चंद्रपुर:
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के लोडर मजदूर और ठेका श्रमिक पिछले कई वर्षों से अपनी जायज़ मांगों को लेकर आंदोलित हैं। इन मांगों को लेकर कंपनी द्वारा बार-बार अनदेखी किए जाने के चलते एक बार फिर मजदूरों ने आंदोलन का रुख अपनाया है।
मजदूरों के बीच नाराज़गी
विजय क्रांति मजदूर संघ का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को विश्वास में लिए बिना गुप्त समझौतों पर हस्ताक्षर कर उनके साथ छल किया है। 1 दिसंबर से एलटी भत्ते (LTA Allowance) को वेतन में शामिल करने का वादा किया गया था। लेकिन भत्ते दिए बिना ही नए श्रमिकों को भ्रमित कर दिया गया, जिससे उनमें असंतोष फैल गया है।
काम बंद आंदोलन
एलएंडटी मजदूर संघ के पूर्व सांसद नरेश पुगलिया और महासचिव साईनाथ बुचे के नेतृत्व में मजदूरों ने काम बंद आंदोलन शुरू कर दिया है।
उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- निलंबित लोडर मजदूरों को वापस काम पर लिया जाए।
- चिकित्सा भत्ता, यात्रा भत्ता और एलटीए को पूर्ववत बहाल किया जाए।
- मजदूरों की अन्य लंबित मांगों को तुरंत स्वीकारा जाए।
- मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
नेताओं का समर्थन
मजदूरों को स्थानीय विधायक देवराव भोंगळे का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, “कंपनी का यह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी की बैठक में प्रबंधन ने निलंबित मजदूरों को बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ अधिकारी निजी स्वार्थ के कारण मजदूरों पर अन्याय कर रहे हैं। मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए मैं उनके साथ खड़ा हूं।”
कंपनी को नुकसान
आंदोलन के कारण 24 घंटे से कंपनी का निर्यात ठप है, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। मजदूरों के मुताबिक, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
विश्लेषण:
यह आंदोलन केवल मजदूरों की शिकायतों का परिणाम नहीं है, बल्कि प्रबंधन और श्रमिकों के बीच संवाद की कमी का भी नतीजा है। ऐसी स्थिति में समाधान के लिए दोनों पक्षों को मिलकर वार्ता करनी होगी, ताकि कंपनी और मजदूर दोनों को नुकसान न हो।