RTO की लापरवाही : सूरजागड़ को छूट, कपास पर शिकंजा गोंडपिपरी का कपास जिनिंग उद्योग संकट में

24

 

चंद्रपुर :

जिले के गोंडपिपरी तहसील में स्थित रासबिहारी, वृंदावन, हिती, और श्याम कॉटन जिनिंग इकाइयों में कपास की आवक में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। यह क्षेत्र कपास उत्पादन का प्रमुख केंद्र है, जहां तेलंगाना से भी बड़ी संख्या में किसान धाबा, पोडसा और हिवरा भंगाराम मार्ग के जरिए कपास बेचने आते थे। हालांकि, हाल के दिनों में सीमावर्ती क्षेत्रों और मार्गों पर RTO (क्षेत्रीय परिवहन विभाग) की बढ़ती उपस्थिति और कार्रवाई ने कपास उत्पादकों के बीच भय का माहौल बना दिया है।

श्रमिकों और युवाओं पर पड़ा असर  

गोंडपिपरी तहसील में खेती ही आजीविका का मुख्य साधन है। जिनिंग उद्योग और कपास बिक्री पर निर्भर किसान, मजदूर, और युवा रोजगार के संकट का सामना कर रहे हैं।

– कपास मजदूरों की बेरोजगारी : जिनिंग इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है।

– व्यापार पर मंदी का प्रभाव : स्थानीय व्यापारी और युवा, जो कपास खरीदने और बेचने का व्यवसाय करते हैं, उनकी आजीविका भी प्रभावित हुई है।

RTO और परिवहन विभाग पर आरोप  

गांव वालों और किसानों ने आरोप लगाया है कि RTO और जिला परिवहन विभाग नियमों का पालन करवाने के बजाय आर्थिक शोषण कर रहे हैं।

– तेलंगाना से आने वाले कपास वाहनों को सीमा पर रोककर उनके दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है।

– इस अनावश्यक कार्रवाई के कारण किसान और व्यापारी कपास बेचने से बच रहे हैं।

 

सूरजागड़ के ओवरलोड वाहनों पर ढिलाई  

गांव के लोगों और शिवसेना के तहसील प्रमुख सूरज माहूरवार ने प्रशासन की दोहरी नीति की ओर ध्यान दिलाया।

– सूरजागड़ से लोहा ले जाने वाले ओवरलोड वाहन नियमित रूप से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

– प्रशासन पर गरीब और छोटे किसानों पर कड़ी कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है।

प्रशासन से की गई अपील  

शिवसेना के तहसील प्रमुख ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से इस मामले में हस्तक्षेप करने और किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।

RTO की लापरवाही बनी किसानों के लिए बड़ा संकट

गोंडपिपरी के किसानों और व्यापारियों ने जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की अपील की है ताकि कपास की बिक्री को बढ़ावा मिले और क्षेत्र में रोजगार के अवसर वापस आ सकें।