रपुर’ की ओर धकेल सकता है।